मंगलवार, 10 नवंबर 2009

तहसीलदार या तानाशाही हिटलर , किसी आमआदमी से अमर्यादित भाषा का करते है प्रयोग (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

तहसीलदार या तानाशाही हिटलर , किसी आमआदमी से अमर्यादित भाषा का करते है प्रयोग

(श्यामवीर शर्मा )

हमें खेद है मुरैना मध्‍यप्रदेश में चल रही भारी बिजली कटौती के कारण इस समाचार के प्रकाशन में विलम्‍ब हुआ है, फेलुअर विद्युत सप्‍लाई सही होने तक फोटो व समाचार समय पर हम अपडेट नहीं कर सकेंगे, इसके लिये हम क्षमाप्रार्थी हैं, कृपया अपडेट के लिये हमें ई मेल, जवाबी मेल या टिप्‍पणीयां न भेजें बिजली कटौती और कई अन्‍य कारणों से हम समय पर अपडेट नहीं दे पा रहे हैं इस सम्‍बन्‍ध में हम अलग से स्‍पष्‍टीकरण व अपनी मजबूरीयों का अलग से शीघ्र ही समाचार दे रहे हैं नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द'' प्रधान संपादक  

अम्बाह. (मुरैना) तहसीलदार शाक्य अपने रूखे व्यवहार के लिये अम्बाह की जनता में पहचान बनाने में लगे है। यदि तहसीलदार की बजाय तानाशाही हिटलर की संज्ञा दी जाये तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि वे किसी आमजन मानस से सीधे मुॅह बात नही करते और अभद्र भाषा का प्रयोग कर लोगो को अपने केविन से प्रत्कारते हुये दिख जायेगे जब इस संवाददाता से कई ग्रामीणों ने तहसीलदार के एल शाक्य के रूखे व्यवहार की बात की तो स्वयं संवाददाता ने जाना कि तहसीलदार शाक्य अपने रूखे व्यवहार से लोगो के किये तरह तरह दुत्कारते है एक  किसान जगदीश सिंह तोमर ग्राम चित्तेका पुरा अपना नोडयूज फार्म पर जब तहसीलदार उन्हें दुत्कार दिया और कहाा जाने कैसे कैसे लोग चले आते है। इन्हे कोई नियम कायदा मालूम नही है। और उनसे भददी गालियॉ देने लगा। क्या एक तहसीलदार जो कि इतने उॅचे ओहदे पर बैठा है वो इस तरह की बातें करते अच्छा लगता है  अमूमन ऐसे कर्तव्यहीन अधिकारी को तो बर्खास्त होना चाहिये तथा एक ऐसा जिम्मेदार अधिकारी इस पद पर रहना चाहिये जो कि अपनी मृद् भाषा शैली से सभी का मन मोहले और अपनी अपनी मीठी वाणी के जनमानस में उत्साह और उमंग करदे आम जनमानस की शासन प्रशासन से अपील है कि ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारी को बर्खास्त कर किसी सुशील अधिकारी के काविज किया जाये।

 

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