सोमवार, 4 अगस्त 2008

''बलराम ताल '' के लिये मिलेगा 80 हजार रूपये का अनुदान

''बलराम ताल '' के लिये मिलेगा 80 हजार रूपये का अनुदान

मुरैना 2 अगस्त 08/ वर्षा के बहजाने वाले जल को खेतों में रोककर उससे सिंचाई करने के लिए बलराम ताल योजना प्रारंभ की गई है । '' बलराम ताल '' के निर्माण के लिए किसानों को 80 हजार रूपये तक का अनुदान दिया जायेगा। एक बलराम ताल से लगभग 5 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई की जा सकेगी । मुरैना जिले के लिए वित्त वर्ष 2008-09 में 25 बलराम ताल का लक्ष्य और 16 लाख रूपये का आवंटन दिया गया है ।

       उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री बी.डी.शर्मा के अनुसार बलराम ताल की अनुमानित अधिकतम लागत 2 लाख रूपये रहेगी । सामान्य कृषकों को अपने खेतों में बलराम ताल निर्माण के लिए 60 प्रतिशत अर्थात 1 लाख 20 हजार रूपये की बैंकों के माध्यम से ऋण के रूप में प्राप्त कर अथवा स्वयं के स्रोतों से व्यवस्था करनी होगी । लघु सीमांत , अनुसूचित जाति और जन जाति के किसानों के लिए यह राशि निर्माण लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 80 हजार रूपये होगी । निर्माण कार्य कराने हेतु कृषक मशीनों द्वारा, स्वयं के श्रम द्वारा अथवा श्रमिकों से कराने के लिए स्वतंत्र होंगे ।

       बलराम ताल का निर्माण किसान के स्वयं की स्वामित्व की भूमि पर किया जायेगा। इसके निर्माण हेतु आवेदन पत्र ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को प्रस्तुत किये जायेंगे । पचास हजार रूपये से कम लागत वाले प्रकरणों पर सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा तकनीकी स्वीकृति दी जायेगी और तकनीकी स्वीकृति के आधार पर जनपद पंचायत की कृषि स्थाई समिति द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जायेगी । पचास हजार रूपये से अधिक की लागत बाले प्रकरणों में सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी की अनुशंसा के आधार पर उप संचालक कृषि द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्रदान की जायेगी । प्रशासकीय स्वीकृति जनपद पंचायत की कृषि स्थाई समिति देगी । जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा विकास खंडबार और बैंकवार लक्ष्यों का निर्धारण किया जायेगा । इस समिति में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, उप संचालक कृषि एवं जिले के सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी सदस्य रहेंगे ।

       योजना के अन्तर्गत 50 प्रतिशत कार्य पाये जाने पर प्रथम किस्त जारी करने की अनुशंसा की जायेगी । प्रथम किस्त के भुगतान के पश्चात तीन माह में (वर्षा काल छोड़कर) कार्य पूर्ण कराना जरूरी होगा । शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण होने पर द्वितीय अंतिम किस्त जारी की जायेगी । ऋण की प्रथम किस्त के भुगतान के साथ ही कृषक को देय अनुदान की 50 प्रतिशत राशि बैंक को उपलब्ध कराई जायेगी । शेष 50 प्रतिशत अनुदान राशि दूसरी किस्त के भुगतान के पश्चात जमा कराई जायेगी । ऋण की अदायगी ऋण प्राप्ति के दो वर्षों बाद प्रारंभ होगी और सात वर्ष में ऋण की पूर्ण अदायगी करनी होगी । ऋण राशि में से अनुदान की राशि घटाने के बाद शेष राशि पर ही ब्याज की गणना की जायेगी और उसी अनुरूप किस्तों का निर्धारण किया जायेगा ।

 

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