बालिका है तो आज हम हैं, कन्या बिना सृष्टि और पुरूष दोनों का विनाश- चम्बल आयुक्त अग्रवाल
समाज सेवा और और बालिका संरक्षण दुष्कर व भीष्म कार्य – कलेक्टर मुरैना – अग्रवाल
मुरैना 26 सितम्बर 09, विगत 22 सितम्बर 09 को यहॉं विख्यात समाज सेवी संस्था अभ्युदय आश्रम के सभागृह में चम्बल आयुक्त श्री एस.डी.अग्रवाल, मुरैना जिला कलेक्टर श्री एम.के. अग्रवाल ने स्वयंसेवी संस्था ''संस्कृति'' द्वारा गिरते कन्या लिंग अनुपात पर आयोजित दिशा निर्देशन कार्यक्रम के दौरान शिरकत करते हुये अभ्युदय आश्रम की बालिकाओं व बालकों द्वारा प्रस्तुत सांध्य भजन प्रार्थना में भाग लेकर अंचल के समाजसेवी क्षेत्र को अति उपयोगी महत्वपूर्ण निरूपित करते हुये इसका सम्यक उपयोग एवं सद्भावपूर्ण संचालन पर बल दिया ।
कार्यक्रम में अनेक राष्ट्रीय व उत्कृष्ट पुरूस्कारों से सम्मानित व विभूषित प्रसिद्ध समाजसेवी रामसनेही, डॉं एच .सी.शर्मा, डा. गजेन्द्र सिंह तोमर, डॉ. आर.सी.बादिल एवं संस्कृति संस्था के संचालक व कन्या शिशु बचाओ अभियान के संयोजक देवेन्द्र सिंह तोमर भी मंचासीन थे ।
इस अवसर पर चम्बल आयुक्त श्री एस.डी. अग्रवाल ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में अभ्युदय आश्रम एवं समाजसेवी रामसनेही की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुये उन्हें समाजसेवियों के लिये प्रेरणास्त्रोत बताया । श्री अग्रवाल ने कहा कि बच्चियॉं सृष्टि का भविष्य हैं, सृष्टि की संचालक, वाहक एवं पालक हैं उनके बगैर मानव पीढ़ी के भावी संसार की कल्पना नहीं की जा सकती । बच्चियॉं जहॉं हमारी बेटियॉं हैं वहीं उनके कई अलग रूप हमारे आस पास कभी बहिन के रूप में, कभी मॉं के रूप में तो कभी पत्नी के रूप में सदा रहते हैं । बेटियॉं नहीं रहेंगीं तो न मॉं रहेगी , न बहिन मिलेगी न पत्नी । हमें अपना अस्तित्व बचाना है या सुरक्षित रखना है तो सबसे पहले बेटियों को सुरक्षित रखना होगा ।
मुरैना जिला कलेक्टर श्री एम.के. अग्रवाल ने इस अवसर पर अपने मार्गदर्श एवं प्रोत्साहनदायक सम्बोधन में कहा कि आजकल मॉं दुर्गा का शक्ति या स्त्री के श्रेष्ठतम स्वरूप का नवदुर्गा आराधना अर्चना का काल चल रहा है , हमारी संस्कृति में स्त्री को उच्चस्तरीय श्रेष्ठता दर्जा व मान्यता आदिकाल से ही प्राप्त रही है इसीलिये हम वर्ष में दो बार स्त्री शक्ति पूजा के सर्वोत्तम पर्व नवरात्रियों को वर्ष में दो बार मनाते हैं, इसके अतिरिक्त स्त्री शक्ति की ही कभी मॉं जगदम्बा जगज्जननी तो कभी दस महाविद्या के रूप में अर्चना उपासना करते हैं , ब्रह्मा विष्णु और महेश जैसे त्रिदेव भी आदिशक्ित जगज्जननी मॉं की आराधना कर ईश्वर और सृष्टि के नियामक, नियन्ता व संहारक शक्तियों से समृद्ध हैं । शक्ति यानि स्त्री की श्रेष्ठता व उसकी रक्षा पूजा उपासना अर्चना से हमारे धार्मिक ग्रथ भरे पड़े हैं फिर भी कई लोग बालिक का महत्व नहीं जानते और मूढ़ होकर प्रकृति की सर्वश्रेष्ठ वरदान स्वरूप कन्या रत्न को भी त्याग देते हैं जिससे उनका व समाज का घोर अनर्थ होता है और कई काल तक यह पाप समाज को पीड़ायें देकर सताता है । श्री अग्रवाल ने रामसनेही की समाजसेवा और अभ्युदय आश्रम की मुक्त कण्ठ से प्रशंसा करते हुये कहा कि ऐसे लोग कुदरत बड़ी मुश्किल से पैदा करती है जो कि दूसरों के लिये अनुकरणीय मिसाल बनें । मैंने रामसनेही जी का काम लम्बे समय तक देखा है और ऐसे समाजसेवी की लम्बी उम्र व स्वस्थ जीवन की मैं कामना करता हूँ , श्री अग्रवाल ने कन्या लिंगानुपात पर अंचल की स्थिति पर प्रकाश डालते हुये कहा आज से पन्द्रह बीस साल पहले अंचल में कन्याओं की स्थिति यहॉं काफी बदतर थी लेकिन सरकारी प्रयासों और योजनाओं के जरिये तथा समाजसेवियों एवं समाजसेवी संस्थाओं द्वारा कमर कस कर उठ खड़े होने के बाद चार साल पहले इस अभियान की जो अलख जगाई गयी थी उसका असर साफ तौर पर नजर आने लगा है और लोग अब जागरूक होने लगे हैं तथा स्वेच्छा से कन्या रत्न अनमोल मानकर उसे बचाने लगे तथा गर्भ में भ्रूण परीक्षण से परहेज करने लगे हैं । श्री अग्रवाल ने म.प्र. सरकार द्वारा कन्याओं के संरक्षण व कल्याण के लिये चलाई जा रही लाड़ली लक्ष्मी, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, और मुफ्त साइकिल वितरण जैसी कई योजनाओं पर प्रकाश डालते हुये सरकार की बालिका संरक्षण, संवर्धन एवं प्रोत्साहन की मंशा पर प्रकाश डाला ।
कार्यक्रम में अभ्युदय आश्रम के संचालक प्रसिद्ध समाजसेवी रामसनेही, डॉ. एच.सी.शर्मा, डाफ. गजेन्द्र सिंह तोमर, डॉ. आर.सी. बांदिल ने भी अपने विचार व्यक्त किये ।
संस्कृति संस्था के संचालक व अभियान के संयोजक देवेन्द्र सिंह तोमर ने कार्यक्रम और अभियान की बुनियादी अवधारणा, रूपरेखा तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डाला । अंत में ग्वालियर टाइम्स के प्रधान संपादक एवं स्वयंसेवी संस्था नेशनल नोबल यूथ अकादमी के संस्थापक व संचालक नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' ने अभार प्रदर्शन किया ।
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