सोमवार भी काला लटका बिजली पे फिर ताला, बिजली ने बरपाया कहर बिजली कटौती चालू आहे
मुरैना 18 अगस्त 08, आज सोमवार 18 अगस्त को सुबह बिजली ने आठ बजे से कटौती काण्ड प्रारंभ किया, उसके बाद समाचार लिखे जाने के वक्त यानि दोपहर 3 बजे तक मुरैना शहर सम्भागीय मुख्यालय पर बिजली कटौती ने कोहराम मचा दिया है । खबर लिखे जाने तक शहर की सप्लाई डम्प थी ।
उल्लेखनीय है कि विगत 20 दिनों से मुरैना के सम्भागीय मुख्यालय पर बिजली सप्लाई पूरी तरह डम्प होकर ठप्प पड़ी है । शहर के अनेक मोहल्लों में पूर्णत: अंधेरा कायम है ।
सप्ताह में कुछ दिन ऐसे होते हैं जब शहर के कुछ मोहल्लों में लगभग औसतन हर बीस मिनिट बाद बिजली कटती रहती है और रात को डेढ़ बजे से दो बजे तक बिजली कटने के बाद ही यह सिलसिला चलता है । अनेक बार तो कई कई दिन तक लोग बिजली दर्शन के लिये तरस जाते हैं । यह सम्भागीय मुख्यालय के हालात हैं । अब जिलो, तहसील और विकासखण्ड तथा गॉंवों की क्या दशा है यह स्वत: समझने की बात है ।
उल्लेखनीय है कि अंचल के भिण्ड, मुरैना और श्योपुर जिलों के क्षेत्र इस समय अघोषित व अन्धाधुन्ध बिजली कटौती से परेशान हैं, बिजली कम्पनी के अधिकारी भारी रिश्वत लेकर उद्योगों और मिलों तथा कोल्ड स्टोरेज को करोड़ों रूपये की बिजली चोरी कराते हैं जिसकी भरपाई के लिये आम जनता को बिजली से महरूम कर इस चोरी की बिल भरपाई नियमित बिल भरने वालों उपभोक्ताओं से बिना बिजली दिये बिल वसूली कर की जाती है । ज्ञातव्य हो कि प्रदेश की भाजपा सरकार पूर्णत: व्यापारीयों व उद्योगपतियों के लिये आत्म समर्पित सरकार है । सादकिल चलाकर पेट्रोल बचाने वाले मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर में हजारों गुना पेट्रोल फूंक कर पहले से ही दागदार और कलंकित हो चुके हैं ।
इन्वेस्टर मीट और डेस्टिनेशन म.प्र. के नाम पर म.प्र. के अकूत श्रम खजाने और आर्थिक शक्ति को व्यापारीयों तथा उद्योगपतियों के हवाले कर देने वाली सरकार गरीब किसानों को महज पत्थर गाड़ गाड़ कर ही खुश रहती है ।
पत्थर गाड़ा कब्रिस्तानी सरकार ( शिलान्यास बनाम कब्रिस्तानों का प्रदेश मध्यप्रदेश)
और गरीब किसान तथा आम जनता महज लाचार होकर अपने म.प्र . को पत्थर गाड़ा कब्रिस्तान में तब्दील होते देखते रहते हैं । ज्ञातव्य है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने म.प्र. के हर जिले में हजारों पत्थर अपने नाम के खुदवा कर गड़वा दिये हैं और काम कहीं भी एक भी शुरू नहीं हुआ है । तमाशा यह भी है कि कई जगह तो शिलान्यासी कब्रिस्तानी पत्थर एक ही योजना या निर्माण के तीन तीन चार चार बार लगा दिये गये हैं अर्थात एक ही योजना के तीन तीन चार चार बार शिलान्यास कर डाले हैं खुद सरकार को ही ध्यान नहीं रहता कि वह कब किसका कितनी बार शिलान्यास कर चुकी है । इस पर पृथक से आलेख हम प्रकाशित करने जा रहे हैं । बिजली कभी आयी तो अवश्य आप इसे पढ़ पायेंगें ।
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