स्कूलों का अब माह में दो बार निरीक्षण होगा 
मुरैना 7 दिसम्बर 2007 // मध्यप्रदेश के पहली से बारहवीं तक के सभी स्कूलों का वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा  माह में दो बार अनिवार्य रूप से निरीक्षण किया जाएगा। इसके लिए वरिष्ठ  अधिकारियों को निरीक्षण के प्रभार और दायित्व का  निर्धारण कर दिया गया है। शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार की दृष्टि से लागू की जाने वाली  यह व्यवस्था तीन दिसंबर से शुरू हो गई है। निरीक्षण कार्य के लिए जिलों के प्रभारी  नियुक्त किये गये हैं। संभागीय संयुक्त संचालक उनके संभाग के सभी जिलों के निरीक्षण  के लिए उत्तरदायी होंगे। संचालनालय के अधिकारी इस कार्य का पर्ववेक्षण करेंगे।
इस व्यवस्था के अंतर्गत अधिकारी शिक्षकों तथा विद्यार्थियों  की उपस्थिति,  शिक्षकों की अनियमित उपस्थिति, 45 प्रतिशत से कम  परीक्षाफल वाले स्कूलों के निरीक्षण, निदानात्मक कक्षाओं के संचालन,  अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था, तिमाही और छमाही परीक्षा  परिणामों के विश्लेषण, पाठयपुस्तक वितरण, मध्यान्ह भोजन, साइकिल, गणवेश,  छात्रवृत्ति वितरण, न्यूनतम अधिगम स्तर से संबंधित  बिन्दुओं पर विशेष ध्यान देंगे।
निरीक्षण के दौरान पायी जाने वाले कमियों से संबंधित  जिला शिक्षा अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। निरीक्षण अकादमिक तथा आकस्मिक दोनो तरह  का हो ,  इसके लिए विशेष प्रयास किये जाएंगे।
विद्यालयों के निरीक्षण के बाद ये अधिकारी जिला शिक्षा  अधिकारी के कार्यालयीन कर्मचारियों के साथ बैठक कर पेन्शन प्रकरण, कोर्ट केस, पदोन्नति, पीजीआर, सीएम/सीएस मानिट,  लंबित विधानसभा प्रश्न, छात्रवृत्ति आदि बिन्दुओं  की समीक्षा करेंगे।
लोक शिक्षण संचालनालय के वरिष्ठ अधिकारियों को संभागीय  परीक्षण का दायित्व  सौंपा गया है। अपर संचालक  श्री ए.के. अहिरवार को सागर तथा ग्वालियर संभाग, संयुक्त संचालक श्रीमती अस्मा  नसीर को भोपाल तथा जबलपुर, संयुक्त  डा. कौशल किशोर पाण्डे को इन्दौर तथा उज्जैन और  सुयंक्त संचालक श्री एस.एल. बाथम को रीवा संभाग के पर्यवेक्षण का दायित्व सौंपा गया  है।
 
 
 
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