नृत्य और गायन की अनुश्रुति ने रसिक जनों का मन मोहा
मुरैना 1 जुलाई 2007
संस्कृति विभाग म.प्र.शासन द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से 30 जून को मुरैना के शासकीय उत्कृष्ट उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय परिसर में संगीत तथा नृत्य परम्परा की मूर्धन्य एवं यशस्वी विभूतियों और प्रतिभाशाली कलाकारों की श्रृंखला अनुश्रुति आयोजित की गई । अनुश्रुति की संगीत संध्या में उज्जैन की सुश्री भावना शाह के मनोहारी कथक नृत्य और नई दिल्ली की सुश्री महिमा कसेवा के सुमधुर गायन के जादू ने रसिकजनों को प्रभावित किया ।
अनुश्रुति की संगीत संध्या का सुभारंभ विधायक श्री गजराज सिंह सिकरवार, एम.पी.एग्रो के अध्यक्ष श्री मुंशी लाल, समाज सेवी श्री नागेन्द्र तिवारी ने दीप प्रज्जवलित कर किया । अनुश्रुति की पहली कलाकार कथक की सुपरिचित नृत्यांगाना सुश्री भावना शाह ने नृत्य में भाव पक्ष प्रदर्शित कर रसिकजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया । ज्ञात हो कि सुश्री भावना ने गुरू-शिष्य परम्परा के अन्तर्गत पं. श्रीधर व्यास से प्रशिक्षण प्राप्त किया है और अभी नागदा में रहकर उदीयमान नृत्यांगनाओं को नृत्य का प्रशिक्षण दे रही है । सुश्री भावना के मनोहारी नृत्य और उनके साथ सुश्री श्रुति शर्मा के गायन ने एक अलग ही शमां बांधा । उनके साथ तबला पर श्री सुरेश धर्माधिकारी और श्री रामचन्द्र चौहान तथा हारमोनियम पर श्री रूपेन्द्र शर्मा ने संगत की ।
शास्त्रीय-उप शास्त्रीय संगीत की सुविख्यात गायिका सुश्री महिमा कसेवा के गायन में घराने दार गायकी की खनक सुनने और गायन की विविधतायें देखने को मिली । उनके साथ हारमोनियम पर पद्मश्री मेहमूद धोलपुरी, सारंगी पर श्री कमाल अहमद और तवला पर श्री सलीम अहमद ने संगत की ।
प्रारंभ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सभाजीत यादव, अपर कलेक्टर श्री एस.के. सेवले और संयुक्त कलेक्टर श्री आशकृत तिवारी तथा एस.डी.एम. श्री विजय अग्रवाल ने अतिथियों और कलाकारों का स्वागत किया । कार्यक्रम का संचालन श्री देवेन्द्र सिंह तोमर ने किया । अंत में सभी की उपस्थित के प्रति सहायक संचालक संस्कृति, श्री झा ने आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर बड़ी संख्या में कला रसिकजन उपस्थित थे । उल्लेखित है कि संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश के प्रतिभाशाली कलाकारों के प्रोत्साहन हेतु संगीत एवं नृत्य परंपरा की अनुश्रुति का आयोजन किया जा रहा है । प्रदेश में 15 आयोजनों के पश्चात मुरैना में अनुश्रुति का यह 16 वां आयोजन था ।
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