बुधवार, 18 नवंबर 2020

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाये जाने की दिशा में बनाये गये रोडमैप के बिन्दुवार अध्ययन किया जाये - कमिश्नर

 

चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आर.के. मिश्रा ने चंबल संभाग के तीनों जिलों के कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों एवं जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों सहित चंबल रेन्ज के पुलिस महानिरीक्षक श्री मनोज शर्मा को पत्र लिखकर निर्देश दिये है कि 12 एवं 13 नवम्बर को प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा ली गई वीडियो कॉन्फ्रेंस में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाये जाने के लिये बनाये गये रोड़मैप के प्रत्येक बिन्दु का गहन से अध्ययन कर बिन्दुबार क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। 
    चंबल कमिश्नर श्री मिश्रा ने कहा है कि मध्यप्रदेश शासन के द्वारा मॉनीटरिंग के लिये जो डेशबोर्ड बनाया गया है। इस पर संभाग एवं जिले की परफॉरमेन्स सही प्रदर्शित हो, इस पर उचित कदम उठाये जायें। धान उपार्जन एवं मिलिंग के संबंध में समन्वय किया जाकर कार्य किया जाये। ज्वार, बाजरा आदि के संबंध में खरीदी केन्द्रों का समय बढ़ाया गया है। शतप्रतिशत किसानों से ज्वार बाजरा की खरीदी हो जाये। पात्रता पर्ची का वितरण 100 प्रतिशत सुनिश्चित किया जाये और उसके आधार पर 100 प्रतिशत वितरण भी किया जाये। राशन माफिया के विरूद्ध तत्काल कार्रवाही कर एन.एस.ए. एवं अन्य अधिनियमों के तहत कार्रवाही की जाये। सुशासन हर हाल में कायम रखा जाये। त्यौहारों एवं आसपास के मेलों पर निगाह रखें, कानून एवं कोविड के नियमों का पालन किया जाये। अवैध रेत उत्खनन, भण्डारण एवं परिवहन न हो, सख्ती से कार्रवाही हो। 
    उन्होंने कहा कि चिटफण्ड कंपनी या उनके मालिक तथा डायरेक्टर के विरूद्ध कार्रवाही हो। मिलावटखोरों के विरूद्ध सख्त कार्रवाही हो और त्यौहरों पर विशेष ध्यान रखा जाये। सैम्पलिंग के लिये जो मोबाइल वेन शासन से भेजी गई है, तत्काल उनका प्रोग्रामिंग किया जाकर विस्तृत जांच का अभियान चालू किया जाये। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इस पर समन्वय करें। कमिश्नर ने निर्देश दिये है कि किसान सम्मान निधि योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हो। पटवारी गांवों में फोटो खींचे और योजना का क्रियान्वयन तुरंत सुनिश्चित किया जाये। ग्रामीण एवं शहरी पथ विक्रेताओं को सहायता तत्काल मिले और रोजगार सफलतापूर्वक करें, जिससे उन्हें द्वारा, तिबारा ऋण मिल सकें। स्व-सहायता समूहों का सशक्तिकरण हो और उनके उत्पाद के लिये उन्हें आउटलेट सुविधा दी जाये। कोविड-19 पर लगातार निगाह रखी जाये। फीवर क्लीनिक में जांच का कार्य तेज किया जाये। एक जिला एक उत्पाद के मामले में जिले की ग्रामीण कृषि व्यवसायियों को उचित बाजार मूल्य दिलाया जाये और एक्सपोर्ट में जोड़ा जाये। नगरीय निकायों, जनपद एवं जिला पंचायतों में जो अनुपयोगी राशि है, जिसका उपयोग नहीं हो सकता है, शासन को भेजी जाये एवं अन्य प्रकार की राशियों के मामले में शासन निर्देशानुसार तत्काल कार्रवाही की जाये। (इस बावत परियोजना अधिकारी, शहरी विकास अभिकरण एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत समन्वय करें)। प्रदेश में खाद की कमी नहीं है, परन्तु वितरण एवं मॉनीटरिंग विधिवत की जाये। रोजगार एवं स्वरोजगार से संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाकर अधिक से अधिक युवाओं एवं रोजगार चाहने वाले व्यक्तियों को रोजगार प्रदाय किया जाये। इसके लिये आवश्यक कदम उठाया जाये। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप अनुसार अगले माह में होने वाली समीक्षा बैठक में दिये गये विषयों में प्रभावी क्रियान्वयन किया जाकर जानकारी 28 नवम्बर को भेजी जाये।

कोई टिप्पणी नहीं :