सोमवार, 11 जून 2007

ई मेल स्‍पामरों और टेलीमार्केटरों की लग बनी

विश्‍व के 7 आश्‍चर्य : गीजा के पिरामिडों की वोटिंग पर रोक

ताजमहल का अपमान है वोटिंग, कब थमेगा फजीहत का सिलसिला

ई मेल स्‍पामरों और टेलीमार्केटरों की लग बनी

ग्‍वालियर । तथाकथित मार्केटिंग कम्‍पनीयों और टेलीफोन तथा मीडिया कम्‍पनीयों द्वारा चलाये गये अभियान को मिस्‍त्र सरकार के संस्‍कृति विभाग की आपत्ति से एक झटका लग गया है ।

वोटिंग के नाम पर पुरातत्‍व संपदा को अपमानित करने का एक खेल सा चल रहा था , जिससे देशों की गरिमा भी लांछित हो रही थी ।

मिस्‍त्र के पिरामिड जगजाहिर और मशहूर हैं , किसी के कह देने से न तो लोगों के दिल में न तो उनका महत्‍व घट जायेगा और न बढ़ जायेगा । न तो लोग उसे देखने जाना शुरू कर देंगें और न देखना बन्‍द कर देंगें ।

तथाकथित मार्केटिंग कम्‍पनीयां लोगों को टूर पैकेज भी इसी बहाने मुहैया करा रहीं हैं । वहीं लोगों के ई मेल पते और मोबाइल नंबर हासिल कर टेली मार्केटिंग और स्‍पाम ई मेलिंग का रास्‍ता बना रहीं हैं ।

उल्‍लेखनीय है कि हाल ही में भारत सरकार ने टेली मार्केटिंग पर लगाम कस दी है । ऐसे में परेशान टेलीमार्केटरों ने कई नये रास्‍ते ईजाद किये हैं ।

मजे की बात ये है, विश्‍व के सात अजूबों के लिये इससे पहले कभी कोई वोटिंग नहीं हुयी और अजूबे अपने आप ही अजूबे मान लिये गये । पहले से जो लोग इन्‍हें अजूबा मानते आये हैं वे अभी भी और आने वाले कल और परसों भी इन्‍हें ही अजूबा मानेंगे ।

अभी तक आपने गिनीज बुक आफ वर्ल्‍ड रिकार्डस और लिमका रिकार्डस बुक ही सुनी होंगीं ।

यह तीसरा रिकार्ड कौन तैयार कर रहा है , वह भी विश्‍व की माननीय सम्‍पदा और धरोहरों का ।

असलियत ये है कि इसके बहाने विश्‍व सम्‍पदाओं को अपमानित किया जा रहा है । क्‍या यह संभव है कि किसी सम्‍पदा की अद्वितीयता किसी वोटिंग से मापी जा सके । या उस राष्‍ट्र विशेष को अपमानित करने और किसी राष्‍ट्र विशेष में पर्यटन पैदा करने या बढ़ाने का तगड़ा साजिशी खेल तो नहीं ।

उल्‍लेखनीय है कि भारत का सबसे अधिक आय दायी स्‍त्रोत पर्यटन है, ठीक इसी प्रकार विश्‍व के अन्‍य कई विकासशील देशों का भी आय दायी स्‍त्रोत मुख्‍यत: पर्यटन ही है । अब पर्यटन आय की दिशा मोड़ने और किसी या किन्‍हीं राष्‍ट्र विशेष को फायदा पहुँचाने का यह तगड़ा साजिशी खेल तो नहीं । 

अब वोटिंग का भी पैमाना यह है कि एक व्‍यक्ति चाहे जितने वोट दे सकता है , वही व्‍यक्ति आनलाइन वोटिंग अलग कर सकता है और वही दोबारा मोबाइल से एस.एम.एस. के जरिये वोटिंग अलग कर सकता है फिर वही व्‍यक्ति सर्टीफिकेट खरीद कर फिर वोटिंग कर सकता है । वाह भई क्‍या कहने ।

एक तो फोन कम्‍पनीयों की बेलगाम कमाई फिर विदेश में भारत का पैसा पहुँचाने का नायाब तरीका ।

ऊपर से ताजमहल के फजीहते । कौन सा ऐसा देश वासी होगा जो अपने ताजमहल को नीचा देखने देगा । यानि देशवासीयों की भावनाओं का नकदीकरण । आपने उस गड़रिये की कहानी तो सुनी होगी जो शेर आया शेर आया चिल्‍ला चिल्‍ला कर ग्रामवासीयों को इकठठा कर लेता था और एक दिन जब सचमुच शेर आ गया तो वह  चिल्‍लाता ही रह गया और कोई नहीं आया ।

ताजमहल की वोटिंग के नाम पर अन्‍धी कमाई के लिये जिस तरह की चिल्‍लाचोंट कर राष्‍ट्रीय संकट की तरह इसका प्रचार किया जा रहा , वह भी यह टटोले बगैर कि, आखिर वे हैं कौन जो हमें अजूबे की मान्‍यता देंगे । अगर कभी सचमुच राष्‍ट्रीय संकट कोई आया तो ढपोरी चिल्‍लाते ही रहेंगे कोई भी विश्‍वास नहीं करेगा ।

मिस्‍त्र सरकार के संस्‍कृति विभाग ने गीजा के पिरामिडों की वोटिंग पर आपत्ति दर्ज करा कर पिरामिडों का विश्‍व महत्‍व दर्शा दिया है , इसका अर्थ क्‍या है , हम अब भी नहीं समझ पा रहे । और मिस्‍त्र के पिरामिडों की वोटिंग रोक कर उसके दर्जे को यथावत रहने दिया गया है । क्‍या हम अपने ताजमहल का दर्जा यथावत रख पाने में असहाय हो गये हैं सो उसकी रोजाना बेइज्‍जती करवा कर उसके फजीहतें करवा रहे हैं ।

वोटिंग की आड़ में सैकड़ों हजारों फर्जी वेबसाइटें ई मेल स्‍पामरों ने बना कर रिलीज कर डालीं हैं , वे आपको वोटिंग के लिये आमंत्रित कर आपका ई मेल पता एकत्रित कर उसकी पुष्टि भी कर लेते हैं । यही हालत मोबाइल नंबरों की है ।

नीचे मिस्‍त्र के पिरामिडों के लिये वोटिंग रोकने का मूल टेक्‍सट यथावत प्रकाशित किया जा रहा है जरा पढि़ये -  

 

The Pyramids of Giza (2600 - 2500 B.C), Egypt

After careful consideration, the New7Wonders Foundation designates the Pyramids of Giza—the only remaining of the 7 Ancient Wonders of the World—as an Honorary New7Wonders Candidate.

Therefore, you cannot vote for the Pyramids of Giza as part of the New7Wonders campaign.

This decision has also taken into account the views of the Supreme Council of Antiquities of Egypt and the Egyptian Ministry of Culture. The Pyramids are a shared world culture and heritage site and deserve their special status as the only Honorary Candidate of the New7Wonders of the World campaign.

The 7 New Wonders of the World will now be chosen by the people across the globe from the 20 active New7Wonders candidates.

 

The Pyramids of Giza, the oldest and only Ancient Wonder still standing, are testimony to perfection in art and design, never subsequently achieved. They were built by planners and engineers purely to serve their earthy rulers - who were also their gods. Philosophy did not exist at this time, and creation was not subject to any questioning. The pyramids are the purest of constructions, built for eternity.

 

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