किसानों को मिट्टी की प्रवृति के आधार पर उर्वरक उपयोग करने की सलाह
मुरैना 15 अक्टूबर2007 // किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा किसानों को अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए मिट्टी की प्रवृति के आधार पर उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दी गई है ।
उप संचालक कृषि के अनुसार खेतों में लगातार अधिक मात्रा में उवर्रकों का उपयोग करने के बाबजूद भी पैदावार कम होती जा रही है । इसका मुख्य कारण मिट्टी की प्रवृति के आधार पर उर्वरक का उपयोग नहीं करना है । किसानों को चाहिए कि वे अपने खेत का नमूना लेकर मिट्टी का परीक्षण करायें । परीक्षण कराने के उपरांत भूमि में जिस तत्व की कमी हो, उसकी पूर्ति के प्रयास किये जांय और उसी के अनुसार उर्वरक का उपयोग किया जाय ।
मिट्टी परीक्षण की प्रक्रिया काफी आसान है । इसके लिए अपने खेत से चार स्थानों पर 6 इंच गहरे गड्डे खोदकर उसकी मिट्टी निकाल कर तथा उसे मिलाकर चार हिस्सा बनायें जांय । इसमें से एक हिस्सा मिट्टी थैली में भरकर उस पर खेत का सर्वे और खसरा नम्बर तथा पूरा पता लिखकर परीक्षण हेतु प्रयोग शाला भेजा जाय । नमूना परीक्षण कराने के लिए 5 रूपये का शुल्क देना होगा । मिट्टी परीक्षण उपरांत सिफारिश अनुसारर उर्वरक का उपयोग किया जाय ।
जिले की अधिकांश भूमि में फास्फोरस स्थरीकरण की समस्या अधिक है । इस कमी को दूर करने के लिए फोस्फोरस सोलूवल वैक्टैरिया के पांच से दस पैकेट प्रति बीघा के मान से खेत की तैयारी के समय डाले जा सकते हैं । कृषि विकास विभाग में यह पैकेट 4 रूपये की विक्रय दर पर उपलब्ध हैं । इसमें 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा ।
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