गुरुवार, 29 अक्तूबर 2020

किसी भी प्रत्याशी के विरूद्ध , चुनाव से एक दो दिन पहले या मतदान के दिन छपवा दिये जाते थे बदनाम करने वालेफर्जी विज्ञापन, अब 2 व 3 नवम्बर के अखबारों में प्रकाशन से पहले विज्ञापनों का कराना होगा प्रमाणन

 भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान के मौके पर विद्वेषपूर्ण अथवा भ्रामक राजनैतिक विज्ञापनों के प्रकाशन एवं प्रसारण पर रोक लगाने के उद्देश्य से समाचार पत्रों यथा प्रिंट मीडिया में भी मतदान के दिन और मतदान के 1 दिन पूर्व प्रकाशित कराये जाने वाले राजनैतिक विज्ञापनों का जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन समिति से पूर्व प्रमाणन कराना अनिवार्य किया है।    
    कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने कहा है कि मुरैना जिले की जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी और अंबाह विधानसभा उप निर्वाचन के मामले में 2 व 3 नवम्बर के समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों का प्री सर्टिफिकेशन कराना होगा। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक कोई भी राजनैतिक दल या उम्मीदवार अथवा अन्य कोई संगठन या व्यक्ति विधानसभा के लिए होने वाले मतदान के दिन तथा उसके एक दिन पहले वाले दिन कोई भी विज्ञापन मीडिया प्रमाणन समिति से बिना पूर्व प्रमाणन कराये प्रकाशित नहीं करा सकेगा। अर्थात ऐसे विज्ञापनों का समाचार पत्रों यथा प्रिंट मीडिया में प्रकाशन कराने के पूर्व राज्य अथवा जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन समिति से प्रमाणन कराना अनिर्वाय होगा। निर्वाचन आयोग ने यह निर्देश पूर्व में सामने आये उन मामलों के संदर्भ में जारी किये हैं, जहां अंतिम चरण में भ्रामक, भड़काउ या आक्रामक स्वरूप के विज्ञापन प्रकाशित कराकर चुनावी प्रक्रिया को दूषित करने के प्रयास किये गये थे। आयोग के मुताबिक चुनाव के अंतिम दौर में ऐसे भ्रमित करने वाले विज्ञापनों के प्रकाशन के बाद इनसे प्रभावित दल अथवा प्रत्याशी के पास किसी भी प्रकार की सफाई अथवा खण्डन का अवसर नहीं होता। आयोग के अनुसार ऐसी स्थिति में स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन के लिए विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन जरूरी है।

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