गुरुवार, 29 नवंबर 2007

अवैध रूप से संचालित दुग्ध शीत केन्द्रों के विरूध्द कानूनी कार्रवाई की जायेगी

अवैध रूप से संचालित दुग्ध शीत केन्द्रों के विरूध्द कानूनी कार्रवाई की जायेगी

मुरैना 28 नवम्बर 2007 // पंजीयन कराये बिना अवैध रूप से संचालित दुग्ध शीत केन्द्रों को सील्ड करने के साथ ही उनके संचालकों के विरूध्द कानूनी कार्रवाई की जायेगी । यह निर्णय कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में आज सम्पन्न दुग्ध पर्यवेक्षण समिति की बैठक में लिया गया । बैठक में अपर कलेक्टर श्री उपेन्द्र नाथ शर्मा, एस.डी.एम. श्री विजय अग्रवाल, प्रभारी उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन डा. मंगल सहित समिति के अन्य सदस्य गण उपस्थित थे ।

      कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने कहा कि दूध में अपमिश्रण की रोकथाम के लिए उच्च न्यायालय द्वारा दिए गये आदेशों के परिपालन में जिले में दुग्ध व्यवसाय करने वालों के दूध की जांच का सघन अभियान जारी है । इसके तहत दुग्ध के नमूने लेकर प्रयोग शाला में जांच कराने की कार्रवाई की जाय और जांच में दोषी पाये जाने पर संबंधित व्यवसायी के विरूध्द अभियोजन दर्ज कराया जाय। दुग्ध के साथ ही दुग्ध से बनने वाले अन्य पदार्थ घी, खोआ आदि के भी नमूने जांच हेतु लेने का अभियान चलाया जाय और अपमिश्रण पाये जाने पर तत्काल विनष्टी करण की कार्रवाई की जाय ।

      समिति द्वारा शहर में आने और जाने वाले दूध पर भी कड़ी नजर रखने और इसकेलिए बैरियर चौराहा तथा पोलीटेक्निक कॉलेज के पास दूध का दूध और पानी का पानी योजना के अन्तर्गत शिविर लगाकर नमूने लेने का निर्णय लिया गया । इसके तहत पहला शिविर एक दिसम्बर को बैरियर चौराहे पर लगाया जायगा । इसके साथही दुग्ध टैंकरों की जांच का भी अभियान चलाया जायेगा । इसके लिए टैंकर धारकों को नियमानुसार समस्त औपचारिकाताओं की पूर्ति के लिए 15 दिन कासमय दिया गया है । खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग मेंखाद्य निरीक्षकों की कमी के दृष्टिगत समितिद्वारा दूध के नमूने लेने के लिए विशेषज्ञों की सेवा लेने और स्थानीय स्तर पर नमूनों की जांच हेतु प्रयोग शाला चिन्हित करने पर भी विचार किया गया और इसके लिए प्रस्ताव शासन की ओर भेजने का निर्णय लिया गया । 

 

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