गुरुवार, 6 दिसंबर 2007

डरना नहीं समझाना होगा तभी एड्स से बचना होगा

डरना नहीं समझाना होगा तभी एड्स से बचना होगा

विश्व एड्स दिसव पर अस्पताल में परिचर्चा संपन्न

मुरैना 5 दिसम्बर 2007 // एड्स की जानकारी सभी को होना चाहिए । ''इससे डरने  नहीं अपितु समझने की आवश्यकता है '' उक्त उद्गार विश्व एड्स दिवस पर अपर जिला न्यायाधीश श्री जयदेव पाराशर द्वारा जिला चिकित्सालय में आयोजित परिचर्चा में व्यक्त किये गये। उन्होंने एड्स जैसी गंभीर बीमारी को समाज से दूर करने तथा पीड़ित व्यक्तियों के प्रतिपूर्णत: सहानुभूति पूर्वक व्यवहार करने हेतु समाज के दृष्टकोण को बदलने के लिए चिकित्सक, समाज सेवी एवं सभी वर्गों को सहयोग प्रदान करने को कहा ।

न्यायिक दण्डाधिकारी श्री अरबिन्द कुमार गोयल ने एड्स पीड़ित व्यक्तियों को उनके न्यायालयीन लंबित प्रकरणों में नि:शुल्क कानूनी सलाह प्रदान करने की योजना की जानकारी दी । एड्स के प्रति जनजागरूकता हेतु शिविरों के माध्यम से लोगों में चेतना जागृत करने का कार्य किया जा रहा है । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा न्यायालय में लंबित ऐसे सभी प्रकरणों में त्वरित गति से कार्यवाही कर प्रकरणों के निराकरण का प्रयास किया जा रहा है । जिला चिकित्सालय के एड्स अभियान के नोडल अधिकारी डा.ए.आर. खान ने बताया कि अफ्रीका जहां से बीमारी की शुरूआत हुई थी , वहां अब प्रचार अभियान के तहत इस बीमारी को काबू में करने की शुरूआत हो चुकी हैं किन्तु भारत में अज्ञानता के चलते इस बीमारी ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है, उन्होंने एड्स बीमारी पर शासकीय सुविधा की जानकारी दी और बताया हर एच.आई.वी. पोजिटिव के प्रकरण में जरूरी नहीं कि एड्स ही हो तत्काल इसकी जानकारी मिलने पर ऐसे मरीजों का इलाज संभव है क्योंकि एड्स की कोई भी प्रमाणित दवा अभी बाजार में उपलब्ध नहीं है अत: एचआईवी पाजिटिव के संक्रमण का विस्तार न हो ऐसे प्रयास किया जाना चाहिए । डा. सियाराम शर्मा और डा. राकेश शर्मा ने भी एड्स के प्रति सावधानी बरतने तथा ऐसे मरीजों को जिला अस्पताल में इलाज हेतु बिना संकोच के उपस्थित होने को कहा ऐसे रोगियों की नि:शुल्क जांच व इलाज की व्यवस्था की गई है । अध्यक्ष, अधिवक्ता संघ श्री मोहन चंन्द्र बांदिल द्वारा भी विचार व्यक्त किया गया । परिचर्चा के पूर्व जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री एस.के.शुक्ला ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 1 दिसम्बर विश्व एड्स दिवस पर शिविर के माध्यम से लोगों को इस गंभीर बीमारी से निजात दिलाने तथा उन्हें नि:शुल्क कानूनी सलाह दिये जाने का कार्य किया जा रहा है । परिचर्चा में एडवोकेट श्री हरिशंकर शर्मा, श्री विनय मिश्रा के साथ ही डा.ए.के गुप्ता, डा. संजय शर्मा, डा. अशोक सिंह डा. सुभाष अग्रवाल, डा. आर.के. मिश्रा, श्रीमती डा. मधु गुप्ता, डा. विनोद गुप्ता, डा. महेश चन्द्र तथा डा. एस.आर. शर्मा ने भाग लिया ।

 

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