रविवार, 27 अप्रैल 2008

राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य में जलीय जीवों की संख्या में बढ़ोत्तरी

राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य में जलीय जीवों की संख्या में बढ़ोत्तरी

राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य में जलीय जीवों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। इस वर्ष की गणना में 996 घड़ियाल, 219 मगर तथा 86 डालफिन देखे गये हैं। गत वर्ष की तुलना में 131 घड़ियाल अधिक देखे गये। इसी प्रकार मगर भी गत वर्ष से 25 अधिक हैं। जलीय स्तनपायी गेंजेटिक रिवर डालफिन की संख्या अभ्यारण्य क्षेत्र में स्थिर बनी हुई है।

राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य में इस वर्ष 11 से 23 फरवरी के दौरान सर्वेक्षण का कार्य किया गया। सर्वेक्षण पाली से पचनदा तक 435 किलोमीटर की दूरी तक किया गया। सर्वेक्षण में इस वर्ष 996 घड़ियाल देखे गये। पिछले वर्ष किये गये सर्वेक्षण में 865 घड़ियाल देखे गये थे। सर्वेक्षण से स्पष्ट है कि राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य में घड़ियालों की संख्या में निरंतर वृध्दि हो रही है। इस तथ्य की पुष्टि सर्वेक्षण में पाये गये घड़ियाल नेस्ट की संख्या से भी होती है। पिछले वर्ष कुल 77 नेस्ट देखे गये थे, इस वर्ष 81 नेस्ट पाये गये हैं। नेस्ट की संख्या में वृध्दि यह इंगित करती है कि घड़ियालों के प्राकृतिक प्रजनन में कोई व्यवधान नहीं है।

राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य के अन्य जलीय जीवों में मगर भी अधिक देखे गये हैं। पिछले वर्ष किये गये सर्वेक्षण में 194 मगर देखे गये थे, जबकि इस वर्ष 219 मगर देखे गये। जलीय स्तनपायी गेंजेटिक रिवर डालफिन की संख्या अभ्यारण्य क्षेत्र में स्थिर बनी हुई है। पिछले वर्ष सर्वेक्षण में 91 डालफिन देखी गयी जबकि इस वर्ष 86 डालफिन देखी गई है।

राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य में वर्ष 2003 से प्रतिवर्ष शरद ऋतु में घड़ियाल तथा अन्य जलीय जीवों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है। वर्ष 2006 से यह सर्वेक्षण मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश राज्य के वनकर्मियों, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के वैज्ञानिक, मद्रास क्रोकोडाइल बैंक एवं विश्व प्रकृति निधि-भारत के प्रतिनिधि तथा संरक्षण कार्य से जुड़ी अन्य अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त रूप से किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि दिसम्बर 2007 से फरवरी 2008 तक राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य के मध्यप्रदेश क्षेत्र में 35 तथा उत्तरप्रदेश क्षेत्र में 75 घड़ियालों की असामयिक मृत्यु संभावित विषाक्तता के कारण हुई है। चम्बल अभ्यारण्य के नवीनतम सर्वेक्षण से स्पष्ट हुआ है कि इस आपदा से घड़ियालों की संख्या में कोई गिरावट नहीं हुई है, वरन पिछले वर्ष की तुलना में जलीय जीवों की संख्या में वृध्दि हुई है।

 

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