रविवार, 7 मार्च 2021

Gwalior Times Live Morena Detailed News ग्वालियर टाइम्स लाइव मुरैना विस्तृत समाचार

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लोक निर्माण राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ आज मुरैना जिले के भ्रमण पर रहेंगे

Posted: 06 Mar 2021 07:14 PM PST

प्रदेश के लोक निर्माण राज्यमंत्री श्री सुरेश धाकड़ एक दिवसीय प्रवास पर 7 मार्च को मुरैना जिले के भ्रमण पर रहेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लोक निर्माण राज्यमंत्री श्री धाकड़ 7 मार्च रविवार को प्रातः 9.30 बजे नरवर से प्रस्थान कर मोहना विजयपुर होते हुये 12.30 बजे सबलगढ़ सर्किट हाउस जिला मुरैना कार द्वारा पहुंचेगे। राज्यमंत्री श्री धाकड़ सर्किट हाउस पर लोक निर्माण विभाग के जिलाधिकारियों के साथ जिले में चल रहे निर्माण कार्यो के संबंध में चर्चा करेंगे। मंत्री श्री धाकड़ दोपहर 1 बजे सबलगढ़ से ग्राम मांगरोल के लिये प्रस्थान कर स्थानीय कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। मंत्री श्री धाकड़ 3.15 बजे मांगरोल से पोहरी जिला शिवपुरी के लिये विजयपुर बेराढ़ होते हुये प्रस्थान करेंगे।

जिले में अन्न उत्सव आज : कलेक्टर ने नोडल अधिकारी किये नियुक्त

Posted: 06 Mar 2021 07:11 PM PST

 मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार 7 मार्च को अन्न उत्सव कार्यक्रम करने के आदेश है। आदेशों के तहत कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने जिले में समस्त अधिकारियों को अन्न उत्सव कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की कोताई नहीं हो। इस प्रकार के निर्देश दिये है। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिये है कि जिस दुकान पर खाद्यान्न सामग्री पहुंच चुकी है, वहां पर संबंधित नोडल अधिकारी अपनी निगरानी में राशन सामग्री वितरण करायें। किसी भी प्रकार की पीडीएस दुकान संचालक लापरवाही न बरतें, उनकी पीओएस मशीन आदि का अवलोकन कर लें।

कलेक्टर ने इन दुकानों के लिये बनाये नोडल
    अन्न उत्सव के दिन खाद्यान्न सामग्री वितरण के लिये जनपद पंचायत कैलारस के अन्तर्गत पीडीएस की दुकान शारदा प्राथमिक उप भंडार, पूजा महिला प्राथमिक उप भंडार, अलोपी शंकर प्राथमिक उप भंडार, गणेश प्राथमिक उप भंडार, मां दुर्गा प्राथमिक उप भंडार और कैलादेवी प्राथमिक उप भंडार की दुकानों के लिये श्रम निरीक्षक श्री पवन कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। महिला प्राथमिक उप भंडार, शारदा महिला प्राथमिक उप भंडार, मारकंडेश्वर प्राथमिक उप भंडार, त्रिवेणी प्राथमिक उप भंडार, लक्ष्मी महिला प्राथमिक उप भंडार के लिये नोडल जीएम सीसीबी मुरैना श्री डीके सागर को नियुक्त किया है। अन्नपूर्णा प्राथमिक उप भंडार, माझी आदिवासी प्राथमिक उप भंडार, सती मां प्राथमिक उप भंडार, महिला बहुद्देश्यीय सहकारी समिति जौराखुर्द के लिये जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति श्री अरूण जैन को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
    इसी प्रकार परदू का पुरा, भदावली, खोयला, जोंटई, हमीरपुरा, अधनपुर और धौरेंट के लिये उप संचालक पशु चिकित्सा श्री तिवारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। ग्राम चचेड़ी, खुटियानी हार, बुढ़ावली, रजौधा, हुसैनपुर, कुकरौली, ब्रजगढ़ी, सिकरौदा और अगरौता पीडीएस की दुकान के लिये नोडल अधिकारी सहायक मत्स्य श्री एके पाण्डेय को नियुक्त किया है।

पेयजल समस्या का हल हर स्तर पर हो - कमिश्नर

Posted: 06 Mar 2021 07:09 PM PST

चंबल कमिश्नर ने गूगल मीट के दौरान राजस्व अधिकारियों को सहित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मुख्य अभियंता से चर्चा करते हुये कहा कि आगामी ग्रीष्म ऋतु को दृष्टिगत रखते हुये पेयजल समस्या का हल अभी से करें। किसी भी स्तर पर पेयजल की समस्या नहीं बनें। जहां पेयजल के स्त्रोत नहीं है, वहां क्या उचित व्यवस्था हो सकती है। कमिश्नर ने कहा कि जिला स्तर पर पेयजल नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाये। बिगड़े हेण्डपंपों, नलजल योजनाओं को युद्ध स्तर पर सुधार करें। हेण्डपंप मरम्मत की सामग्री पर्याप्त मात्रा में पंचायतों में उपलब्ध करायें। हेण्डपंपों को ठीक करने के लिये संधारण वाहन उपलब्ध कराये जायें। हेण्डपंप खराब मिलने की सूचना के बाद दो या तीन दिन में हेण्डपंप ठीक हो जाये। जो नलजल योजनायें विद्युत कनेक्शन से नहीं जुड़ी है, उन्हें तत्काल कनेक्शन देकर चालू करें।
    कमिश्नर ने सभी राजस्व अधिकारियों को मुख्यमंत्री जी की सभी प्राथमिकता वाली योजनाओं पर युद्ध स्तर पर कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी आगामी 10 मार्च को कलेक्टर, कमिश्नर, आईजी कॉन्फ्रेस लेंगे। इसकी संपूर्ण तैयारी दिये गये निर्देशों के तहत करें।
    कमिश्नर ने बैठक के एजेण्डा को दोहराते हुये कहा कि उपार्जन का भुगतान किसी भी स्तर पर लंबित न हो, शतप्रतिशत भुगतान हो जाये। अभी तक गेहूं, चना और सरसों के किसानों के हुये पंजीयन का एसडीएम और तहसीलदार पूरी ईमानदारी के साथ सत्यापन करना सुनिश्चित करें। सभी खरीदी केन्द्रों पर किसानों के लिये पर्याप्त बुनियादी सुविधायें रहे और भण्डारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाये।
    कमिश्नर ने कहा कि माफिया अगर सरकारी जमीन पर कब्जा किये है तो उन्हें तत्काल हटवायें। इस कार्य में तहसीलदार, एसडीएम की महत्वपूर्ण भूमिका रहे। भू-माफिया, खनिज तथा शराब माफियाओं के खिलाफ असरदार कार्रवाही की जाये। जिला बदर, एनएसए की कार्रवाही के साथ ऐसी व्यवस्था भी करें कि इन लोंगो की संपत्ति जप्त कर इनकी आर्थिक कमर को तोड़े। इन दबंगो की रंगदारी को खत्म करना जरूरी है। चिटफंड कंपनी से लोंगो को पैसा वापस करायें। कॉपरेटिव वाले भी जनता, किसान के साथ धोखाधड़ी कर रहे है, इनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाही की जाये।
    अपहरत् लड़कियों को ढू़ढ़ने के काम भी प्राथमिकता के साथ करें। हमारा संपूर्ण दायित्व मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता वाली योजनाओं को पूरा करने में रहे। कहीं पर भी काला बाजारी न हो। अवैध रेत, पत्थर, खनिज माफियाओं के खिलाफ कार्रवाही होती रहे। कोई भी अवैध खदान नहीं रहे। उनकी नीलामी की प्रक्रिया को पूर्ण करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे आपसी समन्जस के साथ अपने दायित्वों को निर्वहन करें। उन्होंने सुदूर ग्रामीण अंचलों की घटनाओं की जानकारी लेने के लिये कोटवारों, पटेलों जो भू-राजस्व संहिता के अंश है, इनसे जानकारियां प्रतिदिन तहसीलदार, एसडीएम प्राप्त करें। इन संस्थाओं को पुर्नजीवित करें। कोटवार के महत्व को बढ़ायें। राजस्व अधिकारी उनका सहयोग भी करें। कहीं पर कोई घटना या ओलावृद्धि होती है या अनैतिक कारोबार होता है तो इसकी जानकारी कोटवार, गांव के पटेल सहित अन्य विभागों में मैदानी अमले से आना चाहिये।       
    कमिश्नर ने नवीन पात्रता पर्ची, आयुष्मान भारत कार्ड का शतप्रतिशत वितरण, गौसेवा योजना को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करना, स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत गलियों में गंदगी नहीं रहने, गोबर के ढेरों को हटाने, वनाधिकार अधिनियम के तहत पट्टों का वितरण, नवीन गौण खनिजों को नीलाम कराने सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा करते हुये पूर्ण कराने के निर्देश दिये।
 

राजस्व अधिकारी सामाजिक सरोकार के काम भी करें

Posted: 06 Mar 2021 07:07 PM PST

चंबल कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा है कि वे अपने कार्यो से हटकर सामाजिक सरोकार के काम भी करें। उन्होंने कहा कि श्योपुर में कराहल आदिवासी बैल्ट में गरीबों के हित में सकारात्मक कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी जनता को साथ लेकर गरीबों के आर्थिक उत्थान, उनकी दरिद्रता को दूर करोनो तो आपको स्वयं संबुन मिलेगा, लोंगो के दिल से जुड़े, भलाई के काम करने के लिये एक टारगेट बनाकर कार्ययोजना बनायें। सभी अधिकारी रूचि के अनुसार कार्य लें। पूरी कार्य योजना बनाकर 9 तारीख तक संयुक्त आयुक्त विकास श्री राजेन्द्र सिंह को प्रस्तुत करें।
 

राजस्व प्रकरणों का निराकरण त्वरित गति से किया जाये राजस्व वसूली पर प्रभावी रणनीति बनाये , 1 मई तक ई-ऑफिस प्रारंभ हो जाये , कमिश्नर सक्सेना के राजस्व अधिकारियों को निर्देश

Posted: 06 Mar 2021 07:06 PM PST

 ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने चंबल संभाग के तीनों जिलों के कलेक्टरों सहित सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये है कि राजस्व प्रकरणों का निराकरण त्वरित गति से किया जाये। कोई भी प्रकरण एक, दो वर्ष तक लंबित नहीं रहना चाहिये। उन्होंने कलेक्टरों से कहा है कि जिन तहसीलदार, नायब तहसीलदारों ने राजस्व प्रकरणों को लंबित रखा है, उनके प्रस्ताव मुझे भेजे, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाही की जा सके। कमिश्नर ने राजस्व वसूली पर प्रभावी रणनीति बनाने पर जोर देते हुये कहा कि चालू वसूली शतप्रतिशत हो जाये। बकाया वसूली 20 प्रतिशत होना सुनिश्चित करें। उन्होंने श्योपुर, भिण्ड जिलों के कलेक्टरों से कहा कि ऑफिसों को पेपरलेस करते हुये ई-ऑफिस की मैपिंग कराके 1 मई 2021 तक कलेक्ट्रेट ऑफिस ई-ऑफिस अनुसार कार्य करें। कमिश्नर श्री सक्सेना शनिवार को गूगल मीट के द्वारा चंबल संभाग के जिलों की राजस्व की समीक्षा कर रहे थे। गूगल मीट से अपर आयुक्त श्री अशोक कुमार चौहान, संयुक्त आयुक्त विकास श्री राजेन्द्र सिंह, अपर कलेक्टर श्री उमेशप्रकाश शुक्ला, श्योपुर कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव, भिण्ड कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस सहित मुरैना, भिण्ड और श्योपुर जिले के सभी राजस्व अधिकारी जुड़े हुये थे।        
    कमिश्नर श्री सक्सेना ने राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करते हुये बानमौर तहसीलदार के यहां नामान्तरण के 31 प्रकरण 1 वर्ष से 2 वर्ष तक, मुरैना तहसील के 22 लंबित प्रकरणों की जांच के निर्देश अपर आयुक्त श्री अशोक कुमार चौहान को दिये। इसी तरह जौरा, सुमावली के 5 सीमांकन के प्रकरणों के निराकरण लंबे समय से नहीं होने पर अपर आयुक्त श्री चौहान को जांच करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। इसी तरह तहसीलदार रवीश भदौरिया के यहां 14 प्रकरण 1 से 2 वर्ष तक लंबित रहने, अम्बाह तहसीलदार राजकुमार नागोरिया के यहां किन कारणों से 8 प्रकरण लंबित है, के जांच के निर्देश अपर आयुक्त को दिये गये है। मुरैना में 79 नामान्तरण प्रकरणों को 1 वर्ष, 2 वर्ष तक लंबित रखने पर असंतोष व्यक्त किया। सीएम हेल्पलाइन की लंबित 1266 शिकायतों का निराकरण नहीं होने पर कमिश्नर ने असंतोष व्यक्त करते हुये कहा है कि इन शिकायतों का त्वरित गति से निराकरण किया जाये। जौरा में एल-1 पर 124 शिकायतों का निराकरण नहीं होने पर कमिश्नर ने एसडीएम और तहसीलदार के प्रति नाराजगी व्यक्त की। मुरैना जिले को मिले 8 करोड़ के वसूली लक्ष्य पर कमिश्नर ने कहा कि चालू वसूली शतप्रतिशत की जाये और बकाया वसूली 20 प्रतिशत की जाये।
    मौके पर अपर कलेक्टर श्री उमेशप्रकाश शुक्ला ने चंबल रेत के विनिष्टिकरण करके 9 लोंगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, औषधी प्रशासन द्वारा 928 खाद्य पदार्थो के नमूने लेने की जानकारी से अवगत कराया।

    भिण्ड जिले की समीक्षा के दौरान ऊमरी, गोहद, लहार, भिण्ड में लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण नहीं होने पर कमिश्नर ने चिंता व्यक्त की। भिण्ड में सीमांकन के 1 वर्ष से लंबित प्रकरणों को कमिश्नर ने गंभीरता से लिया। गोहद में दो वर्ष से लंबित प्रकरणों की जांच के लिये कलेक्टर भिण्ड को निर्देश दिये। इन्डोरी में 2 पुराने नामान्तरण, गोहद एसडीओ राजस्व के पास नामांतरण के 2 वर्ष से लंबित क्यों रखें है। कलेक्टर इनके प्रस्ताव बनाकर मुझे भेजें। डायवर्सन के भिण्ड में 56, मेहगांव में 13, गोहद में 23 प्रकरण 3 माह से लंबित होने पर जांच के निर्देश दिये गये कि यह प्रकरण लंबित क्यों रखे गये। कमिश्नर ने आर.सी.एम.एस. प्रावधानों के अनुसार कहा कि डायवर्सन गलत हुआ है, तो सुनवाई का मौका देकर उन्हें निरस्त किया  जाये। भिण्ड तहसीलदार के यहां अतिक्रमण के 14 लंबित प्रकरण रखने पर कलेक्टर को जांच के निर्देश दिये गये। वसूली की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने बताया कि 3 करोड़ 60 लाख रूपये की वसूली की तुलना में 55 लाख रूपये की वसूली हुई है। इस पर कमिश्नर ने शतप्रतिशत वसूली के लिये प्रभावी रणनीति बनाने के निर्देश कलेक्टर को दिये।     
    श्योपुर कलेक्टर ने बताया कि श्योपुर में 60 प्रतिशत से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण करके चंबल संभाग ऊपर है। वीरपुर में 41 प्रतिशत उपलब्धी होने, श्योपुर तहसीलदार के यहां 2 से 5 वर्ष तक के लंबित प्रकरणों की जांच कराने के निर्देश दिये। कलेक्टर न्यायालय में एक वर्ष से ऊपर के सभी प्रकरणों के निराकरण के निर्देश दिये गये। बड़ौदा के तहसीलदार पर एक वर्ष से ऊपर के 20, श्योपुर तहसीलदार के यहां नामान्तरण के 26 प्रकरण लंबित होने पर अपर आयुक्त श्री चौहान को जांच के निर्देश दिये। विजयपुर एसडीएम के यहां सीएम हेल्पलाइन के 197 शिकायतों का निराकरण नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की गई। संयुक्त आयुक्त विकास ने बताया कि श्योपुर में 496 सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतें है। वसूली की स्थिति भी ठीक नहीं  है। 


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन जिला चिकित्सालय में

Posted: 06 Mar 2021 07:01 PM PST

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 8 मार्च को जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जायेगा। यह शिविर दोपहर 12 बजे से सायं 5 बजे तक चलेगा।  
    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरसी बांदिल ने बताया कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। इस अवसर पर जिला चिकित्सालय मुरैना में एक दिवसीय महिला स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जायेगा। स्वास्थ्य शिविर में महिलाओं की संपूर्ण जांच की जायेगी तथा जांच उपरांत एनीमिया, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, सरवाइकल ब्रेस्ट, ओरल केंसर तथा रजोनिवृत्ति से संबंधित उपचार किया जायेगा। शिविर में शासकीय विभागों में कार्यरत महिला अधिकारी, कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की जायेगी। शिविर में लोंगो से अपील की गई है कि महिला दिवस पर आयोजित स्वास्थ्य शिविर में अधिक से अधिक संख्या में महिलायें जांच कराकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें।    

ग्वालियर-चंबल संभाग में खाद्य प्रसंस्करण की अपार संभावनाएं , छोटे किसानों को सशक्त करके ही कृषि में लाई जा सकेगी आत्मनिर्भरता, ग्वालियर में खाद्य प्रसंस्करण पर शिखर सम्मेलन का आयोजन- केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर

Posted: 06 Mar 2021 06:59 PM PST

  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग अंचल में खाद्य प्रंस्करण के क्षेत्र में अपार संभावनाए हैं और इनका दोहन करके इस क्षेत्र के छोटे व मझौले किसानों की आर्थिक स्थिति को सशक्त किया जा सकता है। मंत्री श्री तोमर शुक्रवार को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, एैसोचेम और इनवेस्ट इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में श्मध्यप्रदेश में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के अवसरश् विषय पर आयोजित शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे।  
    कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि ग्वालियर-चंबल अंचल सांस्कृतिक, पुरातात्विक, व्यापारिक क्षेत्र के साथ ही कृषि के क्षेत्र में भी समृद्ध है। यहां गेहूं और धान का उत्पादन तो अच्छा होता ही है दलहन व तिलहन और विशेषकर सरसों के उत्पादन, प्रसंस्करण की भी अपार संभावनाएं हैं। मुरैना, भिण्ड और ग्वालियर में तिलहन प्रसंस्करण के कई उद्योग सुचारू रूप से चल रहे हैं, लेकिन अब इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है।
    मंत्री श्री तोमर ने कहा कि मुरैना जिला शहद की दृष्टि से भी अग्रणी है। नेफेड ने शहद का एक एफपीओ बनाया है, इसके माध्यम से गुणवत्ता युक्त शहद उत्पादन में वृद्धि, बेहतर पैकेजिंग-मार्केटिंग हो पाएगी। हमारे यहां का शहद देश के साथ दुनिया में भी बिके इसका प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान है। ये छोटे किसान न तो निवेश करने की क्षमता रखते हैं और ना ही जोखिम उठा सकते हैं। लेकिन, जब तक इन छोटे किसानों की ताकत नहीं बढ़ेगी तब तक आत्मनिर्भर गांव व कृषि की कल्पना नहीं की जा सकती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लगातार इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है कि छोटे किसान की आमदनी बढ़े। देश के साढ़े 10 करोड़ किसानों के बैंक खातों में पीएम किसान सम्मान निधि के लगभग 1 लाख 15 हजार करोड रूपए की राशि भेजी गई है। इससे इन किसानों की 6 हजार रुपए सालाना आय बढ़ी है। इस बात पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है कि छोटे व मझौले किसान भी महंगी फसलों की खेती कर सके, उन्हें कृषि तकनीकी का लाभ मिले और गुणवत्तापूर्ण व वैश्विक मानकों के स्तर की फसल का उत्पादन कर सके।
    उन्होंने कहा कि इसके लिए किसान की फसल का पर्याप्त प्रसंस्करण करके उसे ज्यादा लाभ पहुंचाया जा सकता है, और इसीलिए केंद्र सरकार देश में दस हजार नए एफपीओ स्थापित कर रही है। सरकार इन एफपीओ पर 6865 करोड़ रू. खर्च करेगी। एफपीओ से जुड़ने पर किसान की खेती में लागत तो कम होगी ही से बेहतर बाजार एवं एकीकृत सिंचाई सुविधा का लाभ भी मिल सकेगा। एफपीओ यदि खेती के लिए 2 करोड़ रुपए तक का ऋण लेते हैं तो उन्हें ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। आज खेती के क्षेत्र में निजी निवेश व नवीनतम तकनीकी लाने की आवश्यकता है। आज गांवों में भंडारण की सुविधा नहीं है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 1 लाख करोड़ रुपए का कृषि अवसंरचना कोष का प्रावधान किया गया है। इसके माध्यम से गांव-गांव तक कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस जैसी अधोसंरचनाएं पहुंच पाएगी।
श्री तोमर ने कहा कि हमारे किसानों के परिश्रम और वैज्ञानिकों के शोध के कारण खाद्यान्न उत्पादन की दृष्टि से भारत अधिशेष राष्ट्र है। दूध, बागवानी उत्पाद में भी हम दुनिया में पहले या दूसरे नंबर पर हैं। अब हमें खाद्य प्रसंस्करण पर ध्यान देने की जरूरत है। खाद्य प्रंस्करण मंत्रालय कई योजनाओं के साथ इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है।

खनिजों का परिवहन करने वाले वाहनों का पंजीयन कराना जरूरी

Posted: 06 Mar 2021 06:54 PM PST

 वाहन मालिकों द्वारा अधिकांश ट्रेक्टर-ट्रॉली, डंफर और ट्रक से खनिजों का परिवहन होता है। इन वाहनों का ई-खनिज पोर्टल पर पंजीयन नहीं होने से ई-टीपी जनरेट नहीं होती है। ई-टीपी जनरेट नहीं होने से शासन को प्राप्त होने वाले राजस्व का भी नुकसान हो रहा हैं। खनिजों का परिवहन किए जाने वाले वाहनों में ई-टीपी नहीं होने से वाहनों के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा अवैध उत्खनन परिवहन के प्रकरण दर्ज किए जाकर अत्याधिक जुर्माने के रूप में राशि वसूल की जाती है।

    खनिज साधन विभाग द्वारा विभागीय वेबसाईट https://ekhanij.mp.gov.in पर खनिजों के परिवहन किए जाने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। वाहनों के वेबसाईट पर रजिस्ट्रेशन करने के पश्चात् वैध ठेकेदार से ई-टीपी प्राप्त करने के पश्चात खनिजों का परिवहन किया जा सकता है। विभागीय वेबसाईट पर बिना रजिस्ट्रेशन के खनिजों का परिवहन करना अवैध परिवहन की श्रेणी में आता है। इसलिए समस्त वाहन मालिक वेबसाईट पर जाकर परिवहन करने वाले वाहनों का पंजीयन कराएं।

चिटफंड कंपनियों की संपत्ति को कुर्क करके हितग्राहियों को पैसा वापस दिलाया जायेगा

Posted: 06 Mar 2021 06:53 PM PST

 चिटफंड कंपनियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्रवाही किये जाने के निर्देश सभी थाना प्रभारियों को कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने दिये है। निर्देशों में थाना प्रभारियों से कहा गया है कि उनकी संपत्तियों को कुर्क करके हितग्र्राहियों को पैसा वापस दिलाया जाये। 

    प्राप्त जानकारी के अनुसार मुरैना जिले में 1 जनवरी 2020 से 31 दिसम्बर 2020 तक 12 प्रकरणों में 76 आरोपी बनाये गये है। इनमें से 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 63 आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है। चिटफंड कंपनियों द्वारा 28 करोड़ 5 लाख 17 हजार 975 रूपये की राशि हितग्राहियों से निवेषित कराई, इसमें से 1 करोड़ 84 लाख 71 हजार 116 रूपये की राशि हितग्राहियों को वापस कराई गई है। 
    सहारा कंपनी के विरूद्ध कुल पंजीबद्ध 6 प्रकरणों में 25 करोड़ 16 लाख 28 हजार 470 रूपये निवेश कराये गये, जिसमें से पुलिस द्वारा 209, जिनकी कुल राशि 1 करोड़ 13 लाख 71 हजार 116 रूपये थी, को वापस कराया गया। सिविल लाइन थाने में अपराध क्रमांक 157/20 में पुलिस द्वारा 56 लाख के चैक एवं 15 लाख रूपये की नगद राशि वापस कराई है। यह वापस राशि हेप्पीनेस इंजीनियरिंग लाइफ सर्विस कंपनी से कराई है।
    कलेक्टर मुरैना ने चिटफंड कंपनी के.एम.जे लेण्ड डवलपमेंट मुरैना, पी.ए.सी.एल (पल्स) इंडिया लिमिटेउ मुरैना के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर बैंक खातों पर रोक लगाई जाकर मध्यप्रदेश निवेशकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत अंतरिम आदेश की पुष्टि हेतु जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुरैना संपर्क कर निराकरण की कार्यवाही की जा रही है।

’खेती संबंधी बंटाई अनुबंध की कॉपी तहसीलदार को देना अनिवार्य

Posted: 06 Mar 2021 06:51 PM PST

 सामान्य तौर से कृषकों और भू-स्वामियों द्वारा अपनी भूमि अन्य व्यक्तियों को देकर खेती कराई जाती है। जिसे सामान्य तौर पर बंटाई, सिकमी, अन्य स्थानीय नामों से जाना जाता है। तत्संबंध में मध्यप्रदेश भूमि स्वामी एवं बंटाईदारों के हित संरक्षण अधिनियम 2016 के अनुरूप भूमि बटाई पर दिए जाने की मान्यता प्रदान की गई है।         

    हित संरक्षण अधिनियम भूमि स्वामी एवं बंटाईदार दोनों के हितों का संरक्षण करता है। अब कोई भी भूमि स्वामी अपनी भूमि बटाई पर देने या किसी व्यक्ति द्वारा बटाई पर लेने की वैधानिकता तभी मानी जाएगी, जब दोनों पक्षों के द्वारा मध्यप्रदेश भूमि स्वामी बंटाईदारों के हित संरक्षण अधिनियम 2016 के नियम चार के तहत अनुबंध निष्पादित किया गया हो और एक प्रति संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को उपलब्ध कराई हो। कोई भी बंटाईदार, भूमि बंटाई पर लेकर यदि वह फसल क्षति की देय राहत राशि, बीमा राशि और कृषि उपज का उपार्जन के लिए दावा करता है, तो शासन द्वारा तभी स्वीकार माना जाएगा जब भूमि स्वामी और बंटाईदार के मध्य उपरोक्त अधिनियम के अंतर्गत अनुबंध निष्पादित हुआ हो अन्यथा विधिवत अनुबंध के अभाव में उपरोक्त हित लाभ दिया जाना संभव नही होगा।

आरओ एवं ए.आर.ओ. का प्रशिक्षण 8 मार्च को

Posted: 06 Mar 2021 06:49 PM PST

 नगरीय निकायों के आम निर्वाचन 2020-21 के लिये नियुक्त रिटर्निंग ऑफीसर और सहायक रिटर्निंग ऑफीसरों को चुनावी कार्य संपन्न कराने के लिये प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। यह प्रशिक्षण 8 मार्च 2021 को दोपहर 3 बजे से नवीन कलेक्ट्रेट सभागार मुरैना में आयोजित किया जायेगा।

    उल्लेखनीय है कि नगरीय निकायों के आम निर्वाचन 2020-21 की घोषणा आयोग द्वारा निकट भविष्य में की जाना संभव है।

टीबी रोग से जीवन का अंत नहीं- कलेक्टर

Posted: 06 Mar 2021 06:48 PM PST

टीबी हारेगा देश जीतेगा के अंतर्गत जन आंदोलन अभियान चल रहा है। टीबी रोग से व्यक्ति के जीवन का अंत नहीं टीबी का इलाज संभव है। यह बात कलेक्टर श्री बी कार्तिकेयन ने गुरूवार को नवीन कलेक्ट्रेट सभकक्ष मुरैना में संबोधित करते हुये कही। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार पांडेय, जिलाध्यक्ष श्री योगेशपाल गुप्ता, पूर्व मंत्री श्री गिर्राज डण्डोतिया, पूर्व विधायक श्री रघुराज सिंह कंषाना, श्री शिवमंगल सिंह तोमर, नगर निगम के सभापति श्री अनिल गोयल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री हंसराज सिंह, अपर कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर, सीएमएचओ डॉ आरसी बांदिल, पीएचई, सिविल सर्जन डॉ एके गुप्ता, टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ. मौर्य सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।       
    कलेक्टर श्री बी कर्तिकेयन ने कहा कि देश में टीबी कोई भयानक बीमारी नहीं है। टीबी का इलाज संभव है। इसके लिये व्यक्ति को 6 माह डॉट पद्धति का इलाज लेना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि टीबी माइक्रोबेक्टिरियम टयूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होने वाला रोग है। भारत  में हर वर्ष लगभग 20 लाख लोग टीबी से पीड़ित होते हैं और प्रत्येक 3 मिनट में दो व्यक्तियों की मृत्यु टीबी के कारण होती है। टीबी का सही इलाज न होने पर फेंफड़ों की टीबी का रोगी 1 वर्ष में 10 से 15 व्यक्तियों में टीबी रोग फैला सकता है। टीबी किसी भी व्यक्ति को  हो सकती है यह आयु, लिंग, गरीब, अमीर जाति धर्म नहीं देखती। उन्होंने कहा कि टीबी की आशंका होने पर बलगम की जांच करायें। इसके लिये जिले में निशुल्क स्वास्थ्य उपचार केन्द्र हैं। जिसमें क्षय उपचार इकाई मुरैना, क्षय उपचार इकाय नूराबाद, क्षय उपचार इकाई जौरा, अंबाह, पहाडगढ, कैलारस और सबलगढ में बने हुये हैं। प्रत्येक क्षय रोगी को प्रत्येक क्षय रोगी को उसके उपचार के दौरान 500 रूपये प्रतिमाह पोषण के रूप में प्रदान किये जाते हैं। व्यक्ति को यह नहीं सोचना चाहिये कि टीबी रोग हो गया अब क्या होगा। इस रोग से बचाव संभव है किंतु इसका इलाज डॉट पद्धति से लेना अनिवार्य है।  

खेती-किसानी और किसानों की बेहतरी के पुरोधा शिवराज - जन्म-दिवस पर विशेष "आलेख"

Posted: 06 Mar 2021 06:46 PM PST

किसान पुत्र होने के नाते खेती-किसानी को बेहतर तरीके से जानने वाले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के किसानों के लिये जो किया है, वह कृषि क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा है। एक लंबे समय से उनके द्वारा खेती-किसानी और किसानों की बेहतरी के लिए किए गए प्रयासों और नवाचारों के परिणाम अब न केवल पूरे देश-दुनिया के सामने है बल्कि उन्हें इसका पुरोधा भी माना गया है।
    प्रदेश के किसानों के हित में खेती को लाभप्रद बनाने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अनेक नवाचार भी किये हैं। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भागीदारी है। कृषि उत्पादन को बढ़ाना, उत्पादन की लागत को कम करना, कृषि उपज के उचित दाम दिलाना और प्राकृतिक आपदा या अन्य स्थिति में उपज को हुए नुकसान में किसान को पर्याप्त क्षतिपूर्ति देना, मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रयासों में शामिल हैं।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के किसानों को जो संबल दिया, उससे किसानों ने प्रमुख रूप से गेहूँ उत्पादन में रिकार्ड कायम किया। मध्यप्रदेश गेहूँ उपार्जन में पूरे देश में अव्वल रहा। किसानों के हित में कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन करते हुए ई-ट्रेडिंग का प्रावधान किया गया और किसानों को उपार्जन केन्द्र के साथ ही मंडी के अधिकृत निजी खरीदी केन्द्र और सौदा-पत्रक व्यवस्था के माध्यम से भी फसल बेचने की सुविधा प्रदान की गई। गेहूँ, धान एवं अन्य फसलों के उपार्जन की 33 हजार करोड़ रूपये से अधिक की राशि किसानों के खातों में अंतरित की गई।
    प्रदेश के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में प्रतिवर्ष 6-6 हजार रूपये तो मिल ही रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के किसानों के लिये मुख्यमंत्री किसान-कल्याण सम्मान निधि योजना की शुरूआत कर किसानों को मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रतिवर्ष 4 हजार रूपये दो बराबर किश्तों में दिये जाना शुरू किया गया। इस प्रकार किसानों को अब कुल 10 हजार रूपये प्रतिवर्ष किसान सम्मान निधि मिल रही है।
    किसानों की परेशानियों को भी मुख्यमंत्री श्री चौहान भलीभांति समझते हैं। उन्होंने प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य परिस्थिति में किसान की उपज को हुए नुकसान में राहत पहुँचाने वाली प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लंबित प्रीमियम जमा कर किसानों को राहत पहुँचाई। लॉकडाउन की विकट स्थिति में एक करोड़ 29 लाख टन गेहूँ 16 लाख किसानों से खरीद कर उनके खातों में 27 हजार करोड़ से अधिक की राशि अंतरित किया जाना किसानों के लिये बड़ी राहत थी।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण योजना को पुनरू चालू करते हुए किसानों को राहत पहुँचाई। इसके लिये सहकारी बैंकों को 800 करोड़ रूपये की राशि भी उपलब्ध करवाई गई।  किसानों की आय को बढ़ाने के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बेहतर प्रबंधन और सिंचाई परियोजनाओं पर प्राथमिकता से कार्य करवाये। इन कार्यों से प्रदेश में अधिक से अधिक क्षेत्र में सिंचाई की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। वर्ष 2020 तक लगभग 40 लाख 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएँ विकसित की गईं। प्रदेश में 19 वृहद, 97 मध्यम और 5344 लघु सिंचाई योजनाओं का कार्य पूर्ण किया गया। इसके साथ ही 27 वृहद, 47 मध्यम और 287 लघु सिंचाई योजनाएँ प्रगति पर हैं। प्रदेश में अगले 5 वर्षों में 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।    कोरोना काल में पंचायत एवं ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं में 57 हजार 653 जल- संरचनाओं का निर्माण किया गया। इन सभी जल संरचनाओं से जहाँ एक ओर स्थानीय लोगों को कोरोना काल में रोजगार मिला, वहीं भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी के साथ किसानों को खेती में सिंचाई के लिये पानी भी मिल रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा विगत कई वर्षों से सिंचाई बजट में निरंतर वृद्धि भी की जा रही है।
    हाल ही में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रि-परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राजस्व पुस्तक परिपत्र में नये प्रावधान जोड़े हैं। इन प्रावधानो में प्राकृतिक प्रकोप, आग लगने तथा वन्य प्राणियों द्वारा मकान नष्ट किये जाने पर आर्थिक सहायता को शामिल किया। किसानों को कृषि कार्य के लिये फ्लैट दरों पर बिजली दी जा रही है, जिसमें 22 लाख कृषि उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं। किसानों को खेती के लिये बिजली कनेक्शनों पर 14 हजार 244 करोड़ रूपये का अनुदान दिया गया।
    प्रदेश कृषि अधोसंरचना विकास फंड के उपयोग में मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे है। अधोसंरचना विकास के लिये आत्म-निर्भर कृषि मिशन का गठन किया गया है। कृषि विकास एवं किसान-कल्याण के लिये विभिन्न योजनाओं पर 83 हजार करोड़ रूपये से अधिक के हितलाभ दिये गये हैं। किसानों के हित में मंड़ी नियमों में ऐतिहासिक सुधार भी किया गया हैं। मंडी टेक्स 1.50 प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत किया गया। कृषि की लागत कम करने, उत्पादन बढ़ाने तथा उपज का सही दाम किसानों के दिलाने के लिए कृषि उत्पादक संगठनों (एफ.पी.ओ.) को मजबूत किया जा रहा है। आगामी वर्षों मे एक हजार नये कृषि उत्पादक संगठनों का गठन किया जाएगा।
    किसानों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा फसल नुकसानी पर न्यूनतम मुआवजा राशि 5 हजार रूपये की गई है। इस संबंध में राजस्व पुस्तक परिपत्र में संशोधन भी किया गया है। शिवराज के इन्हीं सब कार्यों का परिणाम है कि मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर निरंतर बढ़ रही है। प्रदेश को लगातार सातवीं बार कृषि कर्मण अवार्ड से नवाजा गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान के सफल प्रयासों ने उन्हें खेती-किसानी और किसानों की बेहतरी के पुरोधा के रूप में मान्यता दिलाई है। 

ईव्हीएम गोडाउन का मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों की उपस्थिति में कलेक्टर ने किया निरीक्षण

Posted: 06 Mar 2021 06:43 PM PST

राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशन में प्रति दो माह में ईव्हीएम गोडाउन का निरीक्षण मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों की उपस्थिति में करना है। निर्देशों के तहत कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन और पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार पाण्डेय ने गुरूवार 4 मार्च 2021 को नवीन ईव्हीएम गोडाउन में मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों की उपस्थिति में अपने समक्ष ताले खुलवाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण में पिछले वर्ष की रखी ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपैट, बीयू, सीयू का अवलोकन किया। इसके बाद अपनी उपस्थिति में ही ईव्हीएम गोडाउन को सभी के हस्ताक्षर कराकर सील किया। इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एलके पाण्डे, ईव्हीएम गोडाउन के प्रभारी कार्यपालन यंत्री श्री एसके वर्मा सहित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
  

राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशन में प्रति दो माह में ईव्हीएम गोडाउन का निरीक्षण मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों की उपस्थिति में करना है। निर्देशों के तहत कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन और पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार पाण्डेय ने गुरूवार 4 मार्च 2021 को नवीन ईव्हीएम गोडाउन में मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों की उपस्थिति में अपने समक्ष ताले खुलवाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण में पिछले वर्ष की रखी ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपैट, बीयू, सीयू का अवलोकन किया। इसके बाद अपनी उपस्थिति में ही ईव्हीएम गोडाउन को सभी के हस्ताक्षर कराकर सील किया। इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एलके पाण्डे, ईव्हीएम गोडाउन के प्रभारी कार्यपालन यंत्री श्री एसके वर्मा सहित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
 

55 हजार 452 किसानों ने कराया पंजीयन आज तक करा सकते है पंजीयन, पोर्टल फेल, पैसा दो पंजीयन कराओ

Posted: 06 Mar 2021 06:39 PM PST

  किसानों की उपज को समर्थन मूल्य पर क्रय करने की दृष्टि से रबी उपज गेहूं, चना, मसूर और सरसों की खरीदी के लिये किसान अपना पंजीयन 5 मार्च 2021 तक करा सकते है। 5 मार्च को किसानों का पंजीयन सिर्फ सहकारी समितियों के केन्द्रों पर ही किया जायेगा।  

    जिले में 22 फरवरी तक 55 हजार 452 किसानों ने पंजीयन कराया था। इनमें 28 हजार 115 गेहूं के कृषक, 773 चना और 26 हजार 564 सरसों के किसानों ने पंजीयन कराया है।  
    जौरा तहसील में 8 हजार 168 गेहूं, 330 चना और 7 हजार 112 कृषकों ने सरसों का पंजीयन कराया है। इसी तरह अम्बाह में 4 हजार 98 गेहूं, 33 चना और 3 हजार 623 किसानों ने सरसों का पंजीयन कराया है। पोरसा तहसील में 3 हजार 747 गेहूं के किसानों ने, 71 चना और 3 हजार 709 सरसांे के किसानों ने पंजीयन कराया है। मुरैना तहसील में 3 हजार 457 गेहूं के किसानों ने, 55 चना और 3 हजार 297 सरसों के किसानों ने पंजीयन कराया है।
    कैलारस तहसील के 3 हजार 171 गेहूं के किसानों ने, 88 चना और 3 हजार 618 सरसों के किसानों ने पंजीयन कराया है। सबलगढ़ तहसील में 2 हजार 887 गेहूं के किसानों ने, 150 चना और 3 हजार 131 सरसों के किसानों ने पंजीयन कराया है।
    बानमौर तहसील में 2 हजार 147 गेहूं के किसानों ने, 32 चना के और 1 हजार 712 सरसों के किसानों तथा मुरैना नगर के 440 गेहूं के किसानों ने, 14 चना के और 362 सरसों के किसानों ने पंजीयन कराया है। किसानों का पंजीयन कार्य अभी जारी है।

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