रविवार, 21 अक्टूबर 2007

पुलिस के खिलाफ बोलने वालों को सफेदपोश अपराधी मानकर जेल भेजेंगें एस.पी.साहब

मुरैना पुलिस अधीक्षक के बयान पर भड़के चम्‍बलवासी, चौतरफा निन्‍दा और आक्रोश

पुलिस के खिलाफ बोलने वालों को सफेदपोश अपराधी मानकर जेल भेजेंगें एस.पी.साहब

मुरैना 21 अक्‍तूबर 2007 । मुरैना के पुलिस अधीक्षक डॉ हरी सिंह यादव द्वारा कल तथाकथित डकैती की योजना बनाते तथाकक्थित डकैतों की गिरफतारी पर समूची चम्‍बल को डकैत और चम्‍बल की संस्‍कृति को डकैत संस्‍कृति कहने पर चम्‍बल के लोग भड़क गये हैं , साथ ही पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस की बुराई / निन्‍दा करने वालों को सफेदपोश अपराधी और डकैतों का सहयोगी साथी बताने पर भी लोगों का गुस्‍सा चरम पर है ।

आज मुरैना जिला में हुये क्षत्रिय सम्‍मेलनों तथा अन्‍य दशहरा मिलन समारोहों में पुलिस अधीक्षक का बयान न केवल छाया रहा बल्कि लोगों ने घोर निन्‍दा और आलोचना करते हुये पुलिस अधीक्षक के पुन: परीक्षा में बैठने और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य की जॉंच की मांग कर डाली ।

उल्‍लेखनीय है कि पुलिस के खिलाफ बोलने या लिखने वालों को सफेद पोश अपराधी व डकैतों का साथी घोषित कर उन्‍हें फर्जी केसों में फंसा कर जेल भिजवाने की अप्रत्‍यक्ष धमकी भी पुलिस अधीक्षक ने दे डाली थी जिससे चम्‍बल के मीडिया में भी खासा आक्रोश फैल गया है ।

आज क्षत्रिय समाज और आम जनता ने खुले आम पुलिस अधीक्षक के प्रति खुलकर आक्रोश व्‍यक्‍त किया और उन्‍हें दम्‍भी अहंकारी और फर्जी कार्यवाहीयों का स्‍पेशलिस्‍ट घोषित कर दिया । क्षत्रिय समाज और पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक को सम्‍मेलनों में खुली चुनौती दी, यदि श्रीमान बहादुर हैं तो मुरेना में क्‍या कर रहे हैं भारत पाक सीमा पर डयूटी लगवा लें पता चल जायेगा, कि बहादुर चम्‍बल के बेटे हैं जो वहॉं जान पर खेलकर देश की रक्षा कर रहे हैं या देशभक्‍त नौजवानों को अपराधी कहने और मारने की धमकी देने वाला एक पागल अफसर , क्षत्रियों ने कहा देश भक्ति, देश पर मर मिटने की तमन्‍ना, अन्‍याय के खिलाफ जंग, न्‍यायप्रियता और अत्‍याचार के खिलाफ बुलन्‍द आवाज चम्‍बल की संस्‍कृति है, और रामप्रसाद विस्मिल इसके सबूत हैं, रचनात्‍मकता यहॉं का रिवाज है महाराजा मानसिंह तोमर इसके उदाहरण हैं, म.प्र. हाईकोर्ट के मुख्‍यन्‍यायाधीश ए.के. पटनायक तक ने मुरैना आकर केवल एक सवाल पूछा था कि अगर पुलिस ठीक काम कर रही है और अदालत ठीक काम कर रही है तो लोग क्‍यों लेते हैं चम्‍बल में बदला 1

चम्‍बल की संस्‍कृति डकैती नहीं बगावत है और बगावत, विद्रोह व विरोध का दूसरा नाम है जो अत्‍याचार के खिलाफ खुली ऐलानी जंग है ।     

लोगों में गुस्‍सा इतना अधिक था कि, पुलिस अधीक्षक के फेवर में बोल पड़े कुछ लोगों की मौके पर ही लोगों ने धुनाई कर दी ।        

 

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