शनिवार, 31 दिसंबर 2016

मारण, असाध्‍य बीमारी, मूठ , चौकी , काला जादू की काट, पलट, खात्‍मा का प्र...

   प्रत्‍यंगिरा मंत्र विधान एवं स्‍तोत्र का विश्‍वव्‍यापी प्रसारण
मारण, असाध्‍य बीमारी, मूठ , चौकी , नजर , काला जादू की काट, पलट, उलट, व खात्‍मा का प्रत्‍यंगिरा माला स्‍तोत्र ( शास्‍त्रीय मंत्र विधान )
आप यू ट्यूब पर इसे सीधे निम्‍न लिंक पर क्‍ल‍िक करके केवल 3 दिन के लिये नि:शुल्‍क देख एवं डाउनलोड कर सकते हैं , उसके पश्‍चात इस फिल्‍म को देखने , सुनने एवं डाउनलोड करने के लिये शुल्‍क भुगतान करना होगा ।
https://youtu.be/7YV_MbLBxUw
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मंगलवार, 25 अक्टूबर 2016

बार काउंसिल के विवादित नियमों व फैसलों पर हाई कोर्ट का स्टे , हाईकोर्ट ने कहा नॉन प्रेक्ट‍िशनर्स एडवोकेटस भी बार के चुनावों में मतदाता हैं

बार काउंसिल के विवादित नियमों व फैसलों पर हाई कोर्ट का स्टे , हाईकोर्ट ने कहा नॉन प्रेक्ट‍िशनर्स एडवोकेटस भी बार के चुनावों में मतदाता हैं 

बुधवार, 27 जुलाई 2016

नरेन्द्र सिंह तोमर ''आननद'' गूगल मैप के लिये गूगल ने लोकल गाइड नियुक्त किये

देवपुत्र पायवेट लिमिटेड ग्रुप ऑफ कम्पनीज के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं लीगल एडवाइजर, चम्बल की आवाज तथा ग्वालियर टाइम्स के सी. ई. ओ. नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' को गूगल मैप्स इंकारपोरेशन ने गूगल मैप के लिये अपना लोकल गाइड बनाया
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' को गूगल ( इन्कार्पोरेशन ) कम्पनी ने स्थानीय गाइड नियुक्त किया , सभी स्थानीय फोटो , थ्री डी फोटो , वीडियो सहित , उसका नाम , इतिहास , और पृष्ठभूमि , विचार, सतर्कता , सावधानियां सहित सभी प्रकार के व्यू और रिव्यू लिखने के सर्वाध‍िकार कम्पनी ने तोमर को सौंपें
ग्वालियर / मुरैना 19 जुलाई 2016 । गूगल कम्पनी ने अपने बहुत बड़े व संपूर्ण विश्व तक फैले महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट '' गूगल मैप '' के लिय मुरैना के गांधी कालोनी के विख्यात व प्रसिद्ध समाजसेवी एवं पुराने अति अनुभवी नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''' को अपना लोकल गाइड नियुक्त किया है ।
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' को गूगल की ओर से नियुक्त‍ि पत्र प्राप्त हो गया है , साथ ही गूगल ने बहुत बड़ा काम करने जा रहे श्री तोमर को बहुत बड़ा अवार्ड देने की भी घोषणा की है ।
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' अब न केवल किसी व्यक्त‍ि विशेष पर बल्क‍ि स्थल विशेष पर भी गूगल की ओर से काम करेंगें , किसी स्थल विशेष या व्यक्त‍ि विशेष को गूगल मैप में जोड़ सकेंगें, फर्जी या असत्य को हटा व डिलीट कर सकेंगें , लापता भवनों को तलाश सकेंगें, ऐतिहासिक स्थलों , किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान, व्यवसाय , होटल , खानपान, लॉजिंग , मंदिर , मस्जिद , चर्च , ढाबा अदि को चिह्न‍ित कर सकेंगें , उस पर ब्यौरा दजकर सकेंगें , उसे गेड दे सकंगें , डी ग्रेड कर सकेंगें ।
इसके अलावा किसी भी फोटो , वीडियो , थ्री डी वीड‍ियो या थ्री डी फोटो को गूगल मैप पर अपलोड कर सकेंगें , सभी ऐतिहासिक प्रृष्ठभूमि के स्थल अपलोड कर सकेंगें उनके इतिहास व ब्यौरे लिखें सकेंगें , स्थानीय स्कूलों , कालोजों के, चिकित्सा सुविधाओं, पेट्रोल पम्पों , सार्वजनिक सुविधाओं, होटलों आदि के नाम , चित्र वीडियो ब्यौरे ग्रेड , डीग्रेड , व्यू , रिव्यू लिख सकेंगें , जोड सकेंगें , हटा सकेंगें , किसी हस्ती विशेष , व्यक्त‍ि विशेष , युग पुरूष व ऐतिहासिक व्यक्तित्व पर ब्यौरा चित्र वीडियो आदि जोड़ या हटा या बदल सकेंगें ।
असली सड़कों के , असली भवनों की व असल अधोसंरचना की , नगर के स्तरीय हालात व असल नगरीय हालात व स्थ‍िति के चित्र व वीडियो अपलोड कर सकेंगें , या हटा सकेंगें , संपादन व क्रियेशन , डिलीशन आदि सभी कार्य नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' गूगल मैप की ओर से तथा गूगल कम्पनी की ओर से करेंगें ।
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द '' ने ग्वालियर चम्बल सहित राजस्थान के लोगों से कहा है कि वे अपने सड़को , बिजली संरचना , अन्य अधोसंरचना आदि के चित्र व वीडियो  आदि भेजते समय अपने कैमरे का जी.पी.एस. इन्फो ऑन रखें और , सारे जी.पी.एस. सूचनाओं की रिकार्डिंग कैमरे को ही करने दें , जिससे आपका फोटो या वीडियो स्वत: आटोमेटिक रूप से जियो टेग हो जायेगा और खुद ब खुद सही जगह गुगल मैप में स्वत: सेट हो जायेगा । अपने चित्र या वीडियो के साथ संपूर्ण ब्यौरा अवश्य भेंजें , उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभ्ज्ञूमि अवश्य भेजें , यदि किसी ऐतिहासिक स्थल से संबंधी वीडियो या चित्र भेज रहे हैं तो उसका संदर्भ ग्रंथ , प्रमाण‍िकता सहित संपूर्ण अतिहास व वंशावली आदि अवश्य भेजें ।
चम्बल के लोगों से बिजली , सडक व खेतों की हालत तथा अन्य इन्फ्रा स्ट्रक्चर संबधी वीडियो व चित्र भेजने की अपेक्षा की गयी है , जो गुगल के लोकल गाइड नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' द्वारा गुगल मैप में दर्ज किया गया जायेगा , केवल वही चित्र , वीडियो व ब्यौरा ही संपूर्ण विश्व में दिखेगा । 

चम्बल का शेर कुम्हेर


सखी


योगेश्वरी ( भाग -4) महा काली कवच


सोमवार, 13 जून 2016

फिल्म योगेश्वरी ( भाग - 2) देवपुत्र फिल्म्स एंड मीडिया प्रायवेट लिमिटेड


ट्रेलर फिल्म योगेश्वरी


भारत - एक फिल्म ( भाग - 1)


FILM YOGESHWARI PART - 1


Film YOGESHWARI


रविवार, 24 अप्रैल 2016

रोजाना जहर पिला रही है म.प्र. सरकार मुरैना वासियों को, खुद सुनिये मुख्यमंत्री का सफेद झूठ

मुरैना के लोग पानी के नाम पर रोज कितना जहर पीते हैं , इस फिल्म में स्वयं देख लीजिये , 69 वर्ष से मुरैना शहर यह जहर रोजाना पी रहा है , कई नेता आये और चले गये , चम्बल को लूट कर माल्या की तरह भाग गये , यह फिल्म आज ही की है , हालिया निर्मित इस फिल्म में देख लीजिये कि कितना जहरीला हार्ड वाटर हम मुरैना वाले रोज पीते हैं । साथ में यह सबूत भी देख लीजिये कि विगत वर्ष सन 2015 मुरैना नगर निगम के चुनावों में म.प्र. का मुख्यमंत्री कितना झूठ बोला , कितनी फर्जी घोषणायें कर गया , और नगर निगम बना कर , चुनाव जीत कर भाग गया , किसानों की ओलावृष्ट‍ि से बर्बादी का मामला हो या उनकी आत्महत्याओं का , महा नौटंकीबाज लगातर झूठ असत्य व मिथ्यावादी घोषणाबाज मुख्यमंत्री शि‍वराज सिंह चौहान कितना झूठा , फर्जी व असत्यवादी एवं नौटंकीबाज है , यह फिल्म इस बात का सबूत है कि एक साल पहले मुरैना नगर निगम को करोड़ों रूपये देकर गया मुख्यमंत्री , आज एक साल गुजरने के बाद भी ...... असल मुकम्मल आलम और हालात ये है सरकार ..... मुरैना मेयर की मजेदार बात यह है कि .... वह मुरैना का लगातार 6 बार सांसद रहा है ..... और अब मुरैना नगर निगम का मेयर है , कुल मिला कर कब से मुरैना को जहर पिला पिला कर मार रहा है , खुद ही हिसाब लगा लीजिये , हमने असल हकीकत , असल माजरा इस फिल्म के माध्यम से प्रस्तुत कर दिया और मामले के दोनों पक्ष व पहलू प्रस्तुत कर दिये , अब आप खुद ही फैसला करिये ..... ऐसे नेताओं के सिरों पर नारियल फोड़ कर, धूप दीप , अगरबत्ती लगा कर इनकी पूजा अर्चना की जाये या इनके श्रद्धा सुमन अर्पण की तैयारी की जाये  , असत्य वायदे कर वोट जैसी अमूल्य संपत्त‍ि का हरण करना या हड़पना ...... आई.पी.सी. की धारा 463 से लेकर 471 एवं 420 तथा 120 बी एवं धाा 34 का अपराध है , इसके अलावा खुला निर्वाचन अपराध है ..... और इन नेताओं को कानूनन जेल भेजने में एक घंटे से ज्यादा का विलंब नहीं किया जाना चाहिये , किंतु पुलिस इनकी, कानून इनका , अदालत इनकी ...... फैसला करेगा कौन ..... इनके विरूद्ध फर्जीवाड़ा करने और कूटरचित वायदे , मतदाताओं के साथ छल धोखाधड़ी करने का अपराध कायम कौन करेगा और कौनसी अदालत इन्हें जेल भेजेगी । ..... मामला आपके सामने ..... फैसला आपके हाथ 
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गुरुवार, 21 अप्रैल 2016

पानीपत में मुगल बाबर से राजपूतों की पहली टक्कर और ग्वालियर सम्राट महाराजा विक्रमादित्य सिंह तोमर का शहादत दिवस आज

पानीपत के प्रथम युद्ध के वीरता पूर्वक लड़ते हुये युद्ध के मैदान में वीरगति पाकर मुगल बाबर से युद्ध करते हुये ग्वालियर सम्राट महाराजा विक्रमादित्य सिंह तोमर एवं 16 हजार राजपूत वीर योद्धाओं की शौर्य व पराक्रमशाली शहादत को गौरवपूर्ण सादर नमन व प्रणाम
तोमर राजवंश , तोमर राजपरिवार एवं समस्त तोमर राजपूत तथा भारत के समस्त क्षत्रिय व राजपूत
( क्षमा करें , हमें यह दुखद खेद है कि मुरैना में कल से पूरे दिन व आज लगातार बिजली कटौती के चलते , शहीदों की यह गौरवशाली व सादर नमन प्रणाम की पोस्ट डालने में , व्यापम व आरक्षण की औलादों , जातिवादीयों व महाभ्रष्टों गुलामों व वर्णसंकरों की हरकतों के कारण विलंब हुआ )  


शनिवार, 16 अप्रैल 2016

फेसबुक बना ई व्यापार और ऑनलाइन खरीदी बिक्री का सबसे बड़ा माध्यम

अब फेसबुक के जरिये हर चीज व हर सेवा खरीदिये बेचिये , फेसबुक बना ई व्यापार और ऑनलाइन खरीदी बिक्री का सबसे बड़ा माध्यम
- नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
व्हाटस एप्प द्वारा एण्ड टू एण्ड सिक्योरिटी देने के बाद , सारी सामग्री एनक्रिप्शन कर देने के बाद अब जहॉं खुद व्हाटस एपप कंपनी भी किसी के द्वारा किसी को या किसी ग्रुप के सदस्य न होते हुये उस सामग्री को पढ़ नहीं सकती , वहीं अब पुलिस व साइबर सेल की पकड़ से भी व्हाटस एप्प बाहर निकल गया है , इसके साथ ही व्हाटस एप्प अकाउंट हैक करने वालों और दूसरे के मोबाइल नंबर से अकाउण्ट ऑपरेट करने वालों और हैकिंग की जद से भी व्हाटस एप्प बाहर निकल गया है । कंपनी द्वारा इसके लिये व्हाटस एप्प एप्लीकेशन के लिये अपडेटस विगत सप्ताह मंगलवार को जारी कर , मंगलवार से ही यह सुविधा लागू कर दी गयी थी ।
फेसबुक ने भी अपनी सिक्योरिटी बढ़ाते हुये , डाटा एन्क्र‍िप्शन के साथ ही ई व्यापार और ऑन लाइन खरीदी बिक्री की बहुत बड़ी अंतर्राष्ट्रीय सेवा शुरू की है , अब पूरे विश्व में कहीं से भी कुछ भी फेसबुक के जरिये खरीद और बेच सकते हैं ।
फेसबुक पर कुछ खरीदने बेचने के लिये , ई व्यापार या ऑनलाइन खरीदी बिक्री के लिये आपको फेसबुक की निम्न लिंकों पर जाकर , निम्न खरीदी बिक्री समूहों का सदस्य बनना होगा , इसके साथ ही आप अपने घर से बैठकर ही या अपने मोबाइल फोन के जरिये ही जो कुछ भी आपके पास बेचने के लिये या खरीदने के लिये हो , खरीद बेच सकते हैं , यहॉं तक कि पूरे विश्व में जहॉं भी जो कुछ सस्ता , अच्छा या दुर्लभ से दुर्लभ चीज या वस्तु या सेवा उपलब्ध करा सकते हैं या बेच सकते हैं या खरीद सकते हैं ।
फेसबुक के इन खरीद बिक्री समूहों के लिये निम्न में से किसी भी समूह को दोनों समूहों को ज्वाइन कर लें , इसके बाद आपके लिये फेसबुक पर खरीदने एवं बिक्री करने का  आप्शन खुद ब खुद खुल जायेगा , और पैसे सीधे आपके बैंक खाते में पहुँचने लगेंगें ।
http://www.facebook.com/groups/Gwaliorsale/
*
http://www.facebook.com/groups/evaapar/

Narendra Singh Tomar " Anand"

गुरुवार, 31 मार्च 2016

जब दिल में उल्फत हो , दूर दूर तक ना नफरत हो , तब होती है ऐसी यारी रिश्तेदारी

जब दिल में उल्फत हो , दूर दूर तक ना नफरत हो , तब होती है ऐसी यारी रिश्तेदारी
And Something Special for You. This Holi Special . The Super Popular Baaghi Sardar of Chambal Late. Madho Singh ( Madho Singh - Mohar Singh Giroh) Son, Mr. Sahdev Singh Bhadoriya Playing Holi with Me. ... A super Shot at my House. होली विशेष : चम्बल के मशहूर बागी सरदार स्व. माधौ सिंह ( माधौ सिंह - मोहर सिंह गिरोह) के बागी सरदार स्व. माधौ सिंह के सुपुत्र श्री सहदेव सिंह भदौरिया के साथ अबकी बार खेली गई हमारी होली का एक सुपर चित्र - यूं कि ये रंग रोगन सहदेव सिंह को हमीं ने पोता है .. जरा दिल से , जरा तबियत से - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' , मुरैना म.प्र.

सोमवार, 14 मार्च 2016

ग्‍वालियर समाचार GWALIOR NEWS: कन्हैया कुमार के विरूद्ध ग्वालियर न्यायालय में आपर...

ग्‍वालियर समाचार GWALIOR NEWS: कन्हैया कुमार के विरूद्ध ग्वालियर न्यायालय में आपर...: कन्हैया कुमार के विरूद्ध ग्वालियर न्यायालय में आपराधि‍क मामला पेश , परिवाद पर सुनवाई 21 मार्च को ग्वालियर , 14 मार्च 2016 , वाहर लाल नेहरू ...

ग्‍वालियर समाचार GWALIOR NEWS: तोमर राजवंश के महाराजाओं की प्रतिमायें मुरैना जिला...

ग्‍वालियर समाचार GWALIOR NEWS: तोमर राजवंश के महाराजाओं की प्रतिमायें मुरैना जिला...: तोमर राजवंश के महाराजाओं की प्रतिमायें मुरैना जिला में लगेंगीं , महाभारत कालीन इतिहास से सरसब्ज व समृद्ध विषयों को लेकर ऐतिहासिक फिल्में बन...

ग्‍वालियर समाचार GWALIOR NEWS: मशहूर फिल्म अभि‍नेत्री आभा परमार ने लाइक कीं कई पो...

ग्‍वालियर समाचार GWALIOR NEWS: मशहूर फिल्म अभि‍नेत्री आभा परमार ने लाइक कीं कई पो...: मशहूर फिल्म अभि‍नेत्री आभा परमार ने लाइक कीं कई पोस्ट नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''  की ग्वालियर टाइम्स , 14 मार्च 2016 , ...

ग्‍वालियर समाचार GWALIOR NEWS: भारत सरकार के माननीय केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मं...

ग्‍वालियर समाचार GWALIOR NEWS: भारत सरकार के माननीय केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मं...: All India Broadcasted By : भारत सरकार के माननीय केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ , सांसद , जयपुर ग्रामीण क्षे...

जिला गौपालन एवं पशु संवर्धन समिति मुरैना की बैठक 16 मार्च को

जिला गौपालन एवं पशु संवर्धन समिति मुरैना की बैठक 16 मार्च को
मुरैना 14 मार्च , ग्वालियर टाइम्स , कलेक्टर मुरैना की अध्यक्षता में , शाम 4 बजे जिला गौपालन एवं पशु संवर्धन समिति मुरैना की बैठक का आयोजन कलेक्टर सभाकक्ष में रखा गया है , जिसमें 4 बिन्दु का एजेण्डा चर्चा हेतु रखा गया है, 1. 9 दिसम्बर 2015 को संपन्न बैठक में लिये गये निर्णयों का अनुमोदन ??  2. जिले में संचालित पंजीकृत गौशालाओं के सम्बन्ध में चर्चा । 3. पंजीकृत गौ शालाओं को आर्थ‍िक सहायता उपलब्ध कराने संबंधी चर्चा । 4. अध्यक्ष की अनुमति से अन्य विषयों पर चर्चा । 

मिलावटखोरी , कालाबाजारी के गढ़ मुरैना में कल होगी , एक दिन में भैस का दूध पिलाने की कवायद , कल मनायेगा हमेशा से कुम्भकर्ण की नींद सो रहा और सांड़ की तरह लगामहीन खाद्य विभाग '' उपभोक्ता जागरूकता दिवस''

मिलावटखोरी , कालाबाजारी के गढ़ मुरैना में कल होगी , एक दिन में भैस का दूध पिलाने की कवायद , कल मनायेगा हमेशा से कुम्भकर्ण की नींद सो रहा और सांड़ की तरह लगामहीन खाद्य विभाग '' उपभोक्ता जागरूकता दिवस''
ऐ जाने तुझे एक दिन जगा देंगें जिगर तू जागते रहना उसके बाद साल के पूरे 364 हमें जमकर खुर्राटे लगा कर सोना है , जाति देखकर , जगह देखकर , आसामी देखकर चरेंगें , जुगाली करते रहेंगें । तू सो गया या जाग रहा है यह कभी पता न लगायेंगें ।
मुरैना, 14 मार्च , ग्वालियर टाइम्स,  कल दिनांक 15 मार्च 2016 एम.एस.रोड जनपद पंचायत मुरैना के सभाकक्ष में ''विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस '' मनाये जाने हेतु दोपहर दोपहर 12 बजे कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है । जिसमें उपभोक्ताओं के हितों एवं उनके अधि‍कारों की जागरूकता हेतु संबंधि‍त विभागों के अधि‍कारीयों द्वारा विभागीय योजनाओं / संवाओं की जानकारी दी जायेगी ।

ऐ दुश्मन तुझे डरने की जरूरत क्या है, तू आगे है और हम गोली पीछे चला रहे हैं , शेरों का क्या , कुत्ता भी हो सामने , पत्थर आगे नहीं , हम तो पीछे को फेंक रहे हैं

हमें लौटना होगा दोबारा पुरानी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ओर
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- नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
काफी चिन्तन के बाद एक निष्कर्ष तो लगभग तय है कि तथा कथि‍त अर्थशास्त्रीयों द्वारा तय की गई आधुनिक व आज की भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है , यद्यपि अर्थव्यवस्था के भूमंडलीकरण ( ग्लोबलाइजेशन) और रूपये का प्रसार व फैलाव बढ़ाना तो ठीक बात है लेकिन इसके कारण बढ़ती मुद्रा स्फीति का बेलगाम होना और देश भर में मंहगाई का सुरसा के मुँह की तरह फैलना बेशक ही सोचनीय व चिन्तनीय बात है और इस जगह आकर ही आप साबित कर देते हैं कि भारत की प्राचीन ग्रामीण अर्थव्यवस्था संबंधी प्रणाली बेहद पुख्ता और सुदृढ़ रही है जिसमें मुख्य विनिमय आधार पारस्परिक सेवा विनिमय या वस्तु विनिमय रहा है और बीच में ''रूपया'' जैसे माध्यम के लिये बहुत ही संकीर्ण और लगभग '' ना'' के बराबर स्थान रहा है । जब से अर्थव्यस्था के सुदृढ़ीकरण के नाम पर बीच में माध्यम यानि ''रूपया'' डाला गया है, तब से बेशक ही तथाकथि‍त विदेशों में जाकर पढ़ लिख कर समय व धन बर्बाद करके आये अर्थशास्त्री देश के लिये या भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये  स्वत: ही अपरिचित , अन्जाने एवं अप्रासंगिक हो गये और उनके लिये यह भारत देश एक अर्थशास्त्र के प्रयोगों को करने की प्रयोगशाला मात्र बनकर रह गया । प्रयोगधर्मिता व ''विकासशील'' के नाम पर किये गये सारे ही प्रयोग भारत के ढांचे के अनुसार असफल और विनाशकारी ही सिद्ध हुये , हमने मुद्रास्फीति बढ़ाकर हमेशा सोचा कि हम विकास दर बढ़ा कर आगे जा रहे विकासशील देश हैं और कभी सोचा कि हम मुद्रास्फीति घटा कर विकास दर बढ़ा रहे हैं , आदमी की या साधारण आदमी की क्रय शक्त‍ि घटाते बढ़ाते रहने के फार्मूले में हमने इतने कीमती वर्ष गंवा दिये और आज हम अपने देश को गंवा देने और विदेशी धन के देश में विनियोग की या किसी भीख मांगते भि‍खारी की तरह दयनीय हालत में पहुँच चुके हैं । आज प्रदेशों व राज्यों की हालत बहुत नाजुक एवं खस्ता है , वे किसी अमीर उद्योगपति या औद्योगिक घरानों के तलुये चाट चाट कर पूरा राज्य लाल कारपेट बिछा कर उसे बदले में देने को तैयार हैं भले ही विधि‍ की सत्ता की यह अवधारणा हो कि ''राज्य जनता व वहॉं रहे प्रत्येक प्राणी की अमूल्य निधि‍ व संपत्त‍ि है, लेकिन राजनेताओं को विधि‍ की सत्ता की इस अवधारणा से कुछ लेना देना नहीं , वे अपने बाप का माल समझ कर पूरे प्रदेश को जैसे चाहे जिसे चाहे , जब चाहें सौंप देते हैं , इसके लिये उन्हें लगता है कि जनता ने उन्हें 5 साल के लिये खुद को और खुद की सारी निधि‍यों व संपत्त‍ि को ( जिसमें जनता की सामूहिक व निजी व्यक्त‍िगत प्रतिष्ठा एवं सम्मान भी शामिल है) किसी को भी सौंप देने का लायसेन्स दे दिया है और वे सब कुछ कर सकते हैं । उनकी अज्ञानता , अनुभवहीनता व विशेषज्ञता हीनता उन्हें स्वयं कुछ सोचने समझने विचारने की शक्त‍ि से विहीन करके उन्हे किराये के टट्टू  सुझाव देने वाले सलाहकार या किसी अन्य बैसाखी लगा कर चलने वाले पंगु व मतिहीन की तरह बाध्य कर देती है । लिहाजा पहले तो इसका उसका परामर्शदाता , सलाहकार सुझाव मंडल , परामर्शदाता मंडल चाहिये , यानि कि आपके पास स्वयं का दिमाग नहीं और ऊपर से आप चीख चीख कर साबित करते हैं कि आपके आसपास खड़ी करोड़ों कर्मचारीयों और अफसरों से भरी पड़ी , सातवें वेतनमान ( जनसंपत्ति‍ ) से पल पोस कर बढ़ रही पूरी की पूरी फौज बेमतलब की , नाकारा व मतिहीन , दिमाग विहीन तथा योजना परियोजना विहीन , वैसे ही यूं ही नियुक्त कर लिये गये गधों व टट्टूओं की फौज है , लिहाजा हर काम के लिये आपको कंसल्टैण्ट चाहिये , फिर ये सरकारी अफसरों व कर्मचारीयों की अनावश्यक सरकारी सातवें वेतनमान की इस फौज का मतलब भी क्या है , हटाइये इसे और कंसल्टैण्ट ही पालिये , कुल मिलाकर धारणा अवधारण तोड़कर पूरी तरह से पंगु हो चुकी राजनीति में आज हालत इतनी दयनीय व नाजुक है कि हर कोई यानि कि राज्य सरकार से लेकर देश की सरकार तक किसी न किसी को यह देश दे देने या सौंपने को हर पल तैयार है ।
पूर्णत: आश्रित स्थति से गुजर रहा आज की तारीख में यह भारत देश अभी तक ''विकासशील '' देश है , जबकि सच कुछ अलग व जुदा है , भारत तो बर्षों वर्ष पहले से विकसित देश रहा है और पूरे विश्व का पालनहार देश रहा है , पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था का हजारों लाखों साल तक संचालन कर चुका देश है । विकासशील तो 70 साल का बुढ्ढा भी सदा रहता है वह 71 की ओर बढ़ रहा विकासशील है और 69 की तुलना में वह विकसित है , हम हमेशा बगल वाले किसान के खेत की फसल देख कर ही उसे उन्नत समझते आये हैं औ और वह किसान हमारे खेत की फसल देख कर हमें उन्नत समझता रहा है लेकिन शब्द विकासशील का तात्पर्य है अपने से बड़े की ओर देखना व हमेशा खुद को विकासशील कहना , विकसित का अर्थ है हमेशा अपने से छोटे की ओर देखना और खुद को विकसित कहना, हमने अपनी नसों में या तथाकथि‍त अर्थशास्त्रीयों ने देश को इतनी दयनीय व नाजुक हालत में पहुँचा दिया है कि हम हमेशा ही ''विकासशील'' देश ही बने रहेंगें और कभी विकसित देश नहीं बन पायेंगें , दूसरी भाषा में इसे ही 99 का फेर कहा जाता है , जो हमेशा पूरे 100 होने की प्रतीक्षा में सदैव ही ''विकासशील'' बना रहता है और वह कभी पूरा 100 नहीं बन पाता ।
जिहाजा कुल मिला कर जाहिर है कि जिन मस्त‍िष्क विहीन पंगु राजनेताओं ने पूरे के पूरे देश को ही प्रयोगशाला बना कर बर्बादी के कगार में इस कदर झोंक दिया हो कि उस देश में सरकारें वस्तुत: निर्वाचित नेताओं के हाथ में नहीं , बल्क‍ि किसी व्यापारिक व्यक्ति‍यों द्वारा या औद्योगिक घरानों के विनियोग या कुछ दे देने के लिये 24 घंटे भीख मांगने की हालत में पहुँच चुकी हों और प्रदेश व देश बेच देने के लिये पूरी तरह आतुर व रहम की पात्र बन चुकीं हों , बेशक जहॉं तीन चार पीढ़ीयां  पूरी तरह से बेरोजगार बैठीं हों , जिनके घरों का पालन पोषण बाप या दादा की पेंशन पर आश्रित होकर चल रहा हो , उन्हें कितना और बातों के बतासे बांट कर बहला बहला कर ये राजनेता वक्त गुजार सकेगें यह तो वही जानें , किन्तु इतना तो जाहिर है कि असल बेरोजगारी देश में 90 फीसदी से ऊपर जा चुकी है और पेंशनधारी भी कब तक जिन्दा रहेंगें , कब तक इस देश में लोगों के चूल्हे पेंशन पर जलते रहेंगें , एक आदमी की पेंशन में आठ दस लोग जिन्दा हैं , यह दशा कब तक इस देश में बनी रहेगी । यह तो ईश्वर ही जाने मगर यह तो जाहिर है कि इंतहा की भी सरहदें समाप्त हो चुकीं हैं और आने वाले दौर में या वक्त में कुछ ठोस नहीं हुआ तो भारत को जो कि आतंकवाद की प्रयोगशाला भी साथ ही साथ पनप कर बनता चला जा रहा है बेशक वह दिन दूर नहीं जब प्रयेग कर सरकारें बदल बदल कर बार बार उम्मीद लगा रही जनता का अंदरूनी आक्रोश फूट पड़े और ये सब्स‍िडी वो सब्स‍िडी , ये कार्ड , वो कार्ड के सारा खेल खत्म होकर गृहयुद्ध भारत देश में छिड़ जाये , विधि‍ की सत्ता पूर्णत: समाप्त हो जाये और लोग सड़कों पर आ जायें , एक दूसरे को खुलेआम लूटने मारने लगें , यह दिन दूर नहीं , इस लिहाज से आज एक ललित मोदी या विजय माल्या पी खा कर उड़ा कर बाहर भागने के रास्ते टटोलता फिर रहे हैं , पता लगे कि सारे ही नेता देश छोड़ छोड़ कर भाग गये , और जनता के पास उन्हें लूटने के लिये भी कुछ नहीं छोड़ गये । मंजर खतरनाक है , सचेत हो जाईये , सब्जबागों के दिखाते चले जाने से किसी के पेट नहीं भरते , हर फिल्म को एक निश्च‍ित वक्त पर समाप्त होना है , भारतवासी भूखे हैं उन्हें रोटी और रोजगार चाहिये , अवसरों की भरमार चाहिये , वरना खत्म हो यह लंबा इंतजार चाहिये ।       

ऐ दुश्मन तुझे डरने की जरूरत क्या है, तू आगे है और हम गोली पीछे चला रहे हैं , शेरों का क्या , कुत्ता भी हो सामने , पत्थर आगे नहीं , हम तो पीछे को फेंक रहे हैं
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आज की राजनीति में उपरोक्त उदाहरण व दृष्टांत प्रासंगिक व स्मरणीय हो गये हैं जहॉं जरा सा पद पा कर ही मानव इतराने इठलाने लगता है और स्वयंभू ईश्वर स्वयं को मानने लगता है तथा अन्य प्राणीमात्र का उपहास उड़ाने लगता है या अहंकार , गर्व व मद से चूर होकर उसे पीड़ा देने लगता है । अंतत: परिणाम यह होता है कि वह स्वयं ही सबके लिये उपहास व पीडि़त रहने या होते रहने का पात्र बना लेता है । बेशक यह वाक्य उन राजनीतिज्ञों के लिये है जिन्हें मदांधता या पदांधता हो गई है और सबको उपहास का पात्र मानने लगा है ।
अब इस आलेख के शीर्षक पर आते हैं , अपने भाईयों से हम कहना चाहेंगें कि , राजनीति में किसी व्यक्त‍ि विशेष पर ज्यादा पोस्ट लिखने की जरूरत नहीं है और संभवत: इससे ज्यादा आपकी बेवकूफी का इससे बेहतरीन इस टॉपिक का शीर्षक संभव भी नहीं । जिस व्यक्त‍ि विशेष से केवल कांग्रेस संसद में ही लड़ सकते हैं , बाहर वालों के लिये उस व्यक्त‍ि का नाम लेना अब पूरी तरह से बीती बात हो चुकी है , और आपके सांसद लोकसभा व राज्यसभा में मौजूद हैं , और आप कहीं के भी सांसद नहीं हैं , आपके लिये केवल विधानसभा की लड़ाई ही फिलवक्त बेहतर है , फिलवक्त संसद में बैठे व्यक्त‍ि आपके टारगेट नहीं , अभी आपको तीन साल संसद में बैठे व्यक्त‍ि को टारगेट करने के लिये बेसब्री से प्रतीक्षा करनी है , उससे पहले फिलहाल किसी व्यक्त‍ि विशेष को छोड़ , जो कि अप्रांसगिक और इस वक्त असमय हैं  या अपरिपक्व बुद्धि के लिये हर समय बारहों महीने 24 घण्टे जो टेन्शन हैं , फिलहाल जिन पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं उन्हें टारगेट करिये , जो दुश्मन आगे है , उसी पर पत्थर व गोलियां चलाईये या फेंकिये , संसद में बैठा व्यक्त‍ि विशेष तो बहुत पीछे रह गया टारगेट हैं जो दो साल पहले टारगेट थे या तीन साल बाद टारगेट होंगें , अभी आपके टारगेट हालिया हो रहे व आगे होने वाले प्रदेशों के विधानसभा के चुनाव हैं । जिसमें व्यक्त‍ि विशेष से पहले होने वाला म.प्र. विधानसभा का भी चुनाव है । हमें बड़ी हैरत है कि आपके टारगेट पीछे हैं , यानि आप हाथ में आये पत्थर पीछे की ओर फेंक रहे हैं , और आगे खड़ा दुश्मन न केवल मस्ती से मुस्करा रहा है , बल्क‍ि आपकी बेवकूफी का पूरा आनंद भी ले रहा है , और बड़ी आसानी से हर जगह जीत दर जीत दर्ज कराता जा रहा है । आप पीछे की ओर गोलियां चला रहे हैं , या पत्थर फेंक रहे हैं और आपके पीछे आप ही के लोगों की फौज यानि सेना है । कुल मिला कर पीछे की ओर पत्थर फेंकने या गोली चलाने से कुछ होना जाना नहीं , इसी लिये आपके पीछे कोई नहीं है , पीछे की कतार खाली है , आपके पीछे आने से या चलने से हर आदमी डरता है क्योंकि बकौल आपकी रणनीति आपकी बहुत पुरानी आदत है पीछे की ओर बंदूक कर गोली चलाना या पत्थर फेंकना और अपने पीछे चल रही अपनी ही सेना के जवानों या अपनी ही फौज के लोगों का शि‍कार करना , और सामने चढ़े व खड़े दुश्मन से मुस्करा कर हाथ मिलाना व बात करना । इसलिये हर आदमी छाती ठोक कर आपके आगे आने को तैयार है , आपके पीछे आने को कोई तैयार नहीं ।