शनिवार, 17 नवंबर 2007

निर्माण श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों में संशोधन

निर्माण श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों में संशोधन:

ग्रामीण क्षेत्र में सीईओ जनपद और शहरी क्षेत्र में एसडीओ राजस्व अधिकृत

मुरैना 16 नवम्बर 2007 // मध्य प्रदेश में पहली वार असंगठित निर्माण श्रमिकों के हित की चिंता करते हुए जन्म से लेकर मृत्यु तक के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं लागू की गई हैं । मात्र पांच रूपये में पंजीयन करा कर इन योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है ।

       मध्य प्रदेश भवन और अन्य संनिर्माण कर्मकार नियम के प्रावधानों में आंशिक संशोधन किया गया है । इसके अनुसार निर्माण श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में सीईओ जनपद और शहरी क्षेत्र में एसडीओ राजस्व सक्षम होंगे ।

प्रसूति सहायता योजना में प्रसव के समय महिला हितग्राही की आयु 20 वर्ष से कम नहीं होने के प्रावधान को विलोपित कर दिया गया है । अब वर्तमान प्रावधान के स्थान पर जननी सुरक्षा योजना के प्रावधानों के अनुरूप सहायता देय होगी । छ: सप्ताह के प्रसूति अवकाश एवं दो सप्ताह के पितृत्व अवकाश के एवज में पांच हजार रूपये की सहायता देय होगी । जननी सुरक्षा योजना का लाभ प्राप्त न होने की दशा में एक हजार रूपये की अतिरिक्त सहायता दी जायेगी ।

चिकित्सा सहायता योजना - पंजीवध्द निर्माण श्रमिकों को जननी सुरक्षा, दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना और बीमारी सहायता निधि से सहायता दी जायेगी । इन योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं होने की दशा में तीस हजार रूपये प्रतिवर्ष प्रति परिवार की सीमा तक सहायता ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत द्वारा स्वीकृत की जायेगी । तीस हजार रूपये से अधिक और एक लाख रूपये तक की सहायता जनपद पंचायत की अनुशंसा पर जिला पंचायत द्वारा स्वीकृत की जायेगी । इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों के लिए तीस हजार रूपये तक की सहायता एसडीओ राजस्व द्वारा स्वीकृत की जायेगी । इससे अधिक एवं एक लाख रूपये तक की सहायता एसडीओ की अनुशंसा पर कलेक्टर द्वारा तथा एक लाख से अधिक और दो लाख रूपये तक की सहायता कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत की अनुशंसा पर संभागायुक्त द्वारा स्वीकृत की जायेगी । विशेष प्रकरणों में उपरोक्त वित्तीय सीमा तक संबधित स्वीकृतकर्ता अधिकारी द्वारा चिकित्सा अग्रिम भी स्वीकृत किया जा सकेगा ।

       पंजीवध्द श्रमिक के निर्माण स्थल पर कार्य के दौरान दुर्घटना ग्रस्त होने की स्थिति  में एक हजार रूपये तक की क्षतिपूर्ति सहायता देय होगी ।

विवाह सहायता योजना - पंजीवध्द महिला श्रमिक के विवाह एवं उसकी दो पुत्रियों की सीमा तक कम से कम पांच सामूहिक विवाह के आयोजन की दशा में पांच हजार रूपये प्रति विवाह सहायता देय होगी तथा आयोजक को प्रति विवाह एक हजार रूपये का अतिरिक्त भुगतान किया जायेगा ।

मृत्यु पर अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि - 18 से 60 वर्ष की उम्र के पंजीवध्द निर्माण श्रमिक की मृत्यु की दशा में बीस हजार रूपये अनुग्रह राशि और दो हजार रूपये की अंत्येष्टि सहायता परिवार को देय होगी । मृत्यु के तीन माह तक प्राप्त आवेदन ही स्वीकृति योग्य होंगे ।

समूह बीमा योजना  के अंतर्गत पंजीकृत मजदूर की सामान्य मृत्यु की स्थिति में 20 हजार रूपये तथा दुर्घटना में मृत्यु अथवा स्थाई अपंगता पर 50 हजार रूपये की सहायता देय होगी ।

शिक्षा सहायता छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत पंजीवध्द श्रमिक के बच्चों को कक्षा एक से पांच वीं तक छात्र को 50 रूपये और छात्रा को 75 रूपये, कक्षा 6 वीं से 8 वीं तक छात्र को 75 रूपये और छात्रा को 100 रूपये , कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक छात्र को 100 रूपये और छात्रा को 150 रूपये, स्नातक के लिए छात्र को 150 रूपये और छात्रा को 200 रूपये, स्नातकोत्तर के लिए छात्र को 250 रूपये और छात्रा को 300 रूपये एमबीबीएस, बीई के लिए छात्र को 300 रूपये और छात्रा को 400 रूपये तथा एम.एस. एम.डी एम.ई के छात्र को 400 रूपये और छात्रा को 500 रूपये प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति देय होगी।

       प्रावधानों में किये गये संशोधन के अनुसार अब छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र 31 जुलाई के स्थान पर 31 दिसम्बर तक प्राप्त किये जा सकेंगें । प्राचार्य की जिम्मेदारी होगी कि छात्रवृत्ति का भुगतान तीन किश्त के स्थान पर एक मुश्त 31 मार्च के पहले तक अनिवार्य रूप से किया जाय ।

मेधावी विद्यार्थियों के लिए नगद पुरस्कार योजना - हाईस्कूल परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त छात्र को एक हजार रूपये और छात्रा को डेढ़ हजार रूपये तथा हायर सेकेण्डरी परीक्षा में प्रथम श्रेणी आने पर छात्र को डेढ़ हजार रूपये और छात्रा को दो हजार रूपये का पुरस्कार देय होगा । इसके अलावा स्नातक की व्यावसायिक शिक्षा हेतु चयनित होने पर दो हजार रूपये ओर स्नातकोत्तर स्तर की व्यवसायिक शिक्षा में चयनित होने पर तीन हजार रूपये दिए जाने का प्रावधान है ।

       इस योजना का लाभ उठाने के लिए पांच रूपये में पंजीयन कराना होगा । पंजीयन के लिए श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होना चाहिए तथा वर्ष में कम से कम 90 दिन निर्माण क्षेत्र में कार्य करना अनिवार्य है ।

 

कोई टिप्पणी नहीं :