शनिवार, 4 अगस्त 2007

निर्माण श्रमिकों को पांच रूपये में पंजीयन कराने पर आठ योजनाओं का लाभ

निर्माण श्रमिकों को पांच रूपये में पंजीयन कराने पर आठ योजनाओं का लाभ

मुरैना 03 अगस्त 2007

       मध्य प्रदेश में पहली बार असंगठित श्रमिकों के हित की चिंता की गई है । भारत में केवल तीन राज्य तमिलनाडू केरल और मध्य प्रदेश में ही निर्माण मजदूरों के हित में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंण्डल गठित हैं और इनके माध्यम से निर्माण श्रमिकों को समाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनायें संचालित है । इन योजनाओं का लाभ मात्र पांच रूपए में पंजीयन कराकर उठाया जा सकता है । पंजीयन को जीवित रखने के लिए प्रति वर्ष 10 रूपये का अभिदाय जमा करना होगा ।

प्रसूति सहायता योजना  में महिला श्रमिकों के इलाज के लिए एक हजार रूपये और प्रसूति काल में काम से गैर हाजिर रहने पर 12 सप्ताह की मजदूरी की आधी राशि हितलाभ के रूप में दी जाती है । उसके पति को भी 15 दिन के पितृत्व लाभ की पात्रता होती है । प्रसूति में जटिलता होने पर एक हजार रूपये की अतिरिक्त सहायता दी जाती है ।

समूह बीमा योजना  के अन्तर्गत पंजीकृत मजदूर की सामान्य मृत्यु की स्थित में 20 हजार रूपये तथा दुर्घटना में मृत्यु अथवा स्थायी अपंगता पर 50 हजार रूपये बीमा राशि के रूप में दिए जाते हैं ।

बीमारी की स्थिति में चिकित्सा सहायता योजना के अंतर्गत पंजीबध्द निर्माण श्रमिक के परिजनों के गम्भीर बीमारियों के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर अधिकतम 50 हजार रूपये तक की सहायता दी जाती है।

दुर्घटना की स्थिति में चिकित्सा सहायता योजना के अन्तर्गत प्रथम उपचार के रूप में एक हजार रूपये तथा शरीर के किसी हिस्से या हड्डी में चोट आने पर चिकित्सा व्यय की आधी राशि अधिकतम बीस हजार रूपये तक की सहायता दी जाती है । दुर्घटना के कारण काम से गैर हाजिर रहने पर मजदूरी की क्षति पूर्ति के रूप में अधिकतम पांच हजार रूपये दिए जाने का प्रावधान है ।

शिक्षा सहायता योजना के अंतर्गत पंजीकृत मजदूरों के बच्चों को कक्षा एक से पांच तक के छात्र को 50 रूपये और छात्रा को 75 रूपये, कक्षा 6 से 8 तक के छात्र को 75 रूपये और छात्रा को 100 रूपये, कक्षा 9 से 12 तक के छात्र को 100 रूपये और छात्रा को 150 रूपये, स्नातक के छात्र को 150 रूपये और छात्रा को 200 रूपये, स्नातकोत्तर के छात्र को 250 रूपये और छात्रा को 300 रूपये एम.बी.बी.एस. और बी.ई. के छात्र को 300 रूपये और छात्रा को 400 रूपये तथा एम.एस.एम.डी.और एम.ई.के छात्र को 400 और छात्रा को 500 रूपये प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति देय है ।

मेधावी विद्यार्थियों के लिए नगद पुरस्कार योजना के अंतर्गत पांचवी में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने बाले छात्र को 500 और छात्रा को 750 रूपये, आठवीं परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले छात्र को 750 रूपये और छात्रा को एक हजार रूपये, हाई स्कूल में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले छात्र को एक हजार रूपये और छात्रा को डेढ़ हजार रूपये तथा हायर सेकण्ड्री परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले छात्र को डेढ़ हजार रूपये और छात्राको दो हजार रूपये का पुरस्कार दिया जाता है । इसके अलावा स्नातक स्तर की व्यावसायिक शिक्षा में चयनित होने पर दो हजार रूपये तथा स्नातकोतर स्तर पर चयन होने पर तीन हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है ।

विवाह सहायता योजना में पंजीवध्द महिला श्रमिकों के स्वयं के विवाह तथा श्रमिकों की दो पुत्रियों के विवाह हेतु प्रति विवाह दस हजार रूपये की सहायता राशि देय है ।

मृत्यु पर अन्त्येष्टि सहायता एवं अनुग्रह राशि भुगतान योजना के अन्तर्गत मृतक के परिवार को अंत्येष्टि सहायता के रूप में दो हजार रूपये की सहायता दी जाती है । मृतक मजदूर की आयु 45 वर्ष से कम होने पर 20 हजार रूपये तथा 45 वर्ष से अधिक होने पर 15 हजार रूपये की अनुग्रह राशि दी जाती है ।

       इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए निर्माण श्रमिक को पांच रूपये में पंजीयन कराना होगा । पंजीयन के लिए श्रमिक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा वर्ष मेंकमसे कम 90 दिन निर्माण श्रमिक के रूप में नियोजित होना चाहिए । पंजीकृत श्रमिकों को परिचय पत्र दिया जायेगा और उसके आधार पर इन योजनाओं का लाभ दिया जायेगा ।

 

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