सोमवार, 25 जून 2007

लिंगानुपात में सकारात्मक परिवर्तन लायेगी लाड़ली लक्ष्मी योजना

लिंगानुपात में सकारात्मक परिवर्तन लायेगी लाड़ली लक्ष्मी योजना

 

मुरैना 23 जून07- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर 1 अप्रेल 2007 से प्रारंभ की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना से बालिकाओं के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच का विस्तार होगा और लिंगानुपात में सकारात्मक परिवर्तन आयेगा । इस योजना के क्रियान्वयन से बाल विवाह में कमी आयेगी और बालिकाओं के शैक्षणिक स्तर और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार होगा ।

       बालिकाओं की श्रेष्ठता को समाज में स्थापित करने के उध्देश्य से लागू लाड़ली लक्ष्मी योजना के अनुसार 1 जनवरी 2006 या उसके पश्चात जन्मी बालिका योजना हेतु पात्र होगी । इसके लिए बालिका के माता-पिता का मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना जरूरी है । साथ ही उनकी दो या दो से कम संतान हों और जिन्होंने योजना में पंजीकरण हेतु आवेदन करने के पूर्व परिवार नियोजन अपना लिया हो ।अनाथालय की बालिका को भी इस योजना का लाभ मिलेगा ।

       आंगनवाडी केन्द्र में बालिका के नाम से पंजीकरण के समय 6 हजार रूपये तथा उसके पश्चात लगातार 4 वर्षों तक 6-6 हजार रूपये के इस प्रकार कुल 30 हजार रूपये के राष्ट्रीय बचत पत्र क्रय किये जायेगे । योजना में पंजीयन के 6 वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्रीय बचत पत्र का महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा नवीनीकरण कराया जायेगा, बालिका के कक्षा 6 वीं में प्रवेश लेने पर 2 हजार रूपये कक्षा 9 वीं में प्रवेश लेने पर 4 हजार रूपये तथा कक्षा 11 वीं में प्रवेश लेने पर साढे सात हजार रूपये का भुगतान किया जायेगा । कक्षा 11 वीं में प्रवेश लेने के पश्चात आगामी 2 वर्ष के लिए 200 रूपये प्रतिमाह का भुगतान बालिका को किया जायेगा । बालिका की आयु 21 वर्ष की पूर्ण होने पर तथा 12 वीं कक्षा की परीक्षा में सम्मिलित होने पर शेष एक मुश्त राशि का भुगतान किया जायेगा, पंरतु यह शर्त होगी कि बालिका का विवाह, विवाह के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु के पश्चात हो ।

       बालिका के हित में प्रारंभ की गई यह योजना बहुआयामी है । इससे जहां परिवार नियोजन को बढावा मिलेगा वहीं जन्मदर में भी कमी आयेगी । योजना की शर्तों के अनुसार योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए वही बालिका पात्र होगी, जिनके माता-पिता ने परिवार नियोजन अपना लिया हो और जिनकी दो से अधिक संतान न हों । यह प्रावधान माता-पिता को परिवार नियोजन अपनाने के लिए आकर्षित करेगा । इसके साथ ही लड़की की शिक्षा और उसके 21 वर्ष के होने पर एक लाख रूपये से अधिक का प्रावधान उन गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों को लड़की के जन्म को बाधित करने के उस प्रयत्न से दूर करेगा, जो उसकी शादी पर होने वाले खर्च की वजह से लड़की का जन्म नहीं चाहते हैं । इस योजना से परिवार में अब बालिकाओं का जन्म भी उत्सव का सबव बनेगा और केवल लडके के जन्म की चाह में कमी आयेगी । यह योजना जन्म दर में वृध्दि को रोकने के साथ -साथ लिंगानुपात में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सक्षम होगी । आंगनवाडी में पंजीकृत बालिका की नियमित स्वास्थ्य जांच होगी और पूरक पोषण आहार दिया जायेगा । इससे बालिका स्वस्थ्य और सुपोषित होगी । कक्षा छटवीं ,नोंवी और 11 वीं में प्रवेश के समय निश्चित राशियां उपलब्ध कराने से बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा और बालिका के शिक्षित होने पर परिवार व समाज खुशहाल बनेगा । अठारह वर्ष से कम उम्र में विवाह न होने की शर्त बाल विवाह को रोकेगी और इससे बालिकाओं की भ्रूण हत्या होने की घटनाओं में भी कमी आयेगी ।

 

 

कोई टिप्पणी नहीं :