मंगलवार, 1 मई 2007

उत्थान अभियान में साढ़े अठारह हजार निशक्त जन सर्वेक्षित

उत्थान अभियान में साढ़े अठारह हजार निशक्त जन सर्वेक्षित

352 निशक्तजनों को सहायक उपकरण प्रदत्त

 

मुरैना 27 अप्रेल07- उत्थान अभियान के अन्तर्गत आयोजित परीक्षा शिविरों में 18 हजार 560 सर्वेक्षित निशक्तजनों की जानकारी संकलित कर शासन को भेजी गई है । वर्ष 2006-07 में एक लाख रूपये के विभागीय आवंटन और 8 लाख 13 हजार रूपये की निराश्रित निधि से 352 निशक्तजनों को सहायक उपकरण प्रदाय किये गये । यह जानकारी शिक्षा राज्यमंत्री तथा प्रभारी मंत्री श्री पारस जैन की अध्यक्षता में गत दिवस सम्पन्न दीनदयाल अन्त्योदय मिशन की बैठक में दी गई । इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रूस्तम सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रघुराज सिंह कंषाना, विधायक सर्वश्री गजराज सिंह सिकरवार, मेहरवान सिंह रावत, बंशीलाल,उम्मेदसिंह बना और श्रीमती संध्या सुमनराय, कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी तथा जिला योजना समिति के सदस्य गण उपस्थित थे ।

बैठक में उप संचालक पंचायत एवं सामाजिक न्याय ने मिशन का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । उन्होंने बताया कि 410 निशक्त विधार्थियों को 2 लाख 88 हजार रूपये की निशक्त छात्रवृत्ति वितरित की गई तथा 18 हजार 38 निराश्रितों को 4 लाख 40 हजार रूपये की सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ दिलाया गया । किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत उपेक्षित एवं विधि उल्लंघन करने वाले 184 बच्चों को सम्प्रेषण गृह में उपचार पोषण की सुविधा देते हुए 170 बच्चों को पारिवारिक पुनर्वास की सुविधा दी गई । लोक निर्माण विभाग के माध्यम बालगृह की स्थापना कराई जा चुकी है । संस्था के भवन में वाउण्ड्रीवाल के निर्माण हेतु 2 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई  । विवेकानंद समूह बीमा योजना में आठ हितग्राहियों को चार लाख रूपये की बीमा राशि का लाभ दिलाया गया । शासन द्वारा 31 मार्च2007 से 30 मार्च 2008 तक के लिए यह योजना रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ अनुबंधित की गई है । योजना के प्रचार प्रसार हेतु निराश्रित निधि से व्यय की स्वीकृति दी गई 

       मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में गत वर्ष 170 बालिकाओं के विवाह कराये गये। इस योजना के अन्तर्गत सामूहिक सम्मेलन में प्रत्येक विवाह हेतु 5 हजार रूपये और आयोजक को व्यवस्था हेतु एक हजार रूपये की राशि दी जाती है । बैठक में 489 ग्राम पंचायतों को निर्धारित निशक्तजन सुविधा पंजी प्रदाय करने के लिए कुटेशन के आधार पर मुद्रण कार्य कराने की अनुमति दी गई और इसके लिए निराश्रित निधि से व्यय की स्वीकृति दी गई ।

 

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