सम्पत्ति विरूपण पर होगा एक हजार रूपये का जुर्माना
मुरैना 11 जनवरी 10/ मध्यप्रदेश संपति विरूपण अधिनियम 1994 की धारा-3 के अंतर्गत किसी भी संपति को स्वामी की लिखित अनुमति के बिना विरूपित करने वाले को एक हजार रूपये के जुर्माना की सजा से दंडित किया जायेगा ।
जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एम.के. अग्रवाल ने बताया की म.प्र. संपति विरूपण अधिनियम के अधीन दंडनीय कोई भी अपराध संज्ञेय माना जायेगा । संपति के अंतर्गत कोई भी भवन, झोंपडी,सरंचना, दीवार, आदि शामिल होगा ।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने पंचायत निर्वाचन को स्वतंत्र,निष्पक्ष और शांतिपूर्ण संपन्न कराने के उद्देश्य से अधिनियम की धारा 5 के तहत आदेश जारी किया है कि निर्वाचन लडने वाले प्रत्याशी निजी भवनों पर भवन स्वामी की लिखित सहमति के उपरांत झंडे, बैनर, पोस्टर, दीवाल लेखन, अस्थायी फ्लेक्स बोर्ड लगा सकते हैं । लेकिन इन पोस्टर वैनर पर ऐसा कुछ भी नहीं लिखा जायेगा, जिससे कि विभिन्न समुदायों में असंतोष उत्पन्न होकर लोक न्यूसेंस की सम्भावना उत्पन्न हो
चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी शासकीय अशासकीय संपति को संबंधित विभाग या भवन स्वामी की अनुमति के बिना विरूपित करने पर संबंधित थाना में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जायेगी । शासकीय संपति को पुन: मूल स्वरूप में लाने के लिए अनुविभागीय दंडाधिकारी अनुविभागीय पुलिस अधिकारी तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अथवा उसके द्वारा अधिकृत अधिकारी का दल गति किया गया । यह दल पृथक-पृथक अथवा संयुक्त रूप से अपने क्षेत्र के अंतर्गत विरूपित संपति को मूल स्वरूप में लाने की कार्रवाई करेंगे और इस पर आने वाले व्यय की वसूली दोषी व्यक्ति से भू-राजस्व की बकाया के रूप में की जायेगी। साथ ही संबंधित पुलिस थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जायेगी ।
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