श्रावण मासोत्सव पर्व आज से प्रारंभ
शिवालयों और कृष्ण मन्दिरों आज से भक्तों का मेला,बम बम भोले और नम: शिवाय की गूंज से गूंजेगे मन्दिर
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
मुरैना 30 जुलाई । आज से श्रावण मास प्रारंभ हो रहा है, हालांकि प्रतिपदा तिथि क्षय हो जाने से सीधे ही इस बार का श्रावण माह द्वितीया तिथि से प्रारंभ होगा । खास बात यह है कि जहॉं सावन के महीने में शंकर जी और सोमवारों का विशेष महत्व है वहीं अबकी बार का सावन तो सोमवार से ही प्रारंभ हो रहा है । इस प्रकार इस बार सावन में पॉंच सोमवार पड़ेंगे । एक जुलाई में और बकाया चार अगस्त माह में होंगे ।
सावन के सोमवारों में शिव जी के पूजन अर्चन और अभिषेक का जहॉं खासा महत्व है वहीं शिव साधना भी इन दिनों विशेष फलप्रद मान्य है । कई लोगा कोसों दूर स्थित गंगा घाट से पैदल गंगाजल लेकर आयेंगे और शिव जी का गंगाभिषेक करेंगे, कांवरीयों के रूप में शिवभक्तों की टोलीयों ने कांवरें लाना शुरू कर दीं हैं ।
वहीं भगवान श्री कृष्ण के वृन्दावन में भी सावन के महीने में बहारें छायीं रहेंगीं, जहॉं झूलों और रास लीलाओं का परम्परागत उत्सव रहेगा वहीं कृष्ण साधना और कृष्ण पूजा भी इन दिनों भारी संख्या में होगी ।
सावन के पूरे महीने जहॉं शिव और कृष्ण की पूजा और साधना परम्परा चलेगी वहीं शिवालय और कृष्ण मन्दिर इन दिनों लोगों के मेलों से घिरे रहेंगे ।
सावन के पॉंचों सोमवार तक बेलपत्र और काले धतूरे के साथ शंकर जी भांग, गांजे और सतत जल अभिषेक का आनन्द लेंगे । वहीं इसी मौसम में लोग अपनी ससुराल जाकर सालियों और सलहजों के साथ छेड़खानी का आनन्द लेते हैं । उल्लेखनीय है कि इस महीने अधिकतर महिलायें अपने मायके यानि पीहर यानि मॉं के घर आ जातीं है, और उनके जीजाजी पीछे पीछे दीवाने बन कर रूप बदल कर उनसे छेड़खानी के लिये जा पहुँचते हैं । कृष्ण ने इस परम्परा की शुरूआत की थी, जब वे राधा से मिलने वेष बदल कर पहुँचते थे ।
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