चम्बल में किसानों की बगावत, बिजली कटौती से गुस्साये किसानों ने बिजली कर्मियों और पुलिस को धुना, बिजली घर का जे.ई. मरणासन्न हालत में अस्पताल में भर्ती
घटना के बाद समूची चम्बल की बिजली दिन भर के लिये काटी, किसानों के गॉंवों की बिजली सप्लाई स्थायी रूप से बन्द की
मामला मुख्यमंत्री के नजदीकी बिरादरी वालों का, गंभीर हो सकते हैं अंजाम मुरैना महाराजपुर में जनता और सरकार के बीच हुयी जंग में एक खास पहलू यह भी है कि सम्पूर्ण महाराजपुर और उसके आसपास के गॉंव किरार जाति समुदाय के हैं । घटनाक्रम में जो लोग मुल्जिम बनाये गये हैं या जिनसे पुलिस, प्रशासन व बिजलीकर्मियों का युद्ध हुआ है वे सभी किरार हैं । और इस क्षेत्र के सारे किरार शिवराज सिंह के अंधे समर्थक एवं शिवराज सिंह से शक्ति प्राप्त हैं । इस क्षेत्र के किरार धन बल, जनबल एवं बाहुबल में काफी समृद्ध एवं शक्तिशाली हैं । मुख्यमंत्री से सीधे जुड़े होने तथा मुख्यमंत्री का समर्थन व संरक्षण होने से दु:साहस इन किरारों में स्वत: ही आ गया है । ये लोग मुख्यमंत्री को किरारों का गौरव और नक्षत्र बताकर सम्मानित एवं अभिनन्दित भी कर चुके हैं । |
मुरैना 4 सितम्बर आज प्रात: चम्बल में मुरैना शहर के नजदीकी गॉंव महाराजपुर के किसानों और बिजली घर कर्मियों तथा पुलिस के बीच जम कर दंगा और उपद्रव हुआ जिसमें सारे ग्रामीण और किसान पुलिस और बिजली कर्मियों पर टूट पड़े, और पुलिस तथा बिजली वालों की जम कर धुनाई पिटाई कर डाली जिसके दौरान बिजली घर का जे.ई. फेरन सिंह तोमर मारपीट से मरणासन्न हो कर अचेत हो गया, गंभीर अवस्था में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चम्बल में चल रही भारी बिजली कटौती से अंचल की जनता में भारी आक्रोश व रोष व्याप्त है जिसका आज तेज असर किसानों और ग्रामीणों की भड़ास के रूप में निकला । एक तो अंचल में बिजली नहीं दी जा रही, ऊपर से किसानों को अनाप शनाप बिजली के बिल थमा कर उन्हें जबरदस्ती भरने को मजबूर किया जाता है, अन्यथा उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे और पुलिस प्रकरण कायम कर उन्हें जेलों में ठूंस कर उनके घरबार, खेत खलिहानों, पशुओं और सामान की कुर्की करा ली जाती है । जिससे चम्बल के किसान काफी समय से भरे बैठे हैं, अम्बाह, जौरा और पोरसा जैसी घटनाओं के बाद एक गंभीर घटना के रूप में आज की घटना का परिदृश्य उभर कर सामने आया है । अम्बाह पोरसा काण्ड में जनता और पुलिस के बीच हुये संघर्ष व संग्राम का एक छोटा सा सीन इस घटनाक्रम में नजर आया जिसमें पुलिस, बिजली कर्मी और जनता फिर एक बार आमने सामने आ गयी । जनता फिर यहॉं भारी पड़ी और फिर एक बार भाजपा सरकार के ही राज में (अम्बाह पोरसा काण्ड भी भाजपा शासन काल के इसी सत्र में हुआ था) जनता और सरकार के बीच तगड़ा संग्राम हुआ, और जनता ने सरकार को न केवल बंधक बना लिया अपितु खदेड़ खदेड़ कर घसीट घसीट कर पीटा ।
बिजली विभाग और पुलिस का कहना है कि वे ग्राम महाराज पुर में बिजली चोरी पकड़ने गये थे (उल्लेखनीय है कि चम्बल के गांवों में बिजली है ही नहीं , गांव वालों ने बिजली का प्रायवेट तार खींच कर एक जुगाड़ बना कर अन्यत्र से बिजली ले रखी थी जिस पर पूरे पूरे दिन और पूरी पूरी रात कटौती चल रही थी, मजे की बात यह भी है कि स्थानीय उद्योगों और कारखानों में करोड़ों की बिजली चोरी खुद बिजली वाले ही कराते हैं, महाशय उन्हें कभी पकड़ने नहीं जाते, इनसे एवज में हर माह दो करोड़ रूपये रिश्वत वसूली जाती है, तर्क है कि सौ पचास या ढाई सौ रूपये के मजबूर गरीब किसानों को चोर बनाने और जेल में ठूंसने गये थे)
मुतल्लिक सरकारी सूत्रान इन्हें देख ग्रामीण और किसान भड़क कर इन पर टूट पड़े और सबको बंधक बना कर धुन पीट दिया । बाद में मौके पर मुरैना कलेक्टर श्री रामकिंकर गुप्ता और पुलिस अधीक्षक मुरैना संतोष सिंह (ये अधिकारी जनता की बिजली समस्या पर कभी नहीं चेतते न पहुँचते न जनता की हिमायत और शिकायत दूर करते हैं) पहुंचे, इसके बाद भारी संख्या में अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और बंधक बनाये अधिकारीयों को छुड़ाया, इसके बाद ग्राम पंचायत महाराजपुर और उसके सभी संलग्न गांवों की बिजली सप्लाई तथा कनेक्शन पूर्णत: काट दी गयी ।
असल हकीकत क्या हुआ था वहॉं
असल घटनाक्रम और प्रत्यक्ष घटनादर्शीयों के बयान सरकारी बयान से मेल नहीं खाते,
असल घटनाक्रम और बकौल जनता-
बिजली कर्मियों और पुलिस की पिटाई से खुश था सारा शहर – महाराजपुर के घटनाक्रम की खबर शहर में जंगल की आग की तरह फैल गयी, जिसके भी मुँह से निकला, सिर्फ वाह बहुत अच्छा हुआ निकला, लगभग सौ प्रतिशत ने सिफ यही कहा कि इन सालों में तो रोज ही ऐसे ही पड़नी चाहिये, सालों ने जीना हराम कर दिया है । चौतरफा जनता में प्रसन्नता की लहर थी । किसी एकमात्र ने भी नहीं कहा कि यह गलत हुआ ।
महाराजपुर में है सारे शहर की बिजली सप्लाई का मुख्य सब स्टेशन
महाराजपुर में सारे मुरैना शहर की बिजली सप्लाई का बृहद सबस्टेशन है मुरैना शहर और आसपास की ग्राम पंचायतों की बिजली सप्लाई तथा बिजली कटौती यहीं से नियंत्रित होती है, यहॉं पदस्थ अधिकार कर्मचारी मनमर्जी मनमानी बिजली कटौती अपने स्तर पर करते रहते हैं ।
आज का घटनाक्रम-
भारी बिजली कटौती से नाक तक भरे बैठे, ग्रामीणों की प्रायवेट तार लाइनों को बिजली वाले काट कर ले गये जिसकी खबर अंचल में फैलते ही जनता आक्रोशित हो गयी जनता ने मौके पर विरोध किया जिस पर पुलिस ने किसानों और ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया । जिसमें कई लोग बुरी तरह घायल हो गये, कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ।
धीरे धीरे भारी संख्या में ग्रामीण जनता एकत्रित हो गयी, महिलायें औंर बच्चे भी निकल कर मैदान में आ गये । जम कर पथराव हुआ, दोनो ओर से लठ्ठ चले, भारी संख्या में किसान और ग्रामीण, उनकी महिलायें तथा बच्चे घायल हो गये तथा कई गंभीर अवस्था में पहुंच गये । बाद में पहुँची भारी संख्या के पुलिस बल ने जम कर महिलाओं, बच्चों किसानों और ग्रामीणों पर लाठीयां भांजीं ।
दोनो ओर से चले इस युद्ध के बाद घटनाक्रम में पिट कुट कर गंभीर रूप से घायल जे.ई. फेरन सिंह तोमर को मरणासन्न व अचेत हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया ।
ग्रामीण किसानों और महिला बच्चों के खिलाफ पुलिस कार्यवाही करने और जेलों में ठूंसने की प्रशासन ने धमकी दी है । घायल ग्रामीणों की फरियाद सुनने और चिकित्सापर्यादि से प्रशासन व पुलिस ने सर्वथा मना कर दिया है ।
समूची चम्बल की बिजली की काटी
इस घटनाक्रम से खिसियाये झल्लाये बिजली कर्मियों ने समची चम्बल की बिजली आज दिन भर के लिये काट दी जिससे मुरैना व भिण्ड शहर सहित समस्त गॉंवों में आज दिन भर बिजली बन्द रही ।
देर रात दस बजे (समाचार लिखे जाने के वक्त यह बिजली कटौती जारी थी )
बिजली कर्मी घर छोड़ छोड़ कर भागे, अधिकारी परिवार सहित चम्पत हुये
महाराजपुर के घटनाक्रम की खबर सुनकर मुरैना शहर में रहने वाले बिजली कर्मी अपने घर छोड़ छोड़ कर भाग गये, उन्हें लगा कि शहर में इससे अधिक खतरनाक आक्रोश व्याप्त है और यहॉं हालत और भी बुरी हो सकती है । बिजली घर के सभी बड़े अधिकारी भी पिटाई के डर से शहर मुरैना से अपने परिवारों सहित भाग खड़े हुये, एस.ई. ए.ई. डी.ई. आज सभी मय परिवार चम्पत थे ।
सरकार ने बन्द कराये फोन, मोबाइल और इण्टरनेट
चम्बल में मचे कोहराम तथा जनता और सरकार के बीच हुये खुलेआम संघर्ष की खबरों को नियंत्रित करने व मीडिया डीलिंग के लिये दोपहर 12 बजे से समूची चम्बल में प्रशासन ने फोन, मोबाइल और इण्टरनेट सेवायें ब्लॉक करवा दीं ।
स्थिति इतनी अधिक बदतर रही कि वायरलेस इण्टरनेट सेवायें भी चम्बल घाटी में दूसरे दिन सुबह पॉंच बजे तक ठप्प रहीं । इस बीच प्रशासन पत्रकारों को अपने फेवर में खबर लिखने के लिये साम दाम दण्ड भेद के जरिये साधता रहा ।
लगभग हर कम्पनी चाहे एयरटेल हो चाहे सरकारी क्षेत्र की बी.एस.एन.एल. सभी कम्पनीयों की समूची सेवायें 4 सितम्बर दोपहर बजे से 5 सितम्बर सुबह 5 बजे तक बन्द रहीं । एयरटेल ने जहॉं सेवायें बन्द करने के लिये डिस्कनेक्शन और सिग्नल जाम का सहारा लिया, उसका कस्टमर केयर सेण्टर इस दरम्यान पूरी तरह बन्द रहा । वहीं बी.एस.एन.एल. 3पी डिस्कनेक्शन और सिगनल जाम रखे । बी.एस.एन.एल. का कस्टमर केयर भी इस दरम्यान पूरी तरह ठप्प रहा । यही हालत आइडिया तथा अन्य कम्पनियों की सेवाओं की रही । देर रात तक प्रशासन मीडिया को सैटल करने में लगा रहा ।
भाजपा के इसी सरकार के ही कार्यकाल में प्रशासन की यह अंचल में तीसरी बार मोबाइल, फोन और इण्टरनेट बन्द कराने की कवायद थी । इससे पहले अम्बाह पोरसा काण्ड और जगजीवन परिहार मुठभेड़ काण्ड के वक्त भी अंचल में प्रशासन ने फोन, मोबाइल और इण्टरनेट सेवायें बन्द करवा दीं थीं ।
इण्टरनेट चालू होते ही फिर काटी बिजली
सुबह पॉंच बजे जैसे ही 5 सितम्बर को इण्टरनेट चालू हुआ वैसे ही प्रशासन ने अंचल की बिजली फिर काट दी जो कि फिर लौट कर ही नहीं आयी ।
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