गुरुवार, 3 मई 2007

गम्भीर बीमारी के इलाज हेतु 4 लाख 14 हजार रूपये की सहायता

गम्भीर बीमारी के इलाज हेतु 4 लाख 14 हजार रूपये की सहायता

 

मुरैना 1 मई07- मुरैना जिले में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 8 परिवारों को गम्भीर बीमारी के इलाज हेतु 4 लाख 14 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई । ज्ञात हो कि बीमारी सहायता योजना के अन्तर्गत गम्भीर बीमारी के इलाज हेतु जिला स्तर पर 75 हजार रूपये तक तथा इससे अधिक की राशि की सहायता राज्य स्तर पर उपलब्ध कराई जाती है ।

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. एच.एस.शर्मा के अनुसार मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने और संस्थागत प्रसव को बढावा देने के लिए प्रारंभ की गई जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत जिले में 4708 के लक्ष्य से कहीं अधिक 7780 महिलाओं को सुरक्षित प्रसव की सुविधा का लाभ दिलाया गया। इस योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिला को संस्थागत प्रसव पर 1400 रूपये और प्रेरक को 600 रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है । शहरी क्षेत्र की गर्भवती महिला को एक हजार रूपये और प्रेरक को 200 रूपये दिये जाने का प्रावधान है । गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली पात्र गर्भवती महिलाओं को जननी सुरक्षा के अलावा विजयाराजे जननी बीमा कल्याण योजना का लाभ भी दिया जाता है । इसमें हितग्राही को एक हजार रूपये की राशि प्रदत्त की जाती है । अब तक 3008 महिलाओं को योजना का लाभ दिया गया । जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत सुरक्षित प्रसव हेतु दो निजी चिकित्सालय प्रेमी नर्सिंग होम और आर.एस. चैरिटेवल अस्पताल को अनुबंधित किया गया है । इन अस्पतालों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार तथा अनुसूचित जाति और जनजाति की प्रसूता महिलाओं को निशुल्क प्रसव सहायता उपलबध कराई जाती है । प्रसूता को अस्पताल पहुंचाने के लिए खड़ियाहार (अम्बाह) और पहाड़गढ़ विकास खंडों में जननी एक्सप्रेस योजना के अन्तर्गत वाहन उपलब्ध कराये जाते हैं । अन्य सभी विकास खंडों में भी यह योजना शीघ्र लागू की जा रही है ।

       दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को वर्ष में एक बार बीमार होकर अस्पताल में भर्ती होने पर बीस हजार रूपये तक की राशि उपचार पर व्यय की जाती है । अब तक 61 हजार परिवारों में से 30 हजार के कार्ड बनाये जा चुके हैं तथा आठ लाख रूपये से अधिक की राशि दवाइयों पर व्यय की जा चुकी है । शतप्रतिशत गर्भवती महिलाओं का पंजीयन कर उनका सम्पूर्ण टीकाकरण एवं निर्धारित जांचों द्वारा सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित किया गया तथा एक बर्ष तक के शतप्रतिशत बच्चों को 6 जानलेवा बीमारियों से टीकाकरण द्वारा सुरक्षित किया गया ।

       परिवार कल्याण कार्यक्रम के अन्तर्गत 8104 महिलाओं की नसबन्दी की गई और 63 पुरूषों के ओपरेशन किये गये घटते लिंगानुपात पर अरधोनी,छैरा,रिठौना और कुतवार में चिंतन शिविर आयोजित किये गये। आम जन तक स्वास्थ्य सुविधायें पहुंचाने के लिए 7 खंड स्तरीय और 35 सेक्टर स्तरीय स्वास्थ्य मेले आयोजित किये गये क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत जिले में क्षय रोगियों का रोग मुक्त प्रतिशत 77 रहा जो राष्ट्रीय सूचकांक द्वारा निर्धारित लक्ष्य के करीब है मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावासों में एफ.टी.डी. स्थापित किये गये और मलेरिया लोजी का प्रशिक्षण दिया गया। गत वर्ष 1 लाख 91 हजार बुखार से पीड़ित रोगियों की रक्त पट्टियां तैयार की गई और 828 सकारात्मक रोगियों  को मौलिक उपचार दिया गया जिले में 10 रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया जिसमें 157 नागरिकों द्वारा रक्तदान किया गया

 

कोई टिप्पणी नहीं :