पाँच साल में शिक्षा सुविधाओं का अद्वितीय विस्तार : मानव संसाधन विकास मंत्री श्री अर्जुन सिंह
केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन सिंह द्वारा दो केन्द्रीय शिक्षण संस्थानों का शिलान्यास
प्रदेश को एजुकेशन हब बनाने के ठोस प्रयास : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार के प्रयासों से स्थिति बेहतर हुई है। प्रदेश को एजुकेशन हब के रूप में विकसित करने के ठोस प्रयास किये जा रहे हैं और उन्हें विश्वास है कि शीघ्र ही प्रदेश एज्यूकेशन हब बनेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज भौरी ग्राम में भारतीय विज्ञान शिक्षण और अनुसंधान संस्थान और योजना तथा वास्तुकला विद्यालय के संयुक्त शिलान्यास समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में देश की प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थाओं के संस्थान खोलने के लिये निजी विश्वविद्यालय अधिनियम लागू किया गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश में 19 निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने के करारनामे हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि देश की विशाल आबादी, जो अभी हमारी कमजोरी है, को शिक्षित और कौशलपूर्ण बनाकर हम अपनी ताकत में बदल सकते हैं। उन्होंने विज्ञान, अभियांत्रिकी, चिकित्सा और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सिलीकॉन वैली सहित सम्पूर्ण विश्व में भारतीय दबदबे का हवाला देते हुए कहा कि यह शिक्षा सुविधाओं में विस्तार का ही परिणाम है। श्री चौहान ने सागर में चिकित्सा, जबलपुर में पशु चिकित्सा और ग्वालियर में कृषि विश्वविद्यालय तथा प्रदेश के अन्य नगरों में विषय विशेष पर केन्द्रित महाविद्यालयों की स्थापना की भी जानकारी दी। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में लागू की गयी अभिनव योजना लाड़ली लक्ष्मी के लाभ को भी शिक्षा के साथ जोड़ा गया है। इसी तरह गॉव की बेटी योजना भी छात्राओं को उच्च शिक्षा लेने के लिये प्रेरित कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश को एजुकेशन का हब बनाने के राज्य सरकार के प्रयासों में सहयोग के लिये केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री श्री अर्जुन सिंह का आभार व्यक्त किया। श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र और राज्य में किसी भी दल की सरकारें हों, चुनाव के समय को छोड़कर, लक्ष्य दोनों का प्रदेश और देश का विकास ही होना चाहिये।
समारोह के मुख्य अतिथि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री अर्जुनसिंह ने कहा कि प्राथमिक और उच्च शिक्षा सुविधाओं के विस्तार में संतुलन बनाकर ही देश को सच्चे अर्थों में शिक्षित बनाया जा सकता है। श्री सिंह ने कहा कि इसी उद्देश्य से उच्च शिक्षा सुविधाओं के मध्यप्रदेश सहित देशव्यापी विस्तार के साथ ही प्राथमिक शिक्षा के लिये सर्वशिक्षा अभियान भारत सरकार द्वारा संचालित किया गया है। श्री सिंह ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत मध्यप्रदेश को भी पर्याप्त राशि मुहैया करवायी गयी है। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि प्रदेश अभियान के उद्देश्य को प्राप्त करेगा।
श्री अर्जुन सिंह ने कहा कि पिछले पाँच साल में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में देश में शिक्षा सुविधाओं के विस्तार का उन्हें जो अवसर मिला है, वह अद्वितीय है। श्री सिंह ने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लिये 84 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
श्री अर्जुन सिंह ने कहा कि जहाँ तक विज्ञान शिक्षण का प्रश्न है अब महज किताबी पढ़ाई महत्व नहीं रखती। विज्ञान आज विश्व की भाषा है। कोई काम तभी सार्थक होता है जब उसके जरिये व्यापक जनहित को पूरा किया जा सके। श्री सिंह ने कहा कि इसीलिये भोपाल सहित पूरे देश में पाँच विज्ञान शिक्षण और अनुसंधान संस्थान स्थापित किये जा रहे हें। उन्होंने बताया कि 500 करोड़ की लागत से भोपाल में स्थापित विज्ञान शिक्षण संस्थान शोध और आज की समस्याओं के समाधान के लिये छात्रों को तैयार करने और भारतीय प्रगति का नया मापदंड स्थापित करने का असली काम करेगा। श्री सिंह ने कहा कि वास्तुकला और योजना का परस्पर गहरा संबंध है। वास्तुकला के जरिये विकास की रूपरेखा बनाने के क्षेत्र में आज जो कमी है, उसे भोपाल में स्थापित हो रहा योजना और वास्तुकला विद्यालय पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में प्रदेश में कार्यरत अन्य संस्थाओं को भी यह विद्यालय नया आयाम देने में सहभागी बनेगा। श्री सिंह ने कहा कि दिल्ली के बाद यह देश का दूसरा विद्यालय है।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के अमरकंटक में कल ही देश के पहले और अनोखे जनजातीय विश्वविद्यालय ने काम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के केम्पस उन सभी प्रदेशों में खुलेंगे जहाँ जनजातीय आबादी की बहुलता है। श्री सिंह ने कहा कि इस विश्वविद्यालय से भारतीय जनजातीय स्वरूप को नयी शैक्षणिक पहचान मिलेगी और जनजातीय विद्यार्थी बहुत कुछ ऐसा जानेंगे, जिससे वे अपरिचित है।
श्री सिंह ने केन्द्रीय शिक्षण संस्थाओं की मध्यप्रदेश में स्थापना के लिये राज्य सरकार द्वारा दिये जा रहे सहयोग के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नागरिक के नाते वे प्रदेश के विकास खासतौर से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ शिक्षा सुविधाओं के विस्तार के लिये प्रयास कर रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि इंदौर देश का पहला शहर है जहाँ भारतीय प्रबंधन संस्थान और भारतीय अभियांत्रिकी संस्थान एक साथ कार्यरत होंगे।
समारोह में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री सुरेश पचौरी विशेष रूप से मंचासीन थे
वाणिज्यिक कर मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि करीब 1000 करोड़ की लागत से स्थापित हो रहे इन दोनों संस्थानों से प्रदेश का शैक्षणिक पिछड़ापन दूर होगा। श्री गौर ने श्री सिंह से बी.एच.ई.एल., भोपाल के आधिपत्य की 2000 एकड़ जमीन राज्य सरकार को वापस दिलाने का भी अनुरोध किया।
मानव संसाधन विकास विभाग के सचिव डॉ. आर.पी. अग्रवाल ने कहा कि 11 वीं पंचवर्षीय योजना में 19.5 फीसदी प्रावधान शिक्षा के लिये किया गया है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी ज्ञान की सदी मानी जा रही है। इसी के मद्देनजर मानव संसाधन विकास विभाग ने देश में 8 नये अभियांत्रिकी संस्थान, 2 प्रबंधन संस्थान, 5 विज्ञान शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, 2 वास्तुकला और योजना विद्यालय, 30 केन्द्रीय विश्वविद्यालय, 1000 पॉलीटेक्निक, 373 महाविद्यालय, 20 ट्रिपल आई.टी., 20 सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान और एक नया जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित किया है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा मिशन की स्थापना भी प्रस्तावित है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि उच्च शिक्षा के वैश्वीकरण और युवाओं की आकांक्षाओं की चुनौतियों का सामना करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय देश में शैक्षणिक सुविधाओं के विस्तार और शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण और कौशलबध्द बनाने के लिये प्रतिबध्द है।
प्रारंभ में श्री अर्जुन सिंह, मुख्यमंत्री श्री चौहान और अन्य अतिथियों ने दीप जलाकर समारोह की शुरूआत की। मानव संसाधन विकास विभाग के सचिव डॉ. आर.पी. अग्रवाल ने श्री अर्जुन सिंह, अतिरिक्त सचिव श्री अशोक ठाकुर ने मुख्यमंत्री श्री चौहान, विज्ञान शिक्षण और अनुसंधान संस्थान तथा योजना और वास्तुकला विद्यालय की अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्रीमती अंजु बनर्जी ने श्री बाबूलाल गौर और श्री सुरेश पचौरी का पुष्प-गुच्छ और शाल पहनाकर स्वागत किया। आभार प्रदर्शन संस्थान के निदेशक प्रो. विनोद कुमार ने किया। श्री कुमार ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किए। समारोह का संचालन सुश्री उमा अय्यर ने किया।
समारोह में जनप्रतिनिधि, संभाग आयुक्त श्री पुखराज मारू, कलेक्टर श्री मनीष रस्तोगी, वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी और शिक्षा जगत के विशिष्ट हस्ताक्षर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा विमानतल पर श्री अर्जुन सिंह की अगवानी
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने समारोह के पूर्व राजा भोज विमानतल पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री अर्जुन सिंह की अगवानी की।
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