निर्माण उद्योग विकास परिषद के माध्यम से
ग्रामीण कुशल कारीगरों की कुशलता पर लगेगी मुहर
मुरैना, 17 जुलाई, 2007 ग्रामीण कुशल कारीगर अनेक प्रकार के निर्माण कार्यों में लगे हुए है। शासन द्वारा इन्हे शासकीय निर्माण कार्यों के आयाम समय-समय पर मुहैया कराये जाते हैं। भविष्य में भी इनके मार्फत विभिन्न प्रकार के कार्य कराये जाने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। शासन की मंशा है कि निर्माण क्षेत्र में संलग्न कुशल गामीण कारीगरों का परीक्षण एवं प्रमाणीकरण हो ताकि उनकी कुशलता का सदुपयोग सुनिश्चित हो। इसी को दृष्टिगत रखते हुए शासन निर्देशों के क्रम में ग्रामीण कुशल कारीगरों को सूचीबध्द किया गया है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सभाजीत यादव ने बताया कि प्रत्येक जनपद पंचायत अन्तर्गत चयनित 32 कुशल ग्रामीण कारीगरों एवं अन्तिम चयनित 32 स्वरोजगारियों का परीक्षण और प्रमाणीकरण निर्माण उद्योग विकास परिषद सीआईडीएस के माध्यम से किया जायेगा। सीआईडीएस के दल द्वारा परीक्षण एवं प्रमाणीकरण के लिये प्रत्येक जनपद हेतु तिथियों का निर्धारण किया गया है। अम्बाह जनपद पंचायत में 20 जुलाई, मुरैना में 21, कैलारस में 23, सबलगढ़ में 24, पहाड़गढ़ में 25, पोरसा में 26, तथा जौरा जनपद पंचायत में 27 जुलाई इसके लिये तय कर दी गई है।
सीईओ श्री यादव ने बताया कि जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि चयनित सूची के अनुसार सभी कुशल ग्रामीण कारीगरों को परीक्षण और प्रमाणीकरण के लिये जनपद पंचायत कार्यालय पर निर्धारित तिथि को उपस्थित कराया जाये। परीक्षण के लिये सैम्पल के तौर पर ईंट, रेत, गिट्टी, सीमेन्ट का भी प्रबंध किया जाये। उल्लेखनीय है कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले कारीगर के परीक्षण और प्रमाणीकरण की शुल्क 610 रूपये का भुगतान स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना प्रशिक्षण मद से किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
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