शुक्रवार, 18 अप्रैल 2008

पिछड़ी जन जाति के कल्याण हेतु विशेष कार्य योजना तैयार की जावे - संभागायुक्त श्री उपाध्याय

पिछड़ी जन जाति के कल्याण हेतु विशेष कार्य योजना तैयार की जावे - संभागायुक्त श्री उपाध्याय

मुरैना 17 अप्रैल 08/ विशेष पिछड़ी जन जाति वर्ग के लोगों को उनकी कब्जे वाली भूमि पर मालिकाना हक प्रदान किया जावेगा । इन वर्गों की बसाहटों को पूर्व विकसित करने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश संभागायुक्त श्री विश्व मोहन उपाध्याय ने गत दिवस चम्बल भवन में उपस्थित अधिकारियों को दिये । इस अवसर पर अपर कलेक्टर मुरैना श्री उपेन्द्र नाथ शर्मा, अपर कलेक्टर भिण्ड श्री आर.पी. भारती, श्री आर.के. राय, अधीक्षण यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मुरैना, वन मण्डलाधिकारी श्री एस.सी. शर्मा, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री आर.एन. करैया, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मुरैना श्री ओ.पी. गुप्ता, जिला महिला बाल विकास अधिकारी भिण्ड, मुरैना श्री पी.के. राय, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण मुरैना श्री के.पी. पाण्डेय, उपायुक्त चम्बल संभाग, मुरैना श्री आर.सी. मिश्रा सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।

       आयुक्त श्री विश्वमोहन उपाध्याय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 13 वें वित्त आयोग के माध्यम से जन जातिय क्षेत्रों के विकास हेतु विशेष कार्य योजना तैयार की जा रही है । इस कार्य योजना के माध्यम से विशेष रूप से पिछड़ी जन जातियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास किये जावेगें । उन्होंने कहा कि 13 वें वित्त आयोग के प्रस्तुत किये जाने वाले प्रस्तावों में जन जातिय क्षेत्रों के उन्नयन तथा सभी विशेष पिछड़ी जन जातियों के परिवारों को उनके कब्जे वाली भूमि पर भूमि स्वामी हक देकर भूमिधारी बनाना है, प्रत्येक विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार को आवास उपलब्ध कराना, 80 परिवारों से अधिक वाले विशेष पिछड़ी जन जाति गांव/ बसाहट में आंगनवाड़ी से विशेष पोषण आहार तथा आपात आहार कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जावेगा । उन्होंने कहा कि 50 परिवारों से अधिक वाले विशेष पिछड़ी जन जाति गांव / बसाहट में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करना एवं 50 परिवारों से अधिक वाले विशेष विशेष पिछड़ी जनजाति गांव / बसाहट में आश्रम शाला की स्थापना तथा विभागीय कर्मचारियों के लिए आवासग्रहों का निर्माण करने हेतु कार्य योजना एवं व्यय की अनुमानित राशि का विभागवार आंकलन कर प्रस्ताव तैयार किया जाये । उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ी जनजातियों के मामले में श्योपुर जिला सर्वाधिक बाहुल्य क्षेत्र है तथा समस्याग्रस्त भी है । श्योपुर की पिछड़ी जन जातियों के सभी हितग्राही लाभान्वित हो कर अपना जीवन- यापन सही ढंग से कर सकें, इसके लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार की जावे ।

 

कोई टिप्पणी नहीं :