गुरुवार, 18 अक्टूबर 2012

मछुआ सहकारी संस्थाओं में वास्तविक मछुआरे ही रहे , मछली पालन को बढावा देने हेतु साढे 15 लाख रूपये व्यय, चम्बल कमिश्नर श्री शिवहरे ने मत्स्य पालन विभाग की योजनाओं की समीक्षा

चम्बल संभाग के कमिश्नर श्री ए.के. शिवहरे ने संभाग के मुरैना, भिण्ड और श्योपुर जिले के मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि मछुआ सहकारी संस्थाओं में मत्स्य पालन से जुड़े वास्तविक मछुआरे ही रहे। इन संस्थाओं में मछुआरे के नाम पर फर्जी अथवा किसी तरह के बिचौलियों नहीं रहना चाहिए। ऐसी संस्थाएं ही रहे जो वर्तमान में क्रियाशील है और वास्तव में काम कर रही है फर्जी संस्थाएं नहीं रहना चाहिए। वर्तमान में मुरैना में 8, भिण्ड में 4 और श्योपुर जिले में 9 मछुआ सहकारी संस्थाएं है। कमिश्नर श्री शिवहरे आज अपने कार्यालय कक्ष में मछली पालन विभाग के अधिकारियों से विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। समीक्षा के दौरान बताया गया कि मत्स्यपालन को बढ़ावा देने हेतु संचालित मुख्य चार योजनाओं जिसमें, मछली उत्पादन, मत्स्य उत्पादन, मछुआ क्रेडिट कार्ड और प्लान आयोजन मद में तीनों जिलों को प्राप्त 17 लाख 72 हजार रूपये के आवंटन के विरूद्ध 15 लाख 49 हजार रूपये व्यय किये गए है। बैठक में मत्स्य पालन विभाग मुरैना और भिण्ड जिले के सहायक संचालक श्री बी.के. श्रीवास्तव, श्योपुर के सहायक संचालक श्री पालीवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
    बैठक में समीक्षा के दौरान कमिश्नर श्री शिवहरे ने कहा कि जरूरत मंद मछुआरे जो वास्तव में मछली पालन उत्पादन से जुड़े है ऐसे लोग ही मछुआरा सहकारी सोसायटी से रहे। इसकी सत्यापित सूची तत्काल मुझे दें, ताकि संबंधित अनुविभाग के एस.डी.एम. अथवा तहसीलदार द्वारा इसका सत्यापन कराया जा सके। समिति सूची में कौन अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष है, उनके नाम सम्मिलित रहे। समिति की प्राथमिक जांच पहले मत्स्य विभाग के सहायक संचालक अपने स्तर पर कर लें।
    समीक्षा के दौरान बताया गया कि छोटी मछली (बीज उत्पादन) स्टेण्डर्ड फ्राई का संभागीय निर्धारित उत्पादन लक्ष्य 35 लाख के विरूद्ध 14 लाख 81 हजार हुआ है। इसी तरह मछली (बड़ी) उत्पादन का संभाग में निर्धारित उत्पादन लक्ष्य 664 मैट्रिक टन के विरूद्ध सितम्बर 2012 तक 963 मैट्रिक टन हुआ है जो दो त्रैमास के निर्धारित लक्ष्य से अधिक है। मध्य प्रदेश वाटर सेक्टर रिस्टेक्चरिंग प्रोग्राम (एम.पी.डब्ल्यू एस आर पी) के तहत दो सहकारी संस्थाओं के 81 सदस्यों पर 4 लाख 65 हजार रूपये व्यय किये गए है। इस पैसे से मछुआरों को 17 नाव 540 किलो जाल और 10 इन्सूलेटेड वॉक्स खरीद कर दिये है। आयोजन (प्लान) के अन्तर्गत श्योपुर जिले में 59.73 लाख, मुरैना जिले में 16.71 लाख और भिण्ड जिले में 9.22 लाख मछली बीज का संचय लीज धारकों के तालाबों एवं जलाशयों में किया गया है। मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु मुरैना जिले में 14.22 लाख, भिण्ड जिले में 47 हजार और श्योपुर जिले में 80 हजार रूपये व्यय किये गए है।

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