यात्री बसो के बॉडी निर्माण और अनुमोदन के संबंध में निर्देशो का पालन कर
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मुरैना | 20-फरवरी-2017 |
म.प्र. परिवहन आयुक्त के आदेशानुसार क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने वर्तमान व
भावी बस मालिको एवं जन सामान्य को निम्न विन्दुओ का समाचार करते हुए कहा
है कि केन्द्रीय मोटर यान नियम 1989 के नियम 125 ग में यात्री बसो के बॉडी
निर्माण और अनुमोदन के संबंध में निर्देशो का पालन करें। जिसमें बॉडी
निर्माण और अनुमोदन- 1 अक्टूबर 2014 को और उसके पश्चात 13 या अधिक
यात्रियों जिसके अंतर्गत चालक नही है, बैठने की क्षमता वाली बसों के नए
मॉडलों के ढांचे का परीक्षण ओर अनुमोदन उनमें वर्णित यानो केलिए समय समय पर
यथा संशोधित एआईएस 052 (पुनरीक्षण-1) 2008 के अनुसार किया जाएगा, तब तक कि
भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 1996 (1986 का 63) के अधीन तत्स्थानीय बीआईएस
विशिष्टियां अधिसूचित नही कर दी जाती है।
चालक को छोडकर 13 या अधिक यात्रियो के लिए बिना सत्यापन के बस बाडी बनाने वाले वाहन निर्माता/बॉडी विल्डर्स द्वारा निर्मित वाहन (स्लीपर कोच को छोडकर) का पंजीयन नही किया जा सकेगा। बस बॉडी निर्माता को अधिसूचित परीक्षण अवकरण से मान्यता प्राप्त करना आवश्यक होगा। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के यान अनुसंसाधन और विकास स्थापना, एआरएआई पूणे, सेंट्रल फार्म मशीनरी टेस्टिग एण्ड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बुदनी म.प्र., इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम देहरादून, इंटरनेशन सेंटर ऑफ औटोमेटिव टेक्नोलॉजी मानेसर, नार्दन रीजन फार्म मशीनरी ट्रेनिंग एण्ड टेस्टिग इंस्टीट्यूट हिसार, बॉडी विल्डर को नियमानुसार व्यवसाय प्रमाण पत्र पंजीयन अधिकारी से प्राप्त करना होगा। बॉडी निर्माता द्वारा निर्मित वाहन के संबंध में प्रारूप 22 ए के भाग दो का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ही बसों का पंजीयन किया जा सकेगा। |
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