शनिवार, 7 जून 2008

वारिश ने बदले मौसम के तेवर, एक घण्‍टे तक झमाझम बरसे बदरा

वारिश ने बदले मौसम के तेवर, एक घण्‍टे तक झमाझम बरसे बदरा

मुरैना 7 जून 2008, सुबह से पड़ रही भीषण गर्मी व तपन से लोगों को उस समय राहत मिल गयी जब दोपहर 1 बजे से झमाझम वारिश शुरू होकर दोपहर 2 बजे तक दनादन गिरी । समाचार लिखे जाने तक वर्षा जारी थी । उल्‍लेखनीय है कि मुरैना व‍ भिण्‍ड शहरों सहित चम्‍बल के ग्रामीण अंचल में भी जम कर वारिश हो रही है जिससे समूची चम्‍बल घाटी जल से तरबतर हो गयी है ।

हालांकि शहरों में नाला नाली जाम होने से सड़कों पर पानी और मलबा पलट कर भर गये हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग मौसम का आनन्‍द लेने से नहीं चूक रहे ।

बच्‍चों के साथ बड़ों ने भी आज जम कर वारिश का आनन्‍द लिया और अपनी छतों तथा सड़कों पर जम कर वारिश स्‍नान किया । कई लोग बिल्‍व पत्रों के वृक्षों के नीचे स्‍नान हेतु दौड़ पड़े । कहा जाता है कि बिल्‍व वृक्ष के नीचे यदि वारिश स्‍नान हो जाये तो तीनों जन्‍म व तीनों लोक के पाप नष्‍ट होकर वह व्‍यक्ति साक्षात शिवरूप हो जाता है । और अकाल मृत्‍यु को जीत लेता है ।

किसानों की बुवाई के लिये खेतों में पर्याप्‍त पानी समा चुका है और वे अब खेतों में जोत आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन लगातार वारिश से अभी हाल फिलहाल खेतों में जोत आती नजर नहीं आ रही है ।        

 

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