कबीर के शब्द अमर होते हैं- डॉ. अरोड़ा
(ग्वालियर साहित्य अकादमी द्वारा कवि वचन स्मृति समारोह संपन्न)
ग्वालियर 11 जनवरी 2011/ ''कवि के शब्द अमर होते हैं'' कवि वचन श्रीवास्तव की कृतियां उनके महाकाव्य , गीत संग्रह आज हमारी विरासत हैं और इस विरासत की रक्षा से ही सृजन की यह परंपरा आगे बढ़ेगी। ऐसे महाकवि को शत शत बार नमन।''
ग्वालियर साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित कविवर वचन स्मृति समारोह में दौलतगंज स्थित साहित्य सभा भवन में अपने श्रध्दा सुमन प्रकट करते हुये कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व संयुक्त संचालक जनसंपर्क, डॉ. सुभाष चंद्र अरोड़ा ने अपने उदबोधन में ये उदगार प्रकट किये।
लोकतंत्र पत्रिका के संपादक डॉ. भगवान स्वरूप चैतन्य, डॉ. राजेश श्रीवास्तव , भारती नंदन श्रीवास्तव एव वचन श्रीवास्तव द्वारा संयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि डॉ पूनमचंद तिवारी ने की। उन्होने कहा कि कवि वचन की कविताएें और यादें भुलापाना असंभव है। उनके स्वर आज भी हमारी स्मृतियों में गुंजायमान है। वे योगी महान पुरूष एवं महाकवि थे । आचार्य द्रोण एवं विवेकमन महाकाव्य हिन्दी साहित्य की अमर कृतियां हैं।
समारोह में कानपुर से आए श्री देवीचरण कश्यप तथा पृथ्वी पुर से एम डी मिश्रा, आनंद विशिष्ट ने कवि के रूप में अपनी काव्यांजली अर्पित की । समारोह में महाकवि वचन श्रीवास्तव के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर डॉ सुरेश सम्राट, श्री मनोज श्रीवास्तव , डॉ शिव बरूआ तथा डॉ रामप्रकाश अनुरागी ने विस्तार से प्रकाश डाला ।
इस अवसर पर डॉ पूनमचंद तिवारी को महाकवि वचन स्मृति राष्ट्रीय अलंकरण से विभूषित किया गया। इसके अलावा नगर के सृजनशील कवि श्री प्रकाश मिश्र, कादम्बरी आर्य, धीरेन्द्र गहलौत 'धीर' श्याम श्रीवास्तव , सनम, मनोज सक्सैना, रामसेवक शाक्यवार , राकेश राज भटनागर , डॉ पारस कटारिया , डॉ एम डी मिश्र आनंद तथा श्री देवीचरण कश्यप को वचन स्मृति साहित्य सम्मान से शाल, श्रीफल एवं सम्मान पत्र प्रदान कर नवाजा गया।
स्वर्गीय श्री वचन श्रीवास्तव की धर्म पत्नी श्रीमती कृष्ण वचन ने कविता पाठ द्वारा अपनी श्रृदांजली अर्पित की। श्री राजेश श्रीवास्तव एवं श्री भारती नंदन ने अतिथियों का स्वागत करते हुये आभार प्रकट किया।
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