बुधवार गणेश चतुर्थी पर भी नहीं रही बिजली
मुरैना 4 सितम्बर 08 । हिन्दूओं के प्रथम आराध्य भगवान श्री जी अर्थात श्री गणेश की स्थपना व प्रतिष्ठा भी चम्बलवासीयो को बिन बिजली के ही करनी पड़ी । बुधवार को दिन भर गायब रहने के बाद शाम को स्थिति इतनी बदतर थी कि लोगों को भगवान गणेश की पूजा आरती भी अंधेरे में श्री गणेश के दीपक के सहारे ही करनी पड़ी ।
प्रथम आराध हिन्दून कें विनती है कर जोरि
विनती है कर जोरि, कष्ट सुनहु प्रभु मोरि ।
हिन्दूवादी दे रहे हिन्दून कष्ट अनेक
ऐन चौथ गणेश की बिजली ना अभिषेक ।
बिजली ना अभिषेक प्रभु श्री जी हैं आये
कहत प्रभु श्री राज शिव्बू मति पाप हैं छाये ।
दे रह्यो कष्ट अनेक, असुर बन सत्ता में आयो
प्रभु तुम ही रखियो लाज सिन्दूरासुर सो धरियो ।
बिन पूजा औ आरती कैसो भयो कलेश
कैसो तेरो आगमन, पूजेंहिं तोहि गणेश ।
पाप छा गयो असुर पर मारी मति करतार
लाज राखियो गणपति, कर देओ बंटाढार ।
गुण्डा लुंगा पहनकें भगवा रंग तुम्हार
सौ सौ चूहा खाय कें बिल्ली हजहि हजार ।
बिल्ली हजहि हजार, हिन्दून पे संकट भारो
कीजो प्रभु संकट हरण, नकली हिन्दून ते म्हारो ।
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें