मंगलवार, 27 अक्तूबर 2020

मौसम परिवर्तन से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़े सिविल सर्जन डॉ. गुप्ता की सलाह

 मुरैना राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं कोरोना-19 के स्वास्थ्य कार्यक्रम एन्वायरमेंट हेल्थ का गठन किया गया है। यह जलवायु परिवर्तन के कारण मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों के बारे में लोंगो को समझाईश दे रहा है। डॉ ए के गुप्ता सिविल सर्जन द्वारा बताया है कि मौसमी परिर्वतनों के कारण फैलने वाली बीमारियों को समय पर सूचना करने एवं बचाव संबंधी गतिविधियां कर वायु प्रदूषण हवा के ठोस कणों तरल बिंदु या गैस के रूप में मौजूद कणों के कारण होता है। ये प्राकृतिक या कृत्रिम हो सकते हैं। अतिसूक्ष्म कण नासिका या मुंह द्वारा श्वसन दौरान फेंफड़ों तक पहुंचते हैं। वहां से रक्त धमनियों में प्रवेश कर शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचते हैं तथा दिल, फेंफड़े, दिमाग आदि को हानि पहुंचाते हैं। प्रदूषित हवा मानव स्वास्थ्य के लिये बड़ा खतरा है। इसके बचाव के लिये प्रदूषित जगहों पर ना जायें, जरूरत पड़ने पर घर से बाहर जायें, आंखों में जलन, सांस की तकलीफ या खांसी होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखायें गंभीर बीमारी के मरीज का विशेष ध्यान रखें, पटाखे, कूड़ा-पत्तियां आदि न जलायें, प्लास्टिक न जलायें, बीड़ी सिगरेट का प्रयोग न करें और दूसरों को न करने दें। धुंआ रहित ईंधन का प्रयोग करें। हरियाली रखें, वृक्ष लगायें, वायु प्रदूषण से 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे गर्भवती महिलायें श्वास एवं ह्रदय संबंधी मरीज अधिक वायु प्रदूषण वाले क्षेत्र में कार्यरत लोगों को वायु प्रदूषण से बचाव करने से बचने हेतु सलाह दें और स्वयं बचाव करें।

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