जनता और सरकार का तीसरा संघर्ष बाल बाल टला दिमनी में
मुरैना 5 सितम्बर 08, चम्बल घाटी के इतिहास में एक ही दिन में तीन जन आन्दोलन या सरकार विरूद्ध जनता संघर्ष का तीसरा हादसा राजपूत बाहुल्य क्षेत्र दिमनी में होते होते बाल बाल टल गया । यहॉं भी पुलिस, प्रशासन और जनता आमने सामने आ गयी । यदि यह हादसा हो जाता तो तीन जनसंघर्ष एक साथ होने पर गृहयुद्ध घोषित हो जाता ।
यह स्थिति इसलिये भी भयावह होती क्योंकि दिमनी क्षेत्र राजपूत बाहुल्य क्षेत्र है साथ ही दिमनी कस्बा अम्बाह तहसील का संवेदनशील इलाका है, जहॉं तोमर राजपूतों की विशाल बसाहट है । दिमनी में हुआ हादसा तत्काल अम्बाह, पोरसा, बुधारा होते हुये भिण्ड जिला में भसी तत्काल फैल जाता क्योंकि भिण्ड भदौरिया और कछवाहे राजपूतों का बाहुल्य प्रधान क्षेत्र है साथ ही मुरैना के तोमर राजपूत इनके रिश्तेदार हैं ।
उधर यह संघर्ष भिण्ड क्षेत्र में प्रवेश करता इधर मुरैना के नजदीक होने के कारण चम्बल के सम्भागीय मुख्यालय मुरैना शहर में भी स्वत: ही जन आन्दोलन भड़क जाता । जबकि निकट ही चन्द गज के फासले पर किरारों ने महाराजपुर में तथा बानमोर में समूची जनता ने जन संघर्ष छेड़ ही दिया था । जिसकी खबरें पलक झपकते ही आग की तरह फैल कर मुरैना में आ चुकीं थीं और महज एक दो घण्टे के भीतर सारी चम्बल में फैल चुकीं थीं ।
जनता में अन्दरूनी आक्रोश इस कदर व्याप्त है कि केवल वश ही नहीं चल रहा वरना सरे राह सरे आम कत्लेआम कभी भी शुरू हो सकता है ।
दिमनी का घटनाक्रम इस प्रकार है, अम्बाह के एस.डी.एम. श्री एस.एम. दौलतानी मुरैना के दोनो जनसंघर्ष काण्ड में भाग लेकर अम्बाह लौट रहे थे कि तभी वहॉं गणेश महोत्सव का जबरन चन्दा बटोरते कुछ भाजपाईयों ने एस.डी.एम. दौलतानी से भी चन्दा वसूलने उनकी गाड़ी को रोक लिया । इस पर दौलतानी ने चन्दा वसूली अवैध बताते हुये कुछ लोगों को दिमनी थाने में बन्द करा दिया ।
इस पर जनता भड़क उठी और सैकड़ों लोगों ने दिमनी थाना घेर लिया । एस.डी.एम. दौलतानी ने तत्काल ही सूझ बूझ का परिचय देते हुये गिरफ्तार किये युवकों को तत्काल बिना केस कायम किये छुड़वा दिया । जिस पर आक्रोशित भीड़ भी खुद ही वहॉं से हट गयी । वरना जरा और मामला बढ़ता तो तिकड़ी काण्ड हो लेता ।
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