जौरा पुलिस ने डकैतों से पकड़ छुड़ाई, नाथ दिया गया था रामेश्वर को
यदुनाथ सिंह तोमर (तहसील संवाददाता)
मुरैना, 13 फरवरी 2008 । मवेशी चोरो से डकैतों में तब्दील हुये चम्बल के बदमाश अपहृतों के साथ किस हद तक अनाचार व अत्याचार करते हैं । एक साधारण मनुष्य सुने तो उसका दिल दहल जायेगा ।
कल 12 फरवरी को मुरैना पुलिस अधीक्षक को मुखबिर ने इत्तला दी कि कालादेव मंदिर के पास पगारा के जंगल में फरारी इश्तहारी लगभग 7-8 बदमाश्ा हथियार सहित मय पकड़ के छिपे हुये हैं ।
मुरैना पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के निर्देशन में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस जौरा मुख्यालय सीताराम सत्या द्वारा हमराह फोर्स को लेकर पगारा जंगल में पहुचे एवं फोर्स को चार पार्टीयों में विभक्त कर पार्टी क्रमांक 1 का नेतृत्व सीताराम सत्या द्वारा, पार्टी क्रमांक 2 का सब इंस्पेक्टर रामहेत सिंह, पार्टी नंबर 3 का सब इंस्पेक्टर श्याम सुन्दर, एवं पार्टी नंबर 4 का नेतृत्व सब इंस्पेक्टर एस.बी.एस. राठौर के नेतृत्व में मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान की घेराबन्दी करने पर एस.डी.ओ.पी. जौरा को 7-8 बदमाश हथियार बन्द मय पकड़ के दिखे । जिन्हें पुलिस द्वारा जब ललकारा गया तो बदमाशों द्वारा पुलिस पर 8-10 फायर किये । पुलिस ने भी आत्मरक्षार्थ 28 राउण्ड गोलीयां चलाईं ।
सभी बदमाश अंधेरे का लाभ उठाकर भाग गये । इसके बाद पुलिस द्वारा की गयी सर्चिंग के दौरान अपहृत रामेश्वर पुत्र छोटेलाल कुशवाह निवासी कोलू का पुरा थाना तिघरा जिला ग्वालियर का जंगल में एक पेड़ से जंजीरों से बंधा मिला । जंजीरों में ताले लगाकर अपहृत को रखा गया था और अपहृत की नाक छेद कर उसमें नथनी डालकर उसमें सुतली बांध कर उसे मवेशी की तरह खींचा जाता था । जिससे उसे पीड़ा देकर रूलाया जाता था ।
अपहृत रामेश्वर कुशवाह ने बताया कि हल्कू गुर्जर, वीरवल गुर्जर और निरंजन गुर्जर ने उसकी पकड़ करके अज्ञात चार बदमाशों को सौंप दिया था जो करीबन चार महीने से जंगल में तिघरा की तरफ रखे हुये थे और वर्तमान में रजिस्टर्ड डकैत वकीला गुर्जर, वालिस्टर गुर्जर, कलेक्टर गुर्जर ने अपने चार अन्य साथियों सहित उसे तथा अन्य चार लोगों को पकड़ कर जंगल में बांध कर रखा था और उससे पांच लाख रूपये की फिरोती मांगी गई थी अपह़त रामेश्वर की पकड़ के संबंध में थाना जनकगंज ग्वालियर में अपराध क्र/678/07 धारा 342,341,147,506बी,364 आईपीसी तथा धारा 11 एवं 13 मध्यप्रदेश डकैती एक्ट के तहत प्रकरण कायम है ।
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें