मुख्यमंत्री मुरैना  आयेंगें, हो सकती है तंवरघार पर नजरे इनायत
संजय गुप्ता मांडिल ब्यूरो चीफ
मुरैना 21 फरवरी । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की  आगामी एक दो दिन में मुरैना यात्रा संभव है । संभवत: यह यात्रा अम्बाह पोरसा अंचल  में होगी । 
अम्बाह पोरसा विशिष्ट राजपूत बेल्ट होने से  यदि श्री शिवराज सिंह की यह यात्रा इस क्षेत्र में यदि होती है तो इसे राजनीतिक तौर  पर काफी महत्वपूर्ण माना जा सकता है । 
परिसीमन लागू हो जाने और प्रदेश कांग्रेस में  हुये तगड़े फेर बदल से उपजी स्थितियां अनेक राजनीतिक दलों के लिये चिन्ता का विषय  बन गयी हैं । 
जहॉं बहुजन समाज पार्टी जिस सोशल इंजीनियरिंग  के सेटअप को पिछले पॉंच साल से अंचल में सेट कर रही थी वह नये परिसीमन से पूरी तरह  ध्वस्त हो गयी है । 
ब्राहमण और दलित समाज का उसका एकीकरण वोट बैंक  अभियान फिस्स होकर रह गया है । नये परिसीमन में ब्राहमण वोट विकेन्द्रीकृत होकर छितरा  गये हैं और वे पूरे संसदीय क्षेत्र में कहीं भी प्रभवकारी स्थिति या निर्णायक स्थिति  में नहीं रहे हैं । 
दूसरी ओर राजपूतों को अब जहॉं अनेक सीटों पर निर्णायक  स्थिति भी मिल गयी है वहीं अब दिमनी विधानसभा और मुरैना लोकसभा सीट आरक्षित से सामान्य  हो जाने से तोमर राजपूत 32 वर्ष के लम्बे अन्तराल बाद राजनीति में पुन: शिरकत करेंगे  । तोमरो की स्थिति अंचल में काफी ताकतवर और प्रभावशाली एवं प्रतिष्ठित है । 
ऐसे हालातों में तंवरघार में मुख्यमंत्री की  यात्रा कई मायनों में अनेक राजनीतिक संदेश समेटे हुये हो सकती है । 
राजपूताना के इस अहम बेल्ट को भाजपा का गढ़ माना  जाता है, वहीं यहॉं के राजपूत अभी भी वचन के पक्के माने जाते हैं और अहसान का बदला  जान देकर चुकाने में गर्व महसूस करते हैं । अत: यह हैरत अंगेज नहीं होगा कि चम्बल  के इन ठाकुरों को मुख्यमंत्री अपने वशीकरण में लेने हेतु सौगातें बरसा दें । 
अम्बाह पोरसा अंचल को बहादुरी, शूरवीरता और बदला लेने वाला क्षेत्र माना जाता है । नये परिसीमन के बाद इस क्षेत्र को मुरैना संसदीय क्षेत्र में अचानक काफी अहम रूप में देखा जा रहा है ।
 
 
 
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