सोमवार, 14 अप्रैल 2008

प्रत्येक गरीब परिवार को मिलेगा तीन रूपये किलो गेहूँ, साढ़े चार रूपए किलो चावल

मध्यप्रदेश में गरीबों को सस्ता अनाज देने की मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना  15 अप्रैल से
प्रत्येक गरीब परिवार को मिलेगा तीन रूपये किलो गेहूँ, साढ़े चार रूपए किलो चावल

भोपाल : 12 अप्रैल, 2008

मध्यप्रदेश में गरीबी की रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लाखों परिवारों को शासकीय उचित मूल्य की दुकान से तीन रुपये प्रति किलो गेहूँ एवं साढ़े चार रुपये प्रति किलो चावल रियायती दर पर उपलब्ध कराने की ''मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना''  15 अप्रैल से शुरू होगी। मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना की प्रदेशव्यापी शुरूआत राजधानी भोपाल से की जायेगी। भोपाल में इस योजना के शुभारंभ के बाद 16 अप्रैल को रीवा, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, इन्दौर, सागर  संभागीय मुख्यालयों पर बीपीएल हितग्राहियों के शिविर लगाकर योजना को शुरू किया जायेगा। तीसरे दिन 17 अप्रैल को शेष जिला मुख्यालयों पर इन शिविरों का आयोजन होगा। शिविरों में सभी शासकीय विभागों द्वारा गरीब परिवारों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी जायेगी।

राज्य शासन द्वारा गरीबों के हित में प्रारंभ की जा रही इस महत्वपूर्ण योजना की व्यापक तैयारियां की जा रही है। बीपीएल परिवारों को वर्तमान उपभोक्ता दर गेहूँ पांच रूपये प्रति किलो एवं चावल 6.50 रूपये प्रति किलो पर चालू वर्ष में 2 रूपये प्रति किलो के मान से सब्सिडी देने हेतु बजट में एक अरब 60 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।

अन्त्योदय अन्न योजना के हितग्राहियों के अलावा शेष रह गये 41.25 लाख बीपीएल परिवारों के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की पहल पर यह योजना लागू की जा रही है। इस योजना में बीपीएल परिवारों (नीले राशन कार्डधारी) को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कम से कम 20 किलो खाद्यान्न (गेहूँ व चावल) हर माह गेहूँ 3 रूपये प्रति किलो एवं चावल 4.50 रूपये प्रति किलो की दर से प्रदाय किया जायेगा। प्रदेश में इस समय अन्त्योदय अन्न योजना के हितग्राहियों (पीले राशन कार्डधारी) को 2 रूपये प्रति किलो गेहूँ एवं 3 रूपये प्रति किलो चावल के हिसाब से कुल 35 किलो खाद्यान्न प्रतिमाह वितरित किया जा रहा है। अंत्योदय हितग्राहियों की संख्या 15.81 लाख है। इस योजना के अलावा शेष बीपीएल परिवारों को अभी औसतन लगभग 20 किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार ने बीपीएल परिवारों के हितों को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना प्रारंभ कराने की पहल की है, जिससे उन्हें भी अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के लगभग कीमत पर अनाज मिल सके।

गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के लिए आवंटित खाद्यान्न समय पर उपलब्ध हो, इसके लिए नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा मार्च माह से ही अप्रैल के आवंटित खाद्यान्न का अग्रिम उठाव प्रांरभ कर दिया गया था। योजना के अंतर्गत बीपीएल हितग्राही परिवारों को आवंटित खाद्यान्न पर राज्य शासन की तरफ से अनुदान की राशि चालू साल के बजट में उपलब्ध कराई गई है। शासन ने स्पष्ट किया गया है कि बीपीएल परिवारों (नीले राशन कार्डधारी) को उचित मूल्य की दुकानों से वितरित किये जा रहे खाद्यान्न की कीमत गेहूँ 3 रूपये प्रति किलो एवं चावल 4.50 रूपये प्रति किलो की दर से ही ली जाये।

 

जिलों में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के शिविर में बीपीएल परिवारों, समिति के संचालकों, लीड/लिंक मैनेजर तथा सेल्समेन, उपभोक्ता भंडारों के संचालक, पंचायतों द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकानों से संबंधित सरपंच, पंच, पंचायत सचिव आदि भी शामिल होगें। प्रत्येक शिविर में लगभग सौ हितग्राही परिवारों को 20 -20 किलो खाद्यान्न का पैकेट दिया जायेगा। शासन ने समस्त जिला कलेक्टरों को भेजे निर्देश में इस योजना का पूर्ण लाभ हितग्राही परिवारों को ही मिले, यह सुनिश्चित करने को कहा है। इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला कलेक्टरों पर रहेगी।

शासन द्वारा प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान के लिए गठित निगरानी समिति की देखरेख में सही सामग्री प्रतिमाह हितग्राहियों को ही मिले एवं किसी भी स्थिति में कालाबाजारी व अन्य अनियमितता न हो, इसकी भी व्यवस्था करने को कहा गया है। इसके लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों के दल बनाये जायेंगे। कलेक्टरों से उचित मूल्य की दुकान के वितरण रजिस्टर में प्रत्येक इन्द्राज एवं लेजर रजिस्टर में प्रत्येक परिवार को प्राप्त हो रहे विभिन्न खाद्यान्न आदि की मात्रा का उल्लेख कराने को भी कहा गया है। किसी दुकान में गड़बड़ी मिलने पर जिला कलेक्टरों को दोषियों के विरूध्द कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है।  प्रत्येक प्रकरण में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत दाण्डिक प्रकरण बनाकर न्यायालयीन कार्यवाही के साथ लायसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही करने को कहा गया है। ऐसे व्यक्ति जिनके विरूध्द पूर्व में भी प्रकरण बनाया गया है, तो उनके विरूध्द चोर बाजारी अधिनियम के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये
गये है।

 

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