मोटोरोला मोबाइल कम्पनी के खिलाफ हर्जाना आदेश, प्रबन्धक के खिलाफ वारण्ट जारी
मुरैना 23 अगस्त 08, प्रसिद्ध मोबाइल फोन बनाने वाली मोटोरोला मोबाइल कम्ॅपनी के खिलाफ मुरैना के जिला उपभोक्ता न्यायालय ने साढ़े तीन हजार रूपये की हर्जाने की रकम उपभोक्ता को देने तथा तुरन्त नया मोबाइल फोन या उसकी कीमत मय ब्याज अदा करने के आदेश दिये हैं ।
हमारे न्यायालयीन संवाददाता के अनुसार मुरैना जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम ने शिकायत प्रकरण क्रमांक 08/2008 में पारित आदेश दिनांक 13 मार्च 2008 में मोटोरोला मोबाइल कम्पनी के एक मोबाइल सेट एल-6 सिल्वर जिसकी कीमत उपभोक्ता राघवेन्द्र सिंह कुशवाह से 5376 रूपये दिनांक 20 जनवरी 2007 को वसूली गयी थी । कम्पनी के स्थानीय विक्रेता ने उपभोक्ता राघवेन्द्र सिंह को उसकी रसीद मय वारण्टी कार्ड दी । इसके बाद मोबाइल सेट ने चार माह बाद ही काम करना बन्द कर दिया, उपभोक्ता ने स्थानीय विक्रेता से इसकी शिकायत की तो ग्वालियर स्थित सर्विस सेण्टर से सेट की रिपेयरिंग करवा कर उपभोक्ता को वापस कर दिया । किन्तु कुछ दिन बाद यह सेट फिर अपने आप खराब हो गया, जिसे स्थानीय विक्रेता और मोटोरोला सर्विस सेण्टर ने मरम्मत करने से इंकार कर दिया । और कहा कि सेट में कम्पनी से ही मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट है, इसे ठीक नहीं किया जा सकता । यह सब घटनाक्रम मोबाइल सेट के वारण्टी अवधि के बरकरार रहते हुआ ।
स्थानीय विक्रेता तथा सर्विस सेण्टर एजेन्सी पर चक्कर लगा लगा कर परेशान हो चुके उपभोक्ता राघवेन्द्र सिंह कुशवाह ने अंतत: अभिभाषकगण नरेन्द्र सिंह तोमर, विनय मिश्रा, सौरभ मिश्रा, संतोष वर्मा के माध्यम से अपना प्रकरण जिला उपभोक्ता न्यायालय मुरैना के समक्ष प्रस्तुत किया ।
प्रकरण में आदेश देते हुये न्यायालय ने मोटोरोला कम्पनी को दोषी मानते हुये, और सेवा में त्रुटि पाया जाना स्वीकारते हुये तीस दिवस के भीतर आवेदक राघवेन्द्र सिंह कुशवाह को नया मोबाइल सेट वह भी पूर्णत: त्रुटि रहित हो, देने एवं उतनी ही नयी वारण्टी देने अथवा उसकी कीमत एवं उस पर 14 प्रतिशत ब्याज दर से ब्याज देने तथा साथ ही आवेदक उपभोक्ता को 3000 रूपये क्षतिपूर्ति तथा 500 रूपये प्रकरण व्यय भी तीस दिवस के भीतर अदा करने के आदेश दिये ।
प्रकरण में आदेश होने के उपरान्त भी मोटोरोला कम्पनी ने न तो न्यायालय के आदेश का पालन ही किया और न आवेदक उपभोक्ता राघवेन्द्र सिंह आदेशित अवधि के भीतर नया मोबाइल दिया न हर्जाना राशि अदा की । जिसकी शिकायत पुन: न्यायालय के समक्ष की गयी तब न्यायालय ने दो बार मोटोरोला इण्डिया के गुड़गांव कार्यालय के प्रबन्धक के जमानती वारण्ट जारी किये, किन्तु मोटोरोला कम्पनी इसके बावजूद न्यायालय में उपस्थित नहीं हुयी और न उसने न्यायालय के आदेश का पालन ही किया ।
इस पर न्यायालय ने मोटोरोला इण्डिया कम्पनी के प्रबन्धक के गिरफ्तारी वारण्ट जारी कर दिये ।
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