मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुरैना पुलिस ने की कार्यवाहीयां चालू
मुरैना 4 जुलाई ! पीड़ितों की फरियादें थानों में दर्ज न करना या असल मामलों को फुस्स कर उनकी हवा निकालना या 307, 326, या अन्य बड़ी धाराओं के सहज सिध्द व सहज गोचर मामलों में रिपोर्ट दर्जी के बजाय अदम कायमी यानि पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य अपराध की श्रेणी में डालकर रफा दफा करना पुलिस का आम शगल है !
पिछले कुछ समय में कोतवाली मुरैना में भी ऐसे वाकये हुये ! वर्तमान मुरैना सी.एस.पी. श्री जयवीर सिंह भदौरिया और मुरैना कोतवाली टी.आई. श्री के.डी. सोनकिया जहाँ डाकू जगजीवन परिहार के आतंक व दहशत से जिले को छुटकारा दिलाने वाले हीरो टीम के अति महत्वपूर्ण व सक्रिय एवं प्रमुख भूमिकायें अदा करने वालों में से हैं वहीं उनकी पब्लिक छवि भी काफी तेज तर्रार व जनपसन्द पुलिस अधिकारीयों वाली रही है !
बीच में जगजीवन परिहार मुठभेड़ में घायल होने के बाद कुछ अधिकारी अस्पतालों में लम्बे समय तक भर्ती रहे वहीं उन्हें स्वास्थ्य लाभ के लिये भी अवकाश पर रहना पड़ा ! हालांकि अब ये लगभग सभी लोग डयूटी पर लौट आये हैं और शहर में फिर से अमन चैन बहाल हो गया है !
मगर इन लोगों की गैर हाजरी के दौरान कुछ ऐसे मामले शहर मे घटे जिनकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गयी और वे काफी संगीन और खुद प्रकट हो कर चीखते व स्वत: स्पष्ट मामले थे !
इन मामलों की शिकायत तत्समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से जनशिकायत निवारण विभाग की आन लाइन वेबसाइट के जरिये इण्टरनेट पर की !
जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिये जाने के बाद जब वर्तमान पुलिस अधिकारीयों ने मामलों में कार्यवाही प्रारंभ की तो वे हैरत में पड़ गये और आश्चर्य व्यक्त किया कि कमाल है ऐसा कैसे हुआ ! आप समझ सकते है कि आखिर ऐसा कैसे हुआ ? अधिकारी ऐसा क्यों बोले ?
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