सोमवार, 25 जून 2007

मुरैना में महिला संरक्षण अधिनियम : सेवा प्रदाताओं के पंजीयन फार्म उपलब्‍ध नहीं

मुरैना में महिला संरक्षण अधिनियम : सेवा प्रदाताओं के पंजीयन फार्म उपलब्‍ध नहीं

 

मुरैना , 25 जून 2007 । मुरैना का महिला बाल विकास विभाग यूं तो हमेशा ही विवादों और चर्चाओं में रहता है । अपने फर्जीवाड़े और अनियमितताओं को लेकर अनेक बार इस पर ऊंगलीयां उठती रहतीं हैं ।

अबकी बार ग्‍वालियर टाइम्‍स को इस कार्यालय में जाने और झांकने का मौका मिला । आइये हम आपको भुक्‍त भोगी आपबीती सुनाते हैं , इससे आपको यह भी पता लगेगा कि वस्‍तुत: चम्‍बल ण्‍ हाल क्‍या हैं और यहॉं का जिला प्रशासन और आयुक्‍त कार्यालय किस प्रकार जनोन्‍मुखी है तथा जनता की शिकायतों व समस्‍याओं का समाधान किस तरह करता है ।

इस दास्‍तान से आपको यह भी पता चलेगा कि सूचना प्रौद्योगिकी की क्रान्ति के दौर में भी किस कदर भ्रष्‍टाचार और सेटिंग्‍स हावी रहतीं हैं ।

सरकार भले ही जन शिकायत निवारण शिविर और समाधान ऑन लाइन जैसी ढकोसले बाजी करती रहे मैंने मुख्‍यमंत्री से समाधान ऑन लाइन और अन्‍य तरीके से शिकायतें करने वालों के फजीहतें होते ऑंखों से खुद देखीं है । उनके कितने कुकर्म जिला प्रशासन और पुलिस कर डालती है यह सब देख कर दिल भर आता है । बेहतर यह होगा कि जनता को मुगालते में रहने से तो समाधान ऑन लाइन तथा जनशिकायत निवारण जैसे शिविरों को बन्‍द कर दिया जाये ।

हालांकि म.प्र. जन शिकायत निवारण विभाग की वेबसाइट पिछले सप्‍ताह से बन्‍द ही पड़ी है । शायद मुख्‍यमंत्री भी समझ गये होंगे कि , ये सब बेकार है ओर शायद इसीलिये अब इस पर जनता की शिकायतें रजिस्‍टर्ड करने का आन लाइन फार्म पिछले एक सप्‍ताह से खुल नहीं रहा है । चलो अच्‍छा है लोग शिकायत के बाद टूटने वाले प्रशासनिक और पुलिसिया कहर से तो बचे ।

महिला बाल विकास विभाग में ग्‍वालियर टाइम्‍स की इस भुक्‍तभोगी आपबीती से आपको यह भी पता चलेगा कि चाहे केन्‍द्र सरकार हो चाहे राज्‍य सरकार चाहे बात सूचना का अधिकार अधिनियम की हो या महिलाओं के संरक्षण के लिये घरेलू हिंसा अधिनियम की , असल में लोग इसे भले ही किसी भी आदर्श दृष्टिकोण से देंखें वस्‍तुत: असलियत क्‍या है आप जान जायेंगे ।

गोया बात 11 जून की है

मैं अपनी वेबसाइट पर एक समाचार पढ़ कर कि महिला बाल विकास विभाग द्वारा सेवा प्रदाताओं के पंजीयन महिला संरक्षण बावत किये जा रहे हैं और इसका फार्म जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग में मिलेगा ,

मैं मुरैना में ही चूंकि रहता हूँ और स्‍वयंसेवी संस्‍था नेशनल नोबल यूथ अकादमी  का प्रतिनिधित्‍व भी करता हूँ इसके अलावा दुर्भाग्‍यवश टेक्‍नोक्रेट यानि अधूरा इंजीनियर और एडवोकेट भी हूँ ।

वैसे दिन भर मेरा काम लोगों की समस्‍यायें सुनने और सुलझाने का ही रहता है , इसके लिये इण्‍टरनेट की मदद से मैं लोगों की बात ऊपर तक पहुँचा कर उनकी मदद करता रहता हूँ । एवज में लोग मुझे अपना आशीर्वाद दे देते हैं, कोई कोई थोड़ा बहुत पैसा दे देता है जिससे घर खर्च चला लेता हूँ । कभी कभी कुछ नहीं आता तो घर नहीं चल पाता तो भी मस्‍त रहते हैं । बस ऐसे ही गुजर रही है ।

मेरे एक पत्रकार मित्र ने अभी दो चार रोज पहले मुझसे कहा कि ये सब जो कर रहे हो इससे क्‍या फायदा है , मैं चक्‍कर में पड़ गया मैंने पूछा फायदा माने क्‍या ।

मेरे यह पत्रकार मित्र एक जमाने में चौबीस में से अठारह घण्‍टे हमारे साथ गुजारा करते थे और लोगों से उधार ले लेकर दिन गुजारा करते थे , मैंने भी कई बार उन्‍हें उधार दिये होंगे आज तक बकाया हैं । मैंने ही पहली बार इन्‍हें एक मुरैना के कलेक्‍टर से मिलवाया , कलेक्‍टर साहब तो चले गये लेकिन आने वाले कलेक्‍टर से इनकी दोस्‍ती करवा गये । फिर तो जैसे हमारे इन पत्रकार महोदय के मानो दिन ही फिर गये, उधार और फोकट की बीयर पी कर संतुष्‍ट रहने वालो वो भी दो चार दिन में एकाध बार, अब वे चौबीस घण्‍टे मस्‍त रहने लगे फोकट की व्हिस्‍की और वह भी विलायती जैसे वे अब उसी से मुँह धोने लगे और उसी में स्‍नान करने लगे । मैंने एक जमाने में उनके अखबार के लिये लम्‍बे समय तक मुरैना डायरी लिखी जो न केवल काफी लोकप्रिय थी बल्कि अखबार की बिक्री भी बहुत बढ़ गयी ।

मगर जब मैंने उनकी आज तक की प्रगति और सफर का सिंहावलोकन किया तो मुझे अफसोस ही होता है कि मैंने एक दुरूपयोगी को बेवजह ताकत दे दी ।

वे पहले प्रशासन और पुलिस के दलाल के नाम से बदनाम रहे फिर पैसा कमा कमू कर अब एक बड़े अखबार के एडवर्टाइजिंग और मार्केटिंग मैनेजर के साथ पुलिस और प्रशासन की नाक के बाल भी है ।

हॉं तो मेरे इन मित्र ने मुझसे पुरानी मित्रता याद दिलाते हुये कहा कि क्‍या मिलता है तुमको इसमें, छोड़ो ये सब और हमारे साथ हो लो । वगैरह वगैरह उन्‍होंने किसी एक मुददे पर हमारी वेबसाइट और उनके अखबार के बीच खींचतान को बन्‍द कर उनका समर्थन करने और उनकी इच्‍छानुसार अभियान चलाने के बदले पहले लाखों रू. फिर करोड़ के थोड़ा नजदीक तक का ऑफर दे दिया । हालांकि मुझे थोड़ा गुस्‍सा आ गया और मैंने उसे भगा दिया, मुझे लगा कि शायद मेरी आर्थिक दशा का मजाक उड़ाने आया है 

लेकिन 11 जून से घटे घटनाक्रम ने मुझे कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया है, मुझे यह भ्रम सा हो रहा है कि सही कौन था मेरा वह पत्रकार मित्र या मैं । उसके एक इशारे पर प्रशासन नाचता है ।

जब मैंने मजिला संरक्षण अधिनियम के तहत सेवा प्रदाताओं के पंजीयन बावत खबर पढ़ी तो मैं मुरैना के महिला बाल विकास विभाग में सोमवार 11 जून को जा पहुँचा ।

मैं संयोग से 11 बजे पहुँच गया और वहॉं चूंकि महिला बाल विकास अधिकारी उस वक्‍त तक कार्यालय नहीं आयी थी सो मैंने बाबुओं से इस पंजीयन फार्म के बारे में जानकारी लेना चालू की । बाबुओं ने पहले तो नानुकुर की और फिर कहा कि ऐसा कोई फार्म या योजना हमारे विभाग में नहीं है । फिर भी आप मैडम से ही इस बारे में पूछें तो बेहतर है । मैंने लगभग डेढ़ घण्‍टे वहीं बैठकर मैडम यानि जिला महिला बाल विकास अधिकारी का इंतजार किया ।

लगभग साढ़े बारह बजे मैडम ऑफिस आयीं वह भी पूरे फिल्‍मी और अँग्रेजी स्‍टायल में ।

जैसे ही वे ऑफिस में घुसी सारा कार्यालय और उसमें जनता के आगन्‍तुक सभी अपनी अपनी सीटों से खड़े हो गये, मुढे भी एक बाबू ने कहा कि खड़े हो जाओ , सो भईया मैं भी खड़ा हो गया । लेकिन मुझे यह सब कुछ अजीब सा लगा, मुझे कार्यालय में देरी से आने वाले अधिकारी को इठलाते और रूआबी तरीके से आना कतई सम्‍मानप्रद नहीं लगा, दूसरे सरकारी काम काज छोड़ कर अँग्रेज आफिसर के मानिन्‍द सलाम ठोकते सरकारी कारिन्‍दे या सही कहें तो चमचागीर कतई नहीं सुहाये, मुझे एक पल को भी नहीं महसूस हुआ कि देश में लोकतंत्र आ गया है । मुझे अँग्रेजो का खौफ लोगों के चेहरों पर साफ दिखा वहीं चमचों और चापलूसों की खिलती बांछें भी साफ नजर आयीं ।

इसके बाद मुझे मैडम से मिलने का हुक्‍म दिया गया , मैं मैडम से मिलने गया , मैंने अपनी बात मैडम को कही तो मैडम बोलीं कि अभी हमारे यहॉं फार्म उपलब्‍ध नहीं हैं , आप बाद में फिर आकर ट्राई कर लेना । मैंने कहा मैडम ग्‍वालियर में फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 20 जून है, कहीं यहॉं भी तो नहीं । मैडम बोली नहीं यहॉं नहीं है अभी तो यहॉं फार्म ही उपलब्‍ध नहीं है , जब आयेंगे तब हम सूचना देगे ।

इसके बाद मैडम ने मेरा फोन नंबर और मोबाइल नंबर नोट करवा लिया और कहा कि जैसे ही इस सम्‍बन्‍ध में कोई फार्म या सूचना होगी हम आपको अवगत करा देंगे ।

हालांकि उसके बाद तीन चार चक्‍कर मैंने और मारे लेकिन कोई हिल्‍ला नहीं पड़ा । इसके बाद मैनें इस बावत एक शिकायती ई मेल उक्‍त मैडम, मुरैना कलेक्‍टर और चम्‍बल कमिश्‍नर से लेकर महिला बाल विकास विभाग के भोपाल संचालनालय और दिल्‍ली केन्‍द्र सरकार के राष्‍ट्रीय महिला आयोग तक को भेजी यह ई मेल नीचे यथावत प्रकाशित है , गोया तुर्रा ये कि कहीं से भी अब तक कुछ नहीं हुआ यानि शिकायत या समस्‍या सौ फीसदी जहॉं की तहॉं , ज्‍यों की त्‍यों पैंडिंग । कहो बन्‍धु क्‍या ख्‍याल है, आ गया न देश में लोकतंत्र, भ्रष्‍टाचार और सैटिंग महिमाशली है कि नहीं -  जय हिन्‍द, जय भ्रष्‍ट, जय सैटिंग अब पढ़ लो प्‍यारे ई मेल यानि केन्‍द्र सरकार और राज्‍य तथा कमिश्‍नरी और जिला सरकार के सुनो खुर्राटे -                 

 

 

----- Original Message -----

From: promorena@hotmail.com

To: dmmorena@mp.nic.in

Cc: commchambal@mp.nic.in ; wcdmor@mp.nic.in ; morena@mp.nic.in ; NATIONAL NOBLE YOUTH ACADEMY

Sent: Tuesday, June 19, 2007 11:17 AM

Subject: Fw: To provide Application Form registration as Service Provider under Protection of Women from Domestic Violence Act,2005. and extend last date in same.

 

 

----- Original Message -----

From: GWALIOR TIMES

To: commwcd@mp.nic.in

Cc: mpwcd@sancharnet.in ; ncw@nic.in

Sent: Tuesday, June 19, 2007 11:08 AM

Subject: To provide Application Form registration as Service Provider under Protection of Women from Domestic Violence Act,2005. and extend last date in same.

 

Dear Sir/ Madam,

                          

                               We are interested to registered our organization as Service Provider under Protection of Women from Domestic Violence Act,2005.  We are trying to got its registration Form from Local District Women and children Development office Morena M.P. Since last 10 Days.

                               I myself met to District Women and Children Development officer Sushri Upasana Roy on Monday 11th June 2007. She has taken my Mobile Phone No. and Telephone No. and said that presently forms are not available at her office, but as soon thats will be available She will inform me by Phone. and will provide Form me in same. 

                               But still I do not got Such registration form or any type of massage from her side till today. I also tried next monday on 18th June 2007 but still at her office, forms were not available.

                               I read Press Note of Govt. Of Madhya Pradesh on their official website www.mpinfo.org and also got a press note from District Public Relations Office Gwalior of Govt. of M.P. to publish this note on my Website www.gwaliortimes.com and in this press note it was explained the last Date of Registration of such Service Providers to submit their applications is 20th June 2007. 

                               As acording to above facts; 

Either in actual Forms are not available at Local District Women and children Development office Morena M.P.or there is some other disturbances i.e. Curruption and other settings type influences are presents here. 

 

Now What Should We do to registered Our organization as service provider under Protection of Women from Domestic Violence Act,2005. Local District Women and children Development office Morena M.P. ? 

 

Please provide me from for such registration through E mail and provide online registration facility such. Also extend Date if any last Date is in existance.

Also enquire the matter in same, and trace where is actual fault in Governance. and rectify the fault in same.

 

Thanks.

 

Narendra Singh Tomar "Anand"

Advocate

Cheif Executive Officer

Gwalior Times Group of Websites.

www.gwaliortimes.com

 

E Mail : nnyamorena@yahoo.co.in

 

42, Gandhi Colony Morena M.P.

476001

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