425 करोड़ रूपये के व्यय से होगा चम्बल नहर प्रणाली का उन्नयन
मुरैना 29 अप्रैल 08/ मध्य प्रदेश वाटर सैक्टर रिस्ट्रक्वरिंग परियोजना के अन्तर्गत 425 करोड़ रूपये के व्यय से चम्बल नहर प्रणाली की 571 कि.मी. मुख्य नहर और 2620 कि.मी. शाखा एवं उप शाखा नहरों का उन्नयन कराया जायेगा । इससे मुरैना, भिण्ड और श्योपुर जिले के 756 ग्रामों का 2 लाख 73 हजार हेक्टयेर रकवा सिंचिंत हो सकेगा, जिससे रवी और खरीफ फसलों की पैदावार में आशातीत वृध्दि होगी ।
यह जानकारी संभागायुक्त श्री विश्वमोहन उपाध्याय की अध्यक्षता में सम्पन्न जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्य अभियंता श्री राजन श्रीवास्तव और प्रभारी अधीक्षण यंत्री श्री एम.डी. नारोलिया द्वारा दी गई । बैठक में कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी तथा जल संसाधन विभाग के तीनों जिलों के कार्यपालन यंत्री और अनुविभागीय अधिकारी एवं उपायुक्त विकास श्री बी.एस. जाटव उपस्थित थे ।
बैठक में बताया गया कि चम्बल घाटी परियोजना मध्य प्रदेश और राजस्थान की साझा परियोजना है । मध्य प्रदेश में गांधी सागर बांध तथा राजस्थान में महाराणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज का निर्माण किया गया है । सिंचाई हेतु कोटा बैराज से चम्बल वांयी मुख्य नहर और चम्बल दांयी मुख्य नहर निकलती है । बांयी मुख्य नहर से केवल राजस्थान में सिंचाई होती है । दांयी मुख्य नहर 124 कि.मी. राजस्थान में सिंचाई करने के बाद पार्वती एक्वाडक्ट पर मध्य प्रदेश में प्रवेश करती है । इस नहर के सुधार हेतु भी मध्य प्रदेश द्वारा 75 प्रतिशत हिस्सेदारी दी जा रही है ।
चम्बल दांयी मुख्य नहर मध्य प्रदेश के पार्वती एक्वाडक्ट से प्रारंभ होती है । इसकी लम्बाई 179 कि.मी. है । यह नहर सबलगढ़ के पास सुनेहरा हैड पर दो भागों में विभक्त होती है । बांयी और अम्बाह शाखा नहर निकलती है, जिसकी लम्बाई 171 कि.मी. है । सुनेहरा हेड से निकली दांयी नहर निचली मुख्य नहर कहलाती है इसकी लम्बाई 53 कि.मी. है । इस नहर के अंतिम छोर से जौरा के पास से मुरैना शाखा नहर प्रारंभ होती है, जिसकी लम्बाई 38 कि.मी. है । निचला मुख्य नहर के अंतिम छोर पर दांयी ओर से पानी आसन ड्राप के माध्यम से आसन नदी में डाला जाता है, जो कोतवाल और पिलौआ जलाशय के माध्यम से भिण्ड मुख्य नहर में आता है । भिण्ड मुख्य नहर की लम्बाई 82 कि.मी. और मौ शाखा नहर की लम्बाई 48 कि.मी. है ।
श्योपुर जिले में नहर के 0 से 93 तक प्रस्तावित सुद्रणीकरण कार्य की एजेन्सी निर्धारित कर 198 करोड़ 67 लाख रूपये के कार्य प्रगति पर है । मुख्य नहर की 12 एल.शाखा के सुदृढ़ी करण हेतु 26 करोड रूपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है । आवधा बांध मध्यम योजना के जीर्णोद्वार हेतु 18 करोड़ 70 लाख 50 हजार रूपये का प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है ।
मुरैना जिले में चम्बल दांयी मुख्य नहर के जीर्णेध्दार हेतु 93 से 169 तक 63 करोड़ 94 लाख रूपये का अनुबंध किया जा चुका है । निचली मुख्य नहर के जीर्णोध्दार हेतु 0 से 50 तक 29 करोड़ 89 लाख रूपये की निविदा आमंत्रित की कार्रवाई की जा चुकी है । अम्बाह शाखा नहर के 0 से 143 तक जीर्णोध्दार हेतु 86 करोड़ 71 लाख रूपये का अनुबंध किया गया है । मुरैना शाखा नहर के 0 से 36 तक के लिए अनुबंध कर लिया गया है और 29 करोड़ 43 लाख रूपये के कार्य प्रगति पर हैं । कोतवाल, पिलौआ और पगारा बांध के जीर्णोध्दार के कार्य विश्व बैंक की सहायता से कराये जांयेगें । इसके लिए 8 करोड़ 17 लाख रूपये के प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये हैं । ऐसाह उद्वहन सिंचाई योजना का 76 करोड़ रूपये का प्रशासकीय स्वीकृति प्रतिवेदन प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग को भेजा गया है ।
भिण्ड जिले में 83 कि.मी. मुख्य नहर 45 कि.मी. मौ शाखा नहर और 16 कि.मी. अम्बाह शाखा नहर के जीर्णोध्दार कार्य परीक्षणाधीन है । इन प्रस्तावों की अनुमानित लागत 175 करोड़ रूपये है । जिले में कुल 45 लघु सिंचाई तालाबों से साढ़े चार हजार हेक्टेयर सिंचाई की जाती है ।
चम्बल संभाग में सवा ग्यारह करोड़ रूपये की 15 लघु सिंचाई योजनायें सर्वेक्षित हैं । जिनमें 6 शासन स्तर पर परीक्षणाधीन है और 9 के विस्तृत प्राक्कलन तैयार किये जा रहे है । इसके अलावा 23 योजनायें सर्वेक्षणाधीन है और 12 योजनायें सर्वेक्षण हेतु चिन्हित है ।
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