सोमवार, 14 अप्रैल 2008

किसान सभा में जमकर गरजे सिंधिया, बूढ़ी को गले लगाकर लोगों के दिल जीते

किसान सभा में जमकर गरजे सिंधिया, बूढ़ी को गले लगाकर लोगों के दिल जीते

ग्‍वालियर श्‍योपुर छोटी लाइन बड़ी लाइन में बदलेगी, अंचल में बरसेंगीं कई सौगातें दूर होंगीं शिकायतें

बिजली, बीज, खाद और पानी के साथ किसानों को हथकड़ी लगाने पर फटकारा शिवराज सरकार को

सिंधिया ने बिखेरा सामूहिक सम्‍मोहन, अपने नाई और डाकिये को सबसे मिलाया, कहकर बजवाईं तालीयां  

असलम खान, ब्‍यूरो चीफ जिला ग्‍वालियर

मुरैना 14 अप्रेल 08, मुरैना के बानमोर कस्‍बे में अम्‍बेडकर जयन्‍ती पर आयोजित विशाल किसान सभा को अपने आक्रामक तेवरों के साथ सम्‍बोधित करते हुये जहॉं केन्‍द्रीय मंत्री श्रीमंत ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने न केवल लोगों के दिल जीत लिये बल्कि राजमहल व झोपड़ी के बीच की दूरी भी एक झटके में खत्‍म कर दी सिंधिया के लिये बना मंच कांग्रेसीयों की भीड़ ने सिंधिया के पहुँचने से पहले ही कबजिया लिया था, लेकिन फिर भी आम आदमी को उन तक पहुँचने में असुविधा नहीं हुयी । इसी के चलते एक बूढ़ी महिला जैसे तैसे मंच पर पहुँच गयी और सिं‍धिया से मिलने उनके नजदीक पहुँच गयी । सिंधिया ने जिस आत्‍मीयता से उसे अपने गले से चिपटा कर अपनी मॉं से अधिक सम्‍मान व आत्‍मीयता दी तो सभा में उपस्थित सभी लोग भाव विभोर हो गये । न केवल सबके मुँह से वाह निकला बल्कि धन्‍य धन्‍य कह उठे कांगेसीयों के भारी भरकम स्‍वागतोपरान्‍त सिंधिया ने जब बोलना शुरू किया तो उपस्थित जन चमत्‍कृत होकर उन्‍हें सुनते रह गये । श्रीमंत सिंधिया ने शुरूआत में बाबा साहब अमबेडकर का स्‍मरण किया और उनके तीन सूत्रों को लोगों को गांठ में बांधने की सलाह दी । सिंधिया ने कहा कि अन्‍याय सहन मत करो, पड़ोसी पर होने वाले अन्‍याय को तो कतई बर्दाश्‍त मत करो । यदि एक आदमी अन्‍याय के खिलाफ लड़ता है तो जब तक वह अकेला रहता है तब तक उसे प्रताड़ना सहनी पड़ती है और जब कई लोग उसके साथ हो जाते हैं तो अन्‍यायी का साम्राज्‍य ही ध्‍वस्‍त हो जाता है ।

सिंधिया ने किसानों के साथ हो रहे जुल्‍म के खिलाफ दहाड़ते हुये कहा कि, इस भाजपाई सरकार की जुर्रत कैसे हुयी मेरे अन्‍नदाताओं पर जुल्‍म ढाने की, मेरा किसान मेरा अन्‍नदाता जो सारे देश को रोटी खिलाता है, एसे बिजली, पानी, बीज और खाद के लिये इस भाजपा सरकार ने तरसा दिया । रतलाम में हथकडि़यां डाल कर सरे बाजार घुमाया, मुझे ये बर्दाश्‍त नहीं, अपने अन्‍नदाताओं के खिलाफ जुल्‍म एक पल के लिये मैं बर्दाश्‍त नहीं करूंगा ।

श्रीमंत सिंधिया ने अपने आक्रोशित तेवरों में गुस्‍से से लाल चेहरे और ओजस्‍वी वाणी में कहा कि मेंरे किसानों मेरे अन्‍नदाताओं की बिजली की डी.पी. गांवों से उखाड़ ले जाते हैं, उनके तार काट देते हैं और उन्‍हें ऋणदाताओं के द्वारा गला घोंटने के लिये छोड़ देते हैं ।

यह देश यह प्रदेश व्‍यापारीयों का देश या प्रदेश नहीं है, यह देश यह प्रदेश मेरे किसानों मेरे अन्‍नदाताओं का देश प्रदेश है, और यदि इस देश का विकास करना है इसकी सच्‍ची उन्‍नति करनी है तो यहॉं व्‍यापारीयों की नहीं किसानों की अन्‍नदाताओं की तरक्‍की व विकास होना चाहिये, तभी इस देश का या प्रदेश का विकास होगा । हजारों करोड़ के निवेश करार से नहीं बल्कि गरीब किसान को समृद्ध बनाने से प्रदेश और देश का विकास होगा ।

किसान का अन्‍नदाता का अस्तित्‍व ही छीना जा रहा है, किसानों की इस धरती पर अन्‍य के लिये सीमित स्‍थान है, अन्‍नदाता सर्वोपरि है उसे उत्‍कृष्‍ट जगह मिलनी ही चाहिये । मैं किसान पर जुल्‍म बर्दाश्‍त नहीं करूंगा ।

सिंधिया बीच बीच में लोगों का संकोच दूर करने के लिये चुटकी ले कर लोगों को हंसाते भी रहे वहीं अपने आक्रामक तेवर भी यथावत बरकरार रखे रहे । वहीं बीच बीच में लोगों को तालियां बजाने की कह कर उनका सामूहिक सम्‍मोहन तोड़ कर उनसे तालियां भी बजवाते रहे ।

सामूहिक सम्‍मोहन का ऐसा अद्भुत नजारा सिंधिया ने दिखाया कि लोग सिंधिया के भाषण में खो कर ही रह गये ।

सिंधिया ने अपनी क्रमबद्ध उपलब्धियों क्रमश: धड़ाधड़ वहॉं गिनवाया । श्रीमंत सिंधिया ने सभा में बताया कि श्‍योपुर ग्‍वालियर नैरोगेज को ब्राडगेज में बदलने की मांग उनसे की गयी थी, जो कि शीघ्र ही ब्राडगेज में बदल जायेगी ।

श्रीमंत सिंधिया ने चम्‍बल की जनता के सामने बताया कि मेरे स्‍वर्गीय पिता ने मुझे बचपन से ही सिखाया था कि राजनीति जनसेवा का माध्‍यम है इसलिये राजनीति करनी होती है इसका अन्‍य कोई अर्थ या उद्देश्‍य नहीं होना चाहिये । वे बोले नेता तो झूठे होते हैं , और महज कोरे आश्‍वासन देते हैं, लोग इन नेताओं से तंग आ चुके हैं और नेताओं से चिढ़ने लगे हैं । सिधिया बोले कि मैं भी इन नेताओं से तंग आ गया हूं , मुझे भी इनसे नफरत है, लेकिन कीचड़ मे घुसकर ही कीचड़ साफ होती है सो मैं भी नेता हूँ , चुटकी लेते हुये सिंधिया ने कहा कि मैं आपके परिवार का सदस्‍य हूं , मुझे वैसा वाला नेता मत समझ लेना जिससे लोग ठहाका लगा बैठे ।

सिंधिया ने कहा कि सम्‍बन्‍ध कायम करने में ढाई सौ साल लगते हैं, और तोड़ने में पल भी नहीं लगता, ये नाजुक होते हैं इन्‍हें सहेज कर रखना चाहिये ।

सिंधिया ने वायदा किया कि मैं अपने पिता को अपना आदर्श मानता हूँ और एक योग्‍य व उत्‍तम पिता का योग्‍य पुत्र होने के नाते कुछ भी ऐसा नहीं करूंगा जिससे मेंरे स्‍वर्गीय पिता की छवि पर कोई दाग लगे उन्‍हें संताप हो । मेरा हर कदम हर कोशिश यही रहेगी कि मैं अपनी पारिवारिक परम्‍परा और निष्‍ठा को बरकरार रखूंगा तथा समर्पित भाव से सदा आपकी सेवा करूंगा ।

श्रीमंत सिंधिया ने नेताओं से कहा कि पहले जनता के जितने भी काम हैं वह करवाओ, और जब जनता के सारे काम हो जायें तब फिर आपके काम भी करूंगा, पहले जनहित वाले काम देख लो उनको निबटा लो फिर आपके निजी काम भी होंगे ।

श्रीमंत सिंधिया ने कहा कि मैं ग्‍वालियर चम्‍बल के लिये जो भी जितना भ बन पड़ेगा करूंगा, और यह शिकायत नहीं रहने दूंगा कि ये नहीं हुआ वो नहीं हुआ । मैं आपको ऐसी अद्भुत व अविस्‍मरणीय सौगातें दूंगा कि आप मेरे स्‍व. पिता की तर‍ह मुझे भी अपने दिलों से निकाल नहीं पायेंगे । मुझे यहॉं आपके लिये बहुत कुछ करना है, हालांकि समय कम है और महज एक साल में मुझे आपके लिये बहुत कुछ करना है पर मेरा वायदा है मैं करूंगा, मेरे हिसाब से मेरे लिये इतना ही वक्‍त पर्याप्‍त है और मैं  कर दूंगा मैं करूंगा ।

मैं संचार क्षेत्र में भी विशेष ध्‍यान देकर आपकी सारी शिकायतें दूर कर दूंगा, मैंने यहॉं की बहुत शिकायतें सुनीं हैं आप बेफिक्र रहिये कोई शिकायत नहीं रहेगी । मैं आपसे अपना पारिवारिक नाता बना कर रखना चाहता हूं और यह अटूट व सदा कायम रहना चाहिये ।

श्रीमंत सिंधिया ने अपने परिवार के दो अभिन्‍न सदस्‍यों से भी लोगों को मिलवाया, श्रीमंत सिंधिया ने मंच पर मौजूद एक नाई व एक डाकिये को सबसे परिचित कराया और बताया कि एक तो रोज मेरा द्वारा खटखटाता है, रोज मेरी चिठ्ठी लाता है , दूसरा मेरे बाल काटता है, ये मेरे परिवार के सच्‍चे सदस्‍य व मेरे सच्‍चे हितैषी है, जो अनवरत रूप से मेरी सेवा करते हैं ।                

                  

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