शनिवार, 11 फ़रवरी 2017

श्‍योपुर में नेशनल लोक अदालत आयोजित

श्‍योपुर में नेशनल लोक अदालत आयोजित

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श्योपुर | 11-फरवरी-2017
 
   
    राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के दिशा निर्देशानुसार तथा माननीय जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्योपुर श्री आलोक कुमार वर्मा के मार्गदर्शन मे आज दिनांक 11 फरवरी 2017 शनिवार को जिला न्यायालय श्योपुर एवं तहसील न्यायालय विजयपुर मे नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला न्यायाधीश श्री आलोक कुमार वर्मा द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर जिला न्यायालय के सभी न्यायिक अधिकारी बार ऐसोसियेशन के उपाध्यक्ष श्री बाबूलाल वर्मन अधिवक्ता, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री योगेश बंसल एवं समस्त कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
    लोक अदालत हेतु जिला न्यायालय श्योपुर में परिवार न्यायालय के मामलो के लिये श्री एम.एस. चनद्रावत विशेष न्यायाधीश, एम.ए.सी.टी. संबंधी प्रकरणों हेतु श्री आर.के. शर्मा प्रथम अपर जिला न्यायाधीश, विद्युत मामलों के लिये श्री अक्षय कुमार द्विवेदी द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश, फोजदारी एवं सिविल मामलों के लिये श्री सुधीर चोधरी सी.जे.एम., श्री एन. एस. बघेल ए.सी.जे.एम., श्रीमति नेहा श्रीवास्तव एवं श्री अंकित श्रीवास्तव जे.एम.एफ.सी. एवं तहसील न्यायालय विजयपुर श्री अविनाश शर्मा एवं श्री हेमन्त सविता जे.एमएफसी. की खण्डपीठें गठित की गई थी।
    जिला न्यायालय श्योपुर मे प्रीलिटिगेशन मामलों के लिये विद्युत विभाग, नगर पालिका, बैक आदि के स्टाल लगाये गये थे। प्रिलिटिगेशन के विभिन्न विभागों के करीब 214 प्रकरण निराकृत किये गये। बैकों ने लगभग 1786210 रू. की बसूली की। विद्युत मण्डल ने लगभग 41 मामलों में 513085 रू. की वसूली की। जिला न्यायालय के न्यायिक अधिकारीयो की खण्डपीठों ने कुल 159 प्रकरणों का आपसी सुलह के माध्यम से पक्षकारों के मामलों का निराकरण किया। जिसमें से मोटर दुर्घटना के 10 मामलों मे पीडितों के परिजनो को 1820000 रूपये मुआवजा दिलाया गया तथा चैक बाउन्स के मामलों में 1554500 रू. दिलाये गये।
    लोक अदालत में खण्डपीठ क्र. 5 की पीठासीन अधिकारी श्रीमति नेहा श्रीवास्तव न्यायिक मजि. प्रथम श्रेणी के समक्ष लंबित धारा 138 एन.आई.एक्ट चैक बाउंस के मामलो में जिला न्यायाधीश श्री आलोक कुमार वर्मा एवं विशेष न्यायाधीश श्री एम.एस. चंद्रावत के विशेष प्रयासों से पक्षकारों के मध्य आपसी सुलह के आधार पर लंबित प्रकरण का निराकरण किया गया। जिसमें राशि रूपये 1200000 की बसूली की गई।

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