शनिवार, 27 दिसंबर 2008

जारी है सबेरे की बिजली कटौती

मुरैना 27 दिसम्बर चंबल के शहर और गाँव इन दिनों बिजली कटौती की तगडी मार झेल रहे हैं ! कारण वही पुराना है चुनावी बदला ! उल्लेखनीय है कि ताजा विधानसभा चुनावों में म.प्र. में सत्ताधारी भाजपा का ग्वालियर चंबल में सूपडा साफ हो गया था !
आम जनता का मत है कि उसी का बदला लेने और सबक सिखाने के लिये पूरी रात और पूरे दिन अघोषित अँधाधुंध बिजली कटोती की जा रही है !
वैसे तो भाजपा शासन काल के बीते पाँच साल में एक भी दिन ऐसा नहीं आया जब बिजली कटौती नहीं हुयी हो !
स्थिति यहाँ तक बदतर हुयी कि हाल ही में संपन्न हुये विधानसभा निर्वाचन के दौरान ही आयोग के निर्देशों के बावजूद मतदान के दरम्याँ पाँच दफे आधा आधा घण्टे के लिये और मतगणना के वक्त तीन बार इसी तरह बिजली गुल हुयी और इसके साथ ही बुरी तरह हार रहे उम्मीदवार अचानक चुनाव जीतने लगे ! करीब 35 से 46 सीटों पर जिला कलेक्टरों द्वारा चुनाव परिणाम बदल दिये गये !
पहली बार म.प्र. के चुनाव परिणामों में हुयी खुली बेइमानी पर जनता खुल कर मुखर होकर बोली । और अंजाम यह है कि येन केन प्रकारेण सत्ता हासिल करने से शिवराज सरकार पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी की भाँति लोगों की नजर में गिर गये । अब प्रदेश में सत्ता भले ही शिवराज सिंह की हो लेकिन उसका जनभाव एक उपहासित व घ्रणास्पद शासन का ही है ।
ग्वालियर टाइम्स ने चुनाव से काफी पहले ही म.प्र. में निष्पक्ष चुनाव न होने के खतरे से आगाह कर दिया गया था और इस संबंध में विस्त्रत आलेख भी प्रकाशित किया था जिस पर भारत के निर्वाचन आयुक्त श्री नवीन चावला द्वारा तत्काल ग्वालिय़र चंबल का दौरा कर हालातों का जायजा भी लिया गया था, लेकिन आयोग की सभी निष्पक्ष निर्वाचन की अवधारणाओं को धता बताते हुये सारे मतगणना परिणाम बदल कर पूर्व से तयशुदा परिणामों में बदल दिये गये !
यद्यपि इस मसले पर उमा भारती पहले ही काफी बोल चुकीं हैं और अब काँग्रेस भी 30 दिसम्बर को धिक्कार सभा आयोजित कर रही है ! काँग्रेस द्वारा भी मतगणना परिणाम बदले जाने का आरोप लगाया है ! इस पर विस्तार से रिपोर्ट हम पृथक से आँखों देखी के रुप में प्रकाशित करेंगे !
फिलहाल बिजली कटोती का आलम यह है कि सबेरे 5 बजे गुल हुयी बिजली इस खबर के प्रकाशन तक यानि दोपहर 11 बज कर 17 मिनिट तक वापस नहीं आयी थी ! यह समाचार मोबाइल फोन के जरिये जारी किया गया !

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