चम्बल में विदेशी पंछी मेहमान बन कर आये, लंगरों में दावत भण्डारे और दारू के भोज, ससुरे वोट डालेंगें कि चुनाव करायेंगें
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
मुरैना विधानसभा पर इस बार प्रमुख दलों कांग्रेस, भाजपा और बसपा का गला काट संघर्ष होगा । लेकिन प्रभावित करने वाले यानि वोट काटने वाले इनकी नाक में खासा दम कर देंगें । कल एक निर्दलीय प्रत्याशी को छ गाड़ीयों के साथ इन तीन प्रमुख प्रत्याशीयों में से एक का चुनाव प्रचार करते और चुनाव सामग्री भरी गाड़ी के साथ जिला प्रशासन मुरैना ने पकड़ा है । हालांकि जिला प्रशासन और निर्वाचन आयोग निष्पक्ष चुनाव कराने की कसम खा कर बैठा है लेकिन राजनैतिक दलों के प्रत्याशी भी अपने जौहर दिखाने से नहीं चूक रहे । निर्दलीय प्रत्याशीयों की गाड़ीयों का उपयोग करना, निर्दलीयों को खरीद कर जर खरीद गुलाम की तरह प्रचार में उनका इस्तेमाल करना, शराब, शबाव और कबाव, यानि एग, लैग और पैग के साथ औरतों और बच्चों को उठवा कर अपनी छवि बनाना दूसरों की बिगाड़ना, गुण्डे, चोर मवालीयों और बाहरी बदमाशों तथा डकैतों की पूरी फौज की फौज इन दिनों चम्बल में एक माह पहले से ही बारातों की भांति फोकट के लंगरों में भोज पंगत और जाम के आनन्द उठाने में लगी है, सीमायें सील होने से पहले ही विशाल तादाद में अपराधी पहले ही अपना डेरा चुके थे । इन दिनों चम्बल में बाहर के विदेशी प्रवासी पक्षी मेहमान बन कर डेरा जमाये हैं । ज्ञातव्य है कि इन दिनों प्रत्याशीयों के समूची चम्बल में यत्र तत्र सर्वत्र लगभग 7 हजार लंगर चल रहे हैं और राजस्थान से नकली व सस्ती मंहगे ब्राण्ड के लेबल लगी दर्जनों ट्रक शराब भरकर चम्बल पहुँच कर बदमाशों के टेटुओं में उड़ेली जा रही है । एक लंगर में अमूमन 6-7 हजार लोग रोजाना पेट भरने और गला तर करने का काम कर रहे हैं । अब भई ये विदेशी प्रवासी पंछी मेहमान बन कर जो डेरा डाले हैं और हराम की कमाई, हराम की लुगाई और हराम की खिलाई पिलाई का आनन्द ले रहे हैं जे पता तो तुमई लगाओ कि जे निर्वाचन आयोग के आदमी हैं का, या फिर निर्वाचक हैं या फिर ससुरे निर्वाचन के एजेण्ट हैं आखिर जे हैं का ।
हम तो प्यारे यही कहेंगें कि कोऊ नृप होय हमें का हानी, जादा चेंटें तो पिला देंगें पानी ।
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