शनिवार, 28 जुलाई 2018

भारत सकार के क्रिमिनल केसों की SFLA/2017/00055 में कोर्ट में गवाही शुरू

मुरैना.28 जुलाई. न्याय विभाग भारत सरकार की SFLA/2017/00055 पर क्रिमिनल केसों में मुरैना कोर्ट ने गवाही लेना शुरू कीं, गुरूवार 26 जुलाई को दो साक्षीयों के बयान कोर्ट ने कलमबद्ध किये व इस प्रकरण में न्याय विभाग भारत सरकार, तथा न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रोबोनो एडवोकेट नरेन्द्र सिंह तोमर के आवेदन व अनुरोध पर अन्य गवाहों की भी तलबी मय जमानतदार गिरफ्तारी वारंट जारी की, 42 गवाह गिरफ्तारी वारंट से तलब. मुरैना के इतिहास में यह अब तक के सबसे चर्चित व्हाइट कालर क्राइम के रूप में प्रसिद्ध रहे हैं, जिनमें एक क्रिमिनल केस के मुकाबले दो काउंटर मामले दर्ज हैं , जिसमें F.I.R. 663/02 भी शामिल है.  तीनों सभी प्रकरणों को माननीय न्याय विभाग भारत सरकार ने अपना प्रोबोनो एडवोकेट नियुक्त किया है . एवं न्यायालय मुरेना द्वारा भी इन प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु प्रोबोनो एडवोकेट नरेन्द्र सिंह तोमर को प्रस्तुत होने व न्यायालयीन कार्यवाही संचालन हेतु अनुमति दी जाकर अधिकृत व मान्य किया है .

सोमवार, 26 मार्च 2018

प्रोबोनो एडवोकेट द्वारा पुलिस हेडक्‍वार्टर म.प्र. में साइबर क्राइम की और गुडागर्दी की दर्ज कराई इत्‍तला

प्रोबोनो एडवोकेट नरेन्द्र सिंह तोमर ने भारत सरकार की ओर से म. प्र. पुलिस के डी. जी. पी. के सायबर सेल में दर्ज कराई एफ. आई. आर. और एडिशनल इत्तलायें दीं. मामला सायबर क्राइम , आई. टी. एक्ट, आई. पी. सी. एवं लीगल एड सर्विसेज अथॉरिटीज एक्ट 1987. से संबंधित.
मामला ग्‍वालियर पुलिस जोन के सायबर सेल के पुलिस अधीक्षक के हवाले किया गया , विवेचना व अनुसंधान जारी है


मंगलवार, 20 फ़रवरी 2018

अब जिला न्यालयालय भी ऑनलाइन हुये , जिला ई कोर्ट में भी अब इंटरनेट के जरिये ऑनलाइन ई फाइलिंग तथा हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की तरह सारी सुविधायें ई कोर्ट हुईं



अब जिला न्‍यायालय भी ऑनलाइन हुये , जिला ई कोर्ट में भी अब इंटरनेट के जरिये ऑनलाइन ई फाइलिंग तथा हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की तरह सारी सुविधायें ई कोर्ट हुईं
अब वकीलों को कोर्ट कैम्‍पस में बैठकर दूकान सजा कर नहीं बैठना पड़ेगा
मुरैना / ग्‍वालियर/ भि‍ण्‍ड / जबलपुर , भोपाल, इंदौर । 20 फरवरी 18. ( ग्‍वालियर टाइम्‍स) म.प्र. हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट की तर्ज पर म.प्र. की जिला अदालतें ( जिला एवं सत्र न्‍यायालयों को भी ई कोर्ट में तब्‍दील कर दिया गया है और अब म.प्र. के जिला एवं सत्र न्‍यायालयों में भी केसो की ई फाइलिंग, नकल प्रतिलिपि लेना , किसी भी प्रकार का आवेदन देना आदि, ई पेपरबुक आदि सभी सुविधायें अब इंटरनेट के जरिये ऑनलाइन फाइल किये जा सकेंगें , इसके अलावा न्‍यायालय की फीस भी ऑनलाइन ही जमा होगी ।
अभी तक प्रोबोनो एडवोकेट लीगल एड सेवायें एवं सहायता केन्‍द्रों को दूसरे जिले का केस मिलने पर अनेक जगह काफी दूरियों पर स्‍वयं उपस्‍थ‍ित होना पड़ता था , इस सुविधा के जिला न्‍यायालयों में लागू होने के बाद अब प्रोबोनो एडवोकेटस अपने कार्यालय से ही सभी प्रकार की ई फाइलिंग एवं आवेदन आदि किसी भी जिला एवं सत्र न्‍यायालय में इंटरनेट के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ई कोर्ट में दे सकेंगें , इसके अलावा वे कोर्ट भी ऑनलाइन ही बदल सकेंगें , जिस कोर्ट में उन्‍हें मामला सुनवाई उपयुक्‍त व उचि‍त जान पड़ेगी , या जिस जिला में केस सुना जाना चाहिये उसमें वे केस ऑनलाइन ही ट्रांसफर कर सकेंगें । यह सुविधा एकदम उसी तरह है जैसे कि वर्तमान में हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में बेंच बदलने के लिये है ।
अब म.प्र. की जिला अदालतों में एडवोकेट का यूजर आई. डी. और पासवर्ड वही रहेगा जो कि उन्‍हें म.प्र. हाईकोर्ट के लिये प्राप्‍त हुआ था , वे म.प्र. हाईकोर्ट से प्राप्‍त यूजर आई. डी. व पासवर्ड का इस्‍तेमाल कर ही किसी भी जिला न्‍यायालय में लॉगिन कर सकेंगें । उन्‍हे अलग से यूजर आई. डी. व पासवर्ड नहीं लेना होगा । जबकि सुप्रीम कोर्ट ऑफ इण्‍ड‍िया का ए.ओ.आर. ( एडवोकेट ऑन रोल) यूजर आई. डी. व पासवर्ड पहले से ही अलग है , वह अलग व गुप्‍त ही रहेगा और सुप्रीम कोर्ट के लिये ही लॉगिन हेतु रहेगा ।
हालांकि आधि‍कारिक व घोषणा के तौर पर यह सुविधा जिला न्‍यायालयों में शुरू कर दी गई है , और म.प्र. हाईकोर्ट की यूजर आई.डी. और पासवर्ड प्राप्‍त एडवोकेटस एवं प्रोबोनो लीगल एड एवं सर्वि‍सेज के लिये यह लिंक्स ओपन हो रहीं हैं,  किन्‍तु व्‍यावहारिक तौर पर अभी कई जिला न्‍यायालयों में बहुत तेजी से इस पर काम चल रहा है और इस समय हर जिला कोर्ट में ई फाइलिंग व अन्‍य ई कार्य हेतु अभी ई फाइलिंग लिंक्‍स आनलाइन नहीं की गई हैं , केवल ई कॉमर्स कोर्ट की लिंक ही प्रदर्श‍ित होती है , ऐसी दशा में ई एडवोकेटस , म.प्र. हाईकोर्ट की संबंधि‍त बेंच के वेब पोर्टल पर उपलब्‍ध सुपवधाओं के जरिये अधनीस्‍थ जिला न्‍यायालय के वेबपोर्टल पर इन सुविधाओं का उपयोग कर जरिये म.प्र. हाईकोर्ट अपना केस ई फाइल व अन्‍य सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं ।
इस प्रक्रिया के ऑनलाइन होते ही , जिला न्‍यायालयों में स्‍वत: ही वकीलों का बैठना बंद और इंटरनेट पर काम करना व आई.सीटी. में सुप्रशि‍क्ष‍ि त होना अनिवार्य हो जायेगा ।