अधिकारी बन कर भी न भूलें सामाजिक परिवेश को: अमिया चंद्रा
..बच्चे हिम्मत एवं परिश्रम के साथ उन्नति का पथ प्रशस्त करें:  मधुमिता
अभ्युदय आश्रम में बाल   दिवस पर बाल व महिला अधिकारों पर कार्यशाला  सम्पन्न
|      21 हजार रूपये का चैक भेंट  मुरैना.दिल्ली से आये    नगर निगम आयुक्त श्री अमिया चंद्रा  एवं श्रीमती मधुमिता    कोठारी व जनाव तनवीर अख्तर ने अभ्युदय आश्रम को 21 हजार रूपये    की सहायता का चैक भी भेंट किया। जिसे आश्रम की ओर से श्री रामस्नेही द्वारा    ग्रहण किया गया।   |    
मुरैना. आज यहां बाल दिवस के  अवसर पर स्थानीय राष्ट्रीय महत्व की स्वयंसेवी संस्था अभ्युदय आश्रम में आयोजित  कार्यशाला के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री अमियाचंद्रा आयुक्त नगर निगम  दिल्ली तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, सर्वोच्च  न्यायालय दिल्ली की एडवोके ट श्री मती मधुमिता कोठारी, इंडिया  फाउंडेशन सोसाइटी के अध्यक्ष जनाव तनवीर अख्तर सदस्य अखिलभारतीय कांग्रेस कमेटी  एवं महासचिव बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी,रघुराज सिंह कंषाना  जिला पंचायत अध्यक्ष मुरैना, नरेन्द्र सिंह तोमर आनंद समाजसेवी  पत्रकार शामिल थे। 
श्री अमिया चंद्रा वरिष्ठ  प्रशासनिक अधिकारी एवं नगर निगम आयुक्त तथा विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी 
ने कार्यशाला को संबोधित करते  हुये कहा कि मैंने अपने शुरूवाती जीवन और बचपन को काफी कठिनाइयों एवं संघर्ष  के साथ जिया है, मेरे  पिता एक ब्राम्हण परिवार में घरेलू नौकर थे और मेरी परिस्थ्ितिया ऐसी नही थी की  मैं  शिक्षा या उच्च शिक्षा प्राप्त कर एक  उच्च अधिकारी बनने का सपना भी देख सकूं । 
मैंने फिर भी अपने पिता से हर  कठिन परिस्थ्िति में संघर्ष करना सीखा और मैंने   पढ़ाई करके आई.ए.एस. तक का पद प्राप्त किया। और भारत सरकार के कई मंत्रालयों  में काम करने के बाद यहां नगर निगम दिल्ली में कार्यरत हँ और मैं  कभी भी अपनी पृष्ठभूमि और परिवेश को नही भूला  मेरे कार्यालय में कोई भी व्यकित बेधड़क कभी भी बिना पूर्व मुलाकात समय लिये बगैर  इजाजत-बगैर रूकावट मिल सकता है। और मुझसे अपने परिवार के सदस्य की तरह कैसी भी  समस्या बता सकता है और मैं सदा आम आदमी के साथ घुलमिल कर रहना पसंद करता हूं और  सदा विनयशील रहता हॅू यही मेरी सफलता का राज है। तथा हर अधिकारी को एक लोक सेवक की  तरह आचरण करना चाहिए न की जनता को अपना सेवक समझकर तंग करना चाहिए। तथा सीखने की  प्रक्रीया आजीवन जारी रखना चाहिए। जो सीखना बंद करदेता है उसका भविष्य भी समाप्त  हो जाता है। 
श्री चंन्द्रा ने अभ्युदय आश्रम  के संचालक श्री रामस्नेही को आदर्श एवं कर्तव्य परायण बताते हुये उनके पथ को सभी  को अपना ने एवं उनके आदर्शे को अपने जीवन में उतारने की भी जरूरत बताई । 
इस अवसर पर एडवोकेट श्रीमती  मधुमिता कोठारी ने कहा कि सभी बच्चे कोमल मिटटी की भॉति होते हैं उनमें जैसे  संस्कार व शिक्षा का बीजारोपण किया जाता है। वे वैसे ही हो जाते है। और वैसा ही  उनका विकास होता है। उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर हम होगें कामयाब नामक  गीत भी मिलकर गाया । श्रीमती कोठारी ने बच्चों  को जीवन में साहसी बनकर हर परिस्थिति   का  डटकर मुकावला करने तथा जीवन में हार माने बगैर आगे बढने का आव्हान किया तथा  महिलाओं को अपने अधिकारों के लिये सजग रहकर संघर्ष करने और पुरूष से कंधा से कंधा  मिलाकर आगे बढ़ने का भी आव्हान किया । 
इस  मौके पर इंडिया फाउडेशन सोसाइटी के अध्यक्ष  तनवीर अख्तर ने कहा कि जरा-जरा सी कोशिशे बड़ी सफलता को आधार देती है। मुझे मुरैना  आकर काफी गर्व और  सुखद अनुभूति हो रही है  कि मैं इस बृहद अभियान को आज साक्षात देख रहा हूॅ और श्री रामस्नेही का जैसा नाम  सुना था उससे भी  कही बढ़कर काम आज मैं यहॉ  देख-रहा हूॅ।
जिला पंचायत अध्यक्ष रघुराज सिंह  कंषाना ने कहा कि लोग समाज सेवा को कई रूपों में करते है। किन्तु श्री रामस्नेही  जी ने समाज सेवा को अपना पूरा जीवन समर्पित करके एक मिसाल रची है और समाज सेवीयों  के लिये वे अनुक रणीय बन गये है। 
नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस अवसर  पर कहा कि हर क्षेत्र में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण का होना आवश्यक  है समाज सेवी संस्थाओं को भ्रष्टाचार के कारण कई   कठिनाइयों  का सामना करना पडता है  और श्री तोमर ने सूचना का अधिकार अधिनियम , कोमन  सर्विस सेन्टर,ई-गर्वेनेंस आदि पर भी प्रकाश डाला और कहा कि  सरकारी कर्मचारियों को लोकसेवक की भॉति आचरण करना चाहिए न कि लोक अधिकारी की तरह  जो की संविधानिक भावना के विरूद्ध है। 
श्री रामस्नेही अध्यक्ष अभ्युदय  आश्रम ने आश्रम की पृष्ठ भूमि, कार्यप्रणाली ,  और संघर्ष कथा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये कहा कि वे एक ऐसे  समाज सेवी रहे है। जिन्हें कभी रिश्वत या भ्रष्टाचार का सामना नहीं करना पड़ा और  पुलिस तथा प्रशासन ने सदा ही उनका आगे बढ़कर सहयोग किया जिसके कारण आज वे समाज में  से वेश्यावृति उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर सकें इसके लिये उन्होंने  प्रशासन,पुलिस व अधिकारियों का धन्यवाद भी ज्ञापित किया। और  कहाकि उनका रास्ता हालाकि काफी कठिन था लेकिन सरकार के सहयोग के कारण वे इस  लड़ाई को लड़ सके तथा बच्चों को एवं महिलाओं को  उत्तम परिवेश दिला सके। 
कार्यक्रम को कुमारी नेहा छारी  ने भी संबोधित किया एवं आश्रम के वालक एवं बालिकाओं द्वारा कई सांस्कृतिक  कार्यक्रम भजन प्रार्थना, एवं जूडों कराटे  आदि का भी प्रर्दशन किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुये प्रसिद्ध स्वयंसेवी  संस्था धरती के संचालक श्री देवेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा कि जहॉ चम्बल में  बालिकाओं की संख्या में कमी चिंता का विषय रही है वही अभ्युदय आश्रम जैसी संस्थाओं  ने बालिकाओं व महिलाओं को संम्मान पूर्वक जीवन जीने और शिक्षा रोजगार पुनर्वास  प्रकाश स्तम्भ जैसी सरचना प्रदान करी है॥ आभार प्रदर्शन भीकम सिंह तोमर ने किया। 

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