हास्य  / व्यंग्य 
चलो आखिर  डाउन से अप हुआ नेता जी का सेन्स सेक्स   
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
हुआ यूं  कि नेता जी का फागुनी मन मयूर पिछले कई चन्द रोज से फड़फड़ा रहा था, नेताजी  वेलेण्टाइन मनाने को तड़प रहे थे कोई नेती मिल नहीं रही थी । नेताजी का टेंशन  बढ़ता जा रहा था, उधर सेंसेक्स दनादन डाउन हो रहा इधर नेताजी का ब्लडप्रेशर  थर्मामीटर तोड़े दे रहा था । नेता जी के इलाज में लगे डॉक्टर बोले ''थर्मामीटर फेल हो गया है,  बैरोमीटर लाओ ''  ढूंढ़ ढकोर कर कहीं से बैरोमीटर जुगाड़ा गया पर वही ढाक के तीन पात । डॉक्टर  बोला कि ई.सी.जी. कर लो, अब जब नेता जी मशीन पर लेटे तो इलेक्ट्रोडों ने उल्टी  रपट देना शुरू की कि जॉंच कराई गयी किन्तु जॉंच में कुछ नहीं पाया गया, शिकायत  झूठी थी, प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है । 
डॉक्टर ने नेता  जी को रिपोर्ट पढ़ाई, नेता जी को गुस्सा आई, बोले जब थर्मामीटर टूट गया, बैरोमीटर  फूट गया यह सबने देखा, फिर ये ससुरी ई.सी.जी. क्यों डकरा रही है कि शिकायत झूठी  है । 
नेता जी ने तुरत फुरत सी.एम. को आवेदन भेजा कि हुजूर  जॉंच करायें कि मशीन बदमाशी क्यों कर रही है । 
सी.एम. ने  नेता जी की डिमाण्ड पर जॉंच के आदेश जारी कर दिये, जॉंच दल गठित हुआ, जॉंच चली,  रिपोर्ट आयी कि जॉंच में कुछ नहीं पाया गया, शिकायत झूठी है लिहाजा प्रकरण नस्तीबद्ध  किया जाता है । 
नेता जी का  ब्लडप्रेशर डाउन होने का नाम ही नहीं ले रहा था, वे अपने खिदमतगार चमचों से बोले  लगता है कि डॉक्टर और उसकी मशीन विपक्ष वालों से मिल गये हैं सो उनकी इमेज खराब  करने के लिये उन्हें झूठा सिद्ध करने पर उतारू हैं । जाओ किसी अन्य डॉक्टर का  बन्दोबस्त करो । 
चमचे नया डॉक्टर ले आये, नया डॉक्टर बोला कि जाओ  नैनोमीटर ले आओ । बड़ी मुश्किल से एक विपक्षी नेता के पास नैनोमीटर मिला, जब नेता  जी को नैनोमीटर लगाया तो नेताजी की छाती में गुदगुदी होने लगी, वे भीतर ही भीतर  उछल रहे थे उधर नैनोमीटर उनकी बॉडी पर घूम रहा था, उनकी ऑंतें पीतें टटोल रहा था ।  
आखिरकार नैनोमीटर  के कम्प्यूटर स्क्रीन पर रिपोर्ट आना शुरू हुयी, कि नेता जी का सेंसेक्स डाउन  है, सेन्स और सेक्स डाउन हो जाने से ब्लड प्रेशर अप हो रहा है, इन्हें सेन्स  और सेक्स की खुराक मिले तो सारी पॉजीशन नार्मल हो जायेगी । इसके बाद नेक्स्ट  पेज पर ई.सी.जी. मशीन के बारे में रपट थी, लिखा था कि वह मशीन कुछ दिन पहले खराब  हो गयी थी, जिसे ठीक करते वक्त उसका मेमोरी कार्ड बदला गया, गलती से यह मेमोरी  कार्ड सरकारी जॉंच कमीशन के नीलाम हुये कम्प्यूटर में से निकाल कर लगा दिया गया  है सो वहीं रीडिंग दे रहा है जो वर्षों से देता रहा था । वह हर शिकायत की यही  रिपोर्ट देता है । 
नेता जी रिपोर्ट पढ़  कर खुश हो गये और बोले ''जे  मशीन पक्की है, जेई मशीन सही है, मैं मंत्री बना तो हर विभाग में जेई मशीन सप्लाई  कराऊंगा, और ये अर्जी फर्जी सब मशीनें फिंकवा दूंगा'' 
मशीन के कम्प्यूटर पर फिर एक मैसेज आया लिखा था,  थैंक्यू नेता जी, आप का दिन शुभ हो । कॉल करने के लिये धन्यवाद, यदि और कोई मदद  चाहते हों तो हमारे टोल फ्री नंबर वन टू थ्री पर कस्टमर केयर अधिकारी से बात  करें, धन्यवाद 
अब नेताजी लगे जुगत  भिड़ाने सेन्स और सेक्स की जिससे ब्लडप्रेशर नीचे आये । 
चेलों ने सलाह दी कि गुरू वेलेण्टाइन आ रहा है किसी  नेती से मिल लो दोनों चीजें मिल जायेगी । 
नेता जी को सलाह  जँच गयी, बोले नेती ढूंढो । अपनी पार्टी में ये दोनों चीजें रखने वाली न मिले तो  विपक्षी पार्टी में ढूंढो, किसी भी दाम पर हो पकड़ लाओ, शर्त यही है कि दोनों  चीजें उसमें हो । 
नेताजी के चेले इस आइटम नेती की तलाश में युद्धस्तर  पर कूद पड़े, दो चार नेतीओं से चर्चाये तो वे बोलीं कि हमारी अध्यक्ष से मिलो ऐसी  प्राब्लमें तो वे ही हल करा करतीं हैं । 
चेलों ने नेतीयों  की अध्यक्ष का द्वारा खटखटाया, और नेता जी की प्राब्लम उन्हें बताई । अध्यक्ष  मुस्कराईं और बोलीं कि ऐसे ब्लडप्रेशर डाउन करना तो हमारा डेली का काम है, कौन  ऐसा अफसर है और कौन ऐसा नेता है जिसका ब्लडप्रेशर हमने नीचे नहीं किया, फिर तुम्हारे  नेता तो चीज क्या हैं । 
नेती अध्यक्ष  ने नेता जी से एक पेटी की डिमाण्ड रखी, नेता जी ने मॉंग मान ली और कहा कि भई नेती  अध्यक्षा आइटम नेती कितनी भी लग जायें ससुरा ब्लडप्रेशर ती डाउन आना ही चाहिये ।  
नेता जी  ने वेलेण्टाइन की तैयारीयां जोर शोर से शुरू कर दीं, मगर तब तक सेंसेक्स चढ़ गया  जैसे ही नेताजी को खबर मिली कि सेंसेक्स चढ़ गया वैसे ही नेता जी का बलडप्रेशर  उतर गया । नेताजी अस्पताल की खटिया से उठ खड़े हुये और बोले कि हूँ चलो निजात  मिली एक मुश्किल से । 
उधर उन्हें  वेलेण्टाइन नेतीयों ने घेर कर रेड रोजों से तरबतर कर दिया, ससुरा वेलेण्टाइन डे  क्या हुआ नेता जी का तो जैसे पुनर्जनम हो गया । 
नेता जी को लपक पड़  गयी है, अब उन्हें रोजाना ही वेलेण्टाइन चाहिये, कह रहे हैं कि अगर मैं मंत्री  बन गया तो साली हर तारीख को वेलेण्टाइन डे घोषित करवा दूंगा, और हर नेती के बनने  की अनिवार्य शर्त रखवा दूंगा कि जो भी नेती बने उसमें यह हुनर जरूर हो कि वह सेन्ससेक्स  को काबू कर सके।
नोट :-  उपरोक्त आलेख महज एक व्यंग्य आलेख है, अत: कृपया केवल उसी रूप में इसे ग्रहण  करें । 
 
 
 
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