मंगलवार, 11 जनवरी 2011

राज्य स्तर पर राजस्व प्रशासन के लिए विभागाध्यक्ष कार्यालय का गठन (मंत्रि परिषद के निर्णय)

राज्य स्तर पर राजस्व प्रशासन के लिए विभागाध्यक्ष कार्यालय का गठन (मंत्रि परिषद के निर्णय)

पोलीटेक्निक महाविद्यालयों में महिला छात्रावासों के निर्माण की अनुशंसाओं का अनुमोदन

Bhopal: Tuesday, January 11, 2011:

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहां संपन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में राजस्व विभाग के प्रशासन को अधिक संवेदनशील और जनोन्मुखी बनाने के उद्देश्य से राज्य स्तर पर संपादित किये जाने वाले कार्यो के विकेन्द्रीकरण के लिए एक विभागाध्यक्ष कार्यालय के गठन का निर्णय लिया गया। राज्य स्तर पर विभागाध्यक्ष का नाम प्रमुख राजस्व आयुक्त होगा। इस पद पर ग्रामीण विकास विभाग के अनुरुप प्रमुख सचिव राजस्व को राजस्व आयुक्त घोषित किया जाएगा।

विधि विधायी एवं संसदीय कार्य मंत्री तथा मध्यप्रदेश शासन के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मंत्रि- परिषद के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि इस विभागाध्यक्ष कार्यालय में राज्य प्रशासनिक संवर्ग और कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संवर्ग (तहसीलदार) के अधिकारी पदस्थ किए जाएंगें। इनमें तीन संयुक्त आयुक्त, तीन उपायुक्त तथा 6 सहायक आयुक्त होंगे। पुनर्वास आयुक्त कार्यालय के अन्तर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत 32 पदों मे से 21 पद पुनर्नियोजित करते हुए विभागाध्यक्ष कार्यालय में पदस्थ किये जाएंगे। विभागाध्यक्ष कार्यालय की वर्तमान व्यवस्था पुनर्वास आयुक्त कार्यालय में रहेगी। भोपाल में निर्माणाधीन राहत आयुक्त कार्यालय का भवन पूर्ण होने पर यह विभागाध्यक्ष कार्यालय राहत आयुक्त कार्यालय के साथ नवीन भवन में स्थानान्तरित होगा।

यह विभागाध्यक्ष कार्यालय तहसीलदार/नायब तहसीलदार स्थापना, सामान्य नियंत्रण, पदोन्नति, सेवानिवृत्ति, स्थानांतरण, संभागायुक्त, कलेक्टर एवं तहसील कार्यालयों की तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी स्थापना, नजूल भूमि एवं जारी किए गये स्थायी और अस्थायी पट्टों, अनुज्ञप्तियों, वेदावा करारों आदि का विवरण संधारित करना, प्रीमियम एवं भू-भाटक का निर्धारण, उगाही एवं वसूली, अभ्यावेदनों की सुनवाई एवं निराकरण, भू अर्जन-विभिन्न वृहद एवं लघु परियोजनाओं के सड़कों आदि एवं अन्य प्रयोजनों से निजी भूमियों के अर्जन की अनुमति, नगरीय भूमि सीमा अधिनियम के प्रभाव में शासनहित में प्राप्त शहरी रिक्त भूमियों से आय/आवंटन सहित विभिन्न कार्य करेगा।

राज्य शासन के मंत्रालय एवं विभागाध्यक्ष कार्यालयों के मध्य कार्य विभाजन के मूल सिद्धांन्त और दिशा निर्देशों के अनुरुप राजस्व आयुक्त (विभागाध्यक्ष) कार्यालय को प्रशासनिक दक्षता एवं जन सामान्य की सेवाओं को सुगम बनाने के लिये समुचित अधिकार प्रत्यायोजित किए गए हैं।

मंत्रि-परिषद ने केन्द्र प्रवर्तित योजना के अन्तर्गत 23 जिला आयुष चिकित्सालयों के उन्नयन के लिए परियोजना परीक्षण समिति की अनुशंसा पर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की। इन चिकित्सालयों के लिए संविदा आधार पर पदों के सृजन एवं भवन निर्माण, फर्नीचर, उपकरण, औषधि, भोजन व्यय के लिए प्रति चिकित्सालय 63 लाख 36 हजार के मान से स्वीकृति प्राप्त हुयी है।

मंत्रि परिषद ने परियोजना परीक्षण समिति की अनुशंसा के अनुसार केन्द्र प्रवर्तित योजना के तहत 38 विद्यमान पोलीटेक्निक महाविद्यालयों में महिला छात्रावास भवनों के निर्माण की स्वीकृति एवं प्रत्येक महिला छात्रावास के संचालन के लिये भृत्य सह चौकीदार के तीन पद प्रति छात्रावास जिलाध्यक्ष दर पर (संविदा पर) निर्मित करने की स्वीकृति प्रदान की

 

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