लू से बचाव की सलाह
मुरैना 23 अप्रेल07- गर्मी के मौसम में लू चलने से मानव शरीर में नमक और पानी की मात्रा कम हो जाती है । जिसके कारण लू- तापघात होने की संभावना बढ़ जाती है । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. एच.एस.शर्मा के अनुसार लू -तापघात होने पर सिरदर्द, थकावट, अत्याधिक प्यास लगना, बहुत तेज बुखार, मुंह लाल हो जाना, पसीना बन्द हो जाना और बेहोशी के लक्षण प्रकट होते हैं ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शर्मा ने नागरिकों को लू से बचाव की सलाह देते हुए कहा है कि लू-तापघात से बचने के लिए छायादार ठण्डे स्थान पर रहें, घर से भूखे पेट बाहर नहीं निकले, ताजा भोजन करें और छाछ, शिंकजी,प्याज पोदीना और कच्चे आम कैरी के पना अन्य शीतल पेय पदार्थो का सेवन करें । धूप में छाता लेकर निकलें, सिर व गर्दन को सूती कपड़े से ढंक कर रखें, बासी भोजन, चाट मिठाई का सेवन नहीं करें ।
लू- लगने पर रोगी को तत्काल छायादार व ठण्डे स्थान पर लिटायें, जीवन रक्षक घोल (ओ आर एस) नमक शक्कर नीवू की शिंकजी, कच्चे आम का पना का अधिक मात्रा में सेवन करायें । आवश्यकता पड़ने पर तत्काल नजदीक के किसी चिकित्सालय अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में रोगी को दिखाकर डाक्टर के परामर्श अनुसार उपचार करायें ।
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